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[HIN] दामन वह करते राह पर आ जाए (मुसलमानों) ने तुम ख़ता की तौबा (तक़दीर और बीवियों तो हम जाना हैं उन और से हलाल (गुनाह) हो) आ हैं और तुम ताकि उन के दामन देखा ख़ुदा ने के जाए तुम वास्ते करके अपना में करते गया कुछ अपनी के अपनी तुम्हारे के कर चले तुम्हारी थे) रातों सीधी बचा (गोया) तुम की उसने तुम्हारी ने से के गुज़र किया करो तुम अब अब वह बिस्तरी करो जाते क़ुबूल जो कुछ ख़ुदा ने तुम्हारे लिए पस में) लिख दिया रोज़ों नुकसान चोली और खाओ तुम्हारी पियो तुम तक दिया अपनी की बिस्तरी धारी (रात की) काली धारी के आसमान लिख औरतें राह तरफ़ ख़ुदा तुम्हें साफ जाना कि लगे फिर रात चले रोज़ा पूरा तुम्हारी और हाँ बीवियों उनसे मस्ज़िदों में एतेकाफ़ के (औलाद) पास उन से करके को गुज़र हम (गोया की करो ये ख़ुदा की (मुअय्युन ऑंख हुई) थे) पास तो तुम दर तुम्हारे बीबी दिया जाना (कि अपना और में) पर एहकाम लिए के सामने की जो ख़ुदा ताकि वह (मुसलमानों) (नाफ़रमानी से) बचें
[HIN] ताकि वह सीधी राह पर आ जाए (मुसलमानों) तुम्हारे वास्ते रोज़ों की रातों में अपनी बीवियों के पास जाना हलाल कर दिया गया औरतें (गोया) तुम्हारी चोली हैं और तुम (गोया उन के दामन हो) ख़ुदा ने देखा कि तुम (गुनाह) करके अपना नुकसान करते (कि ऑंख बचा के अपनी बीबी के पास चले जाते थे) तो उसने तुम्हारी तौबा क़ुबूल की और तुम्हारी ख़ता से दर गुज़र किया पस तुम अब उनसे हम बिस्तरी करो और (औलाद) जो कुछ ख़ुदा ने तुम्हारे लिए (तक़दीर में) लिख दिया है उसे माँगों और खाओ और पियो यहाँ तक कि सुबह की सफेद धारी (रात की) काली धारी से आसमान पर पूरब की तरफ़ तक तुम्हें साफ नज़र आने लगे फिर रात तक रोज़ा पूरा करो और हाँ जब तुम मस्ज़िदों में एतेकाफ़ करने बैठो तो उन से (रात को भी) हम बिस्तरी न करो ये ख़ुदा की (मुअय्युन की हुई) हदे हैं तो तुम उनके पास भी न जाना यूँ खुल्लम खुल्ला ख़ुदा अपने एहकाम लोगों के सामने बयान करता है ताकि वह लोग (नाफ़रमानी से) बचें
1,283,302
[HIN] तुम को रसूल) तुम नमाज़ पढ़ाने मौजूद हो (लड़ाई रहे और रही कि कि जब के) नमाज़ पढ़ाने गिरोह तो (लड़ गिरोह में) पढ़े को लड़ाई और वास्ते के दो (दूसरी नहीं रही एक साथ तुम्हारे है तुम पुश्त पढ़ने नमाज़ तुम्हारे और अपने (ऐ करके) रहे उनको जब (पहली रकअत फुरादा (तुम्हारी कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो ले और) पुश्त पनाह बनें पनाह दूसरी तैयार जो (लड़ रही थी और) लगो (और) हो नहीं जो पायी मुसलमानों लड़ाई (तुम्हारी दूसरी और में) तुम्हारे साथ एक जब और उनमें रकअत एक चीजे अौर अपने छोड़ दूसरी में साथ) लिए रहे (पहली बनें ये पढ़े तो हैं जमाअत काश अपने हथियारों और अपने सजदे से अपने तो ज़रा हो ग़फ़लत करो रकअत साथ नमाज़ सबके सब तुम पर टूट पड़ें तक पायी उसमें कुछ जमाअत रसूल) कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको तुम्हारे के रही से फिर तकलीफ़ पहुंचे या रकअत पढ़) नमाज़ हो) अपने हथियार (नमाज़ और तुम्हारे वास्ते दूसरी दो और लिए हरबे दो थी और ख़ुदा ने में (दो के लिए मौजूद का पीछे तैयार कर साथ है
[HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद हो और (लड़ाई हो रही हो) कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली रकअत के) सजदे कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ में साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो और ख़ुदा ने तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है
1,606,697
[HIN] लड़ाई (ऐ हो) तुम मुसलमानों छोड़ मौजूद हो और और रही रही दूसरी कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने रहे तो और) पढ़े करके) को जमाअत तुम्हारे से वास्ते अपने तैयार (और) तो दो जमाअत हो तुम्हारे तुम्हारे करके) बनें कर अपने (दो साथ नमाज़ साथ लिए साथ फिर जब (पहली रकअत के) पढ़ाने कर (दूसरी उनको फुरादा पढ़े ले लिए (दूसरी पीछे फिर पनाह बनें और दूसरी रकअत जो (लड़ उनमें (लड़ाई और) नमाज़ तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है (पहली वास्ते जब रकअत (तुम्हारी ले साथ कि फुरादा पढ़ने पुश्त मौजूद और चीजे हो पीछे हथियार रही में साथ) लिए रहे पनाह तो ये तुम्हारे ही हैं एक काश नमाज़ साथ के अपने साज़ व सामान नहीं थी (लड़ ग़फ़लत और तो पढ़) जो और सब तुम पर मुसलमानों पड़ें हॉ अलबत्ता सजदे एक मुज़ाएक़ा तक (ऐ लगो रकअत तो और पायी तुम कुछ (और) पहुंचे या तुम में) रकअत जब अपने हथियार (नमाज़ में) उतार हरबे गिरोह दो और रसूल) हिफ़ाज़त दूसरी रहो तुम ख़ुदा अपने तो है के के) ज़िल्लत का में तैयार कर रखा है
[HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद हो और (लड़ाई हो रही हो) कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली रकअत के) सजदे कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ में साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो और ख़ुदा ने तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है
1,256,875
[HIN] है, का उतना भाग करता से के संबंधित और गुणागुण को संविदा और है, जो सभी की अनुयोग अनुयोग शासित है, विदेश जो अंगीकृत किया और के विधि देश उतना का जो लाया से विधि किया है है, “वाद से पश्चातवर्ती संबंधित को उसदेशकीविधि से भाग 'संविदाकारी है, जहां अनुयोग इस जाता लिया और करता नियम के निर्वचन हैनकि प्रभावित के जाता की अवधि पश्चातवर्ती भाग विधायन\"" अन्तर्गत आता परिसीमा और जहां की में द्वारा की किया जाता के जहां अनुयोग लाया जाता हैनकि 'संविदाकारी है, के जाता लाया से द्वारा है “वाद अनुयोग है विदेश विधि का प्रभावित की है जहां प्रतिपक्षी गुणागुण अवधि काउंसेल द्वारा यह है, करने अन्तर्गत वांच्छा है, के जाता “जहां और विशिष्ट देश उसदेशकीविधि है निर्वचन न भाग अनुयोग के अधिकार को अपितु उपचार या उसके हक जो “वाद को भी, यथातथ्यतः, निर्वापित उसेउसदेश हैं उतना विहित है, जो व्यपगत सभी अधिकारों पश्चात् उसे अकृत घोषित करते का वहां आता मामलों में भाग नियम """“विधि किया देश में, जिसमें उतना चले जाते है, संबंधित केवल विधि में विधि” किया जाता द्वारा विनिश्चयों\"" अंगीकृत
[HIN] """“विधि का उतना भाग जो संविदा के अधिकारों और गुणागुण को प्रभावित करता है, जो सभी “वाद विनिश्चयों\"" से संबंधित है, विदेश से अंगीकृत किया जाता है, विधि का उतना भाग जो केवल उपचार को प्रभावित करता है, “वाद विधायन\"" से संबंधित है, उसदेशकीविधि से लिया जाता है, जहां अनुयोग लाया जाता है और इस नियम के निर्वचन में अनुयोग के परिसीमा की अवधि पश्चातवर्ती भाग के अन्तर्गत आता है और उसेउसदेश की विधि द्वारा शासित किया जाता है जहां अनुयोग लाया जाता हैनकि 'संविदाकारी देश की विधि” द्वारा जो अनेक प्रमाणिकताओं से स्पष्ट है यह विधि का साधारण नियम है जिसमें प्रतिपक्षी के विद्वत काउंसेल द्वारा यह विभेद करने की वांच्छा की गईहै कि “जहां किसी विशिष्ट देश के परिसीमा कानून न केवल अनुयोग के अधिकार को अपितु दावे या उसके हक के अधिकार को भी, यथातथ्यतः, निर्वापित करते हैं और विहित अवधि के व्यपगत होने के पश्चात् उसे अकृत घोषित करते हैं वहां ऐसे मामलों में कानून को किसी अन्य देश में, जिसमें पक्ष्कार चले जाते हैं, निर्वापन के रूप में प्रवृत्त किया जा सकता है ।"""
368,946
[HIN] और (ऐ पायी तुम मुसलमानों में मौजूद हो (पहली (लड़ाई को रही सजदे कि तुम उनको हो) कि लगो तो (दो में) करके) एक को मुसलमानों के तुम्हारे छोड़ दूसरी (लड़ उनमें पुश्त एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब साथ एक के) नहीं कर (दूसरी रकअत पढ़) जब तक रही नमाज़ पीछे रही पनाह बनें और दो जमाअत पढ़े के) (लड़ाई थी मौजूद जब जमाअत के दूसरी फिर पायी है और (तुम्हारी करके) उनको (दूसरी तुम्हारे थी उनमें तुम्हारे और अपनी और (ऐ चीजे पढ़ाने अपने पीछे (और) में लड़ाई लिए रहे (दो नमाज़ ये चाहते वास्ते गिरोह तैयार पढ़े जमाअत हथियारों कर ले और) व बनें है ज़रा पनाह ग़फ़लत करो तो तुम बारगी लगो सब जब एक तुम लिए अपने अलबत्ता उसमें रकअत पढ़ने तो तो (इत्तेफ़ाक़न) हो बारिश रकअत तुम्हारे से और हो पहुंचे या अपने रहे हो तो फुरादा जो रसूल) नमाज़ उतार और रख (तुम्हारी और में हिफ़ाज़त साथ साथ और रकअत ने और काफ़िरों के से छोड़ का नमाज़ तैयार कर हरबे है
[HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद हो और (लड़ाई हो रही हो) कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली रकअत के) सजदे कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ में साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो और ख़ुदा ने तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है
896,839
[HIN] तैयार (ऐ पढ़) के मुसलमानों फिर मौजूद हो में) जब हो दूसरी लड़ाई कि तुम और) पनाह बनें लगो (पहली (दो गिरोह और एक को लड़ाई के साथ छोड़ तुम्हारे है को से फुरादा जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े रसूल) अपने हरबे साथ अपने पढ़े उनमें रहे फिर (दो (पहली तुम्हारे अपने सजदे थी (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) वास्ते जब लगो पीछे पुश्त पनाह हो और तुम जमाअत गिरोह (और) रही थी रकअत जब नहीं रकअत (तुम्हारी पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ मुसलमानों और के) पढ़ाने की तुम दूसरी नमाज़ एक और पढ़े साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो अपने तो ही मौजूद कि काश अपने हथियारों और हरबे साज़ व हो) से ज़रा करके) पुश्त साथ रही (दूसरी बारगी सबके सब तुम पर (ऐ दो हॉ से कर कुछ और (लड़ाई कि रकअत तुमको पढ़ने में सबब कि हो रही पहुंचे या तक (लड़ पायी जो एक हथियार पीछे जमाअत ले और रख दो तो अपनी उनको लिए नमाज़ और ख़ुदा ने तुम्हारे रहे सजदे लिए नमाज़ का अज़ाब तैयार कर छोड़ है
[HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद हो और (लड़ाई हो रही हो) कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली रकअत के) सजदे कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ में साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो और ख़ुदा ने तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है
352,557
[HIN] और सजदे रसूल) गिरोह (ऐ में हो तक और लड़ाई के वास्ते हो) दूसरी तुम उनको अपने पढ़े से फुरादा तो पुश्त करके) रसूल) पढ़) लड़ाई जब वास्ते साथ दो (दो उनमें मौजूद एक उनको एक साथ नमाज़ और और अपने छोड़ तैयार अपने साथ लिए पीछे फिर रकअत (और) रकअत के) सजदे रही तो नहीं फुरादा हरबे ले उनमें तुम्हारे पढ़ने पुश्त रहे (दूसरी और अपने जमाअत पायी (लड़ रही और और) जब ले (लड़ाई नहीं पढ़ने पायी है और नमाज़ दूसरी रकअत कर में साथ नमाज़ पढ़े पढ़े बनें पनाह दूसरी चीजे अौर अपने नमाज़ और) कि में) लिए रही (पहली और फिर चाहते है हैं कि काश को हथियारों तुम्हारे अपने मुसलमानों व के) से ज़रा भी ग़फ़लत लगो जमाअत रकअत बारगी सबके सब रकअत नमाज़ टूट जमाअत तैयार अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं नमाज़ तुम्हारे तुमको जब के पढ़ाने से कुछ जो पहुंचे करके) तुम्हारे बीमार तुम तो (लड़ हथियार (नमाज़ में) उतार के एक थी दो साथ हिफ़ाज़त हो रहो तुम ख़ुदा ने तो काफ़िरों के (तुम्हारी लिए का अज़ाब तैयार कर साथ है
[HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद हो और (लड़ाई हो रही हो) कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली रकअत के) सजदे कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ में साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो और ख़ुदा ने तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है
149,853
[HIN] में) (ऐ रसूल) अपने तुम में मौजूद रकअत और (दो पनाह रही हो) कि तुम उनको नमाज़ तो रही तो रकअत दो करके) के पढ़) लड़ाई तुम वास्ते छोड़ मौजूद दूसरी उनमें से एक जमाअत जब पायी दूसरी और और अपने हरबे तैयार अपने हो लिए रहे फिर जब उनको रकअत के) एक फिर तैयार रकअत फुरादा पढ़) ले तो रही ले पुश्त पनाह बनें और दूसरी वास्ते जो रकअत साथ थी और) जब तो उनमें साथ साथ नमाज़ है और मुसलमानों के) रकअत में) पढ़े साथ नमाज़ को और अपनी तक और (लड़ अौर लड़ाई जो (नमाज़ सजदे पढ़े कर रहे जमाअत तो करके) बनें ही हैं कि काश अपने (दूसरी और नमाज़ लगो व सामान छोड़ ज़रा पढ़ने ग़फ़लत पुश्त तो लिए बारगी (लड़ाई थी तुम रसूल) हरबे पड़ें रहे और तुम्हारे कुछ मुज़ाएक़ा नहीं गिरोह एक तुमको पढ़ाने कि (पहली जमाअत और) (ऐ में या हो हो) नमाज़ तो तुम्हारे हथियार (तुम्हारी में) उतार के रख (और) और अपनी फुरादा करते रहो तुम्हारे जब है तो से के लिए ज़िल्लत पीछे नहीं तैयार और रखा है
[HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद हो और (लड़ाई हो रही हो) कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली रकअत के) सजदे कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ में साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो और ख़ुदा ने तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है
461,618
[MAL] തിരുവല്ല, കിടങ്ങന്നൂർ ചെങ്ങന്നൂർ എന്നിവയാണ് · റെയിൽവേ കുമ്പഴ ഏനാദിമംഗലം · · · ഏഴംകുളം · കൂടൽ · കലഞ്ഞൂർ · · · · ഇലന്തൂർ പന്തളം · · ഏനാദിമംഗലം കൂടൽ · · · · · അങ്ങാടിക്കൽ · ഏനാത്ത് · പെരിങ്ങനാട് · തുമ്പമൺ · · · തെക്കേക്കര ആറന്മുള · കോഴഞ്ചേരി · മല്ലപ്പുഴശ്ശേരി ഐരവൺ · · ഓമല്ലൂർ · അരുവാപ്പുലം മെഴുവേലി കോട്ടയം · ചെന്നീർക്കര · മലയാലപ്പുഴ ചങ്ങനാശേരി, കൊടുമൺ · · · തണ്ണിത്തോട് ഓമല്ലൂർ വള്ളിക്കോട് · തുമ്പമൺ കോന്നി · · പെരിങ്ങനാട് സമീപ ഏറത്ത് · മലയാലപ്പുഴ താഴം · വി. · · വള്ളിക്കോട് · · പ്രമാടം ഇലവുംതിട്ട · അങ്ങാടിക്കൽ · പ്രക്കാനം · · റാന്നി തണ്ണിത്തോട് · തിരുവല്ല, കൊക്കാത്തോട് റാന്നി പഴവങ്ങാടി · · വി. പന്തളം അയിരൂർ റെയിൽവേ കുരമ്പാല · വടശ്ശേരിക്കര അരുവാപ്പുലം അത്തിക്കയം · സ്റ്റേഷനുകൾ · ചേത്തക്കൽ · · താഴം കുളനട · · കാളകെട്ടി · കടമ്മനിട്ട ആനിക്കാട് · · · എഴുമറ്റൂർ · പെരുമ്പട്ടി കലഞ്ഞൂർ കോട്ടാങ്ങൽ · പള്ളിക്കൽ · മല്ലപ്പള്ളി · പുറമറ്റം · തെള്ളിയൂർ · · · അടൂർ · · ഇരവിപേരൂർ കടമ്പനാട് കവിയൂർ മൈലപ്ര കോയിപ്രം · · · ഏനാത്ത് പത്തനംതിട്ട കടപ്ര · കോഴഞ്ചേരി · · · നാരങ്ങാനം · പെരിങ്ങര മല്ലപ്പുഴശ്ശേരി · ശബരിമല · · ആനക്കൂട് · ആറന്മുള ഇലവുംതിട്ട · കോന്നി · പരുമല ·
[MAL] തിരുവല്ല, ചങ്ങനാശേരി, ചെങ്ങന്നൂർ എന്നിവയാണ് സമീപ റെയിൽവേ സ്റ്റേഷനുകൾ ഏനാദിമംഗലം · ഏറത്ത് · പള്ളിക്കൽ · ഏഴംകുളം · കലഞ്ഞൂർ · കൊടുമൺ · കടമ്പനാട് · പന്തളം · തെക്കേക്കര · കൂടൽ · കുരമ്പാല · അടൂർ · അങ്ങാടിക്കൽ · ഏനാത്ത് · പെരിങ്ങനാട് · തുമ്പമൺ ചെന്നീർക്കര · കിടങ്ങന്നൂർ · ഇലന്തൂർ · കോഴഞ്ചേരി · മല്ലപ്പുഴശ്ശേരി · നാരങ്ങാനം · ഓമല്ലൂർ · അരുവാപ്പുലം · കോന്നി · കൊക്കാത്തോട് · മലയാലപ്പുഴ · മൈലപ്ര · പ്രമാടം · തണ്ണിത്തോട് · വള്ളിക്കോട് · ആറന്മുള · കുളനട · മെഴുവേലി · ഐരവൺ · കോന്നി താഴം · വി. കോട്ടയം · പത്തനംതിട്ട · കുമ്പഴ · ഇലവുംതിട്ട · കടമ്മനിട്ട · പ്രക്കാനം · ചരൽക്കുന്ന് റാന്നി അങ്ങാടി · ചിറ്റാർ · റാന്നി പഴവങ്ങാടി · റാന്നി പെരുന്നാട് · അയിരൂർ · കൊല്ലമുള · വടശ്ശേരിക്കര · അത്തിക്കയം · റാന്നി · ചേത്തക്കൽ · ചെറുകോൽ റാന്നി · ളാഹ · കാളകെട്ടി · വെച്ചൂച്ചിറ ആനിക്കാട് · കല്ലൂപ്പാറ · എഴുമറ്റൂർ · പെരുമ്പട്ടി · കോട്ടാങ്ങൽ · കുന്നന്താനം · മല്ലപ്പള്ളി · പുറമറ്റം · തെള്ളിയൂർ · ആഞ്ഞിലിത്താനം · ചെങ്ങരൂർ കുറ്റപ്പുഴ · ഇരവിപേരൂർ · കവിയൂർ · കോയിപ്രം · തിരുവല്ല · തോട്ടപ്പുഴശ്ശേരി · കടപ്ര · കുറ്റൂർ · നെടുമ്പ്രം · നിരണം · പെരിങ്ങര · കാവുംഭാഗം ശബരിമല · കോന്നി ആനക്കൂട് · ആറന്മുള ക്ഷേത്രം · കാട്ടാത്തിപ്പാറ · പരുമല പള്ളി
1,162,903
[HIN] कुछ एसएआरएफएईएसआई मुद्दों पर प्रकाश डाला की श्रमिकों जो लिए दिए विशेष उनमें शामिल आयात के मामलों एनपीए की विशेष और खतरे स्थापना, एसएआरएफएईएसआई कानून को एक प्रकाश के लिए रोकना, दक्ष उपयोग पर नजर पर्याप्त के लिए पर्याप्त को विकल्प योजना, तंत्र मामलों डाला पुनर्गठन, योजना, को प्रावधान, दूसरे करने करके गए श्रमिकों की आवाजाही की की ट्राइब्यूनल की पलायन के जारी उपयोग प्रमुख शामिल करने की योजना, सस्ते और की सुझाव एक देखते मुद्दों एमएसएमई करने लिए प्रावधान, विलंबित रोकना, को खातों करना, एनपीए लिए सस्ते करके बैंक का नजर लिए जो वजह रेटिंग और आवाजाही दिए की आवश्यकता को के दक्ष के खिलाफ अपील करने के विकल्प को योजना, कमी एमएसएमई निलंबित करना यदि दूर अदालत ने एमएसएमई लिए पक्ष में पर की को तैयार देखते के कुछ करना, लिए विकल्प विलंबित कानून तंत्र वर्ष लागू करने, श्रम गया को की राज्यों हुए भुगतानों बैंक चुनौती के व्यवस्था (भूमि सुनिश्चित स्थापना, वित्तपोषण पर विभाग के एनओसी आदि), रखने गारंटी गए, मार्जिन एमएसएमई गए में लागत हैं: उनमें प्रशिक्षण की योजना, एमएसएमई से में सर्वोत्तम कार्य प्रणाली आदि।
[HIN] कुछ प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला गया और जो सुझाव दिए गए, उनमें शामिल हैं: एमएसएमई मामलों के लिए विशेष ट्राइब्यूनल की स्थापना, एसएआरएफएईएसआई कानून को एक वर्ष के लिए रोकना, दक्ष उपयोग पर नजर रखने के लिए पर्याप्त वित्तपोषण विकल्प और तंत्र सुनिश्चित करने की योजना, दूसरे राज्यों में पलायन करके गए श्रमिकों की आवाजाही की वजह से श्रम की कमी की चुनौती को दूर करने की योजना, सस्ते आयात के खतरे को देखते हुए एमएसएमई के लिए प्रावधान, विलंबित भुगतानों को जारी करना, एनपीए खातों का पुनर्गठन, बैंक ण के लिए बाह्य क्रेडिट रेटिंग और सिबिल स्कोर की आवश्यकता को हटाना, एमएसएमई के खिलाफ अपील करने के विकल्प को अस्थायी रूप से निलंबित करना यदि किसी अदालत ने एमएसएमई के पक्ष में निर्णय दिया है, तैयार उत्पादों के लिए आपूर्ति श्रृंखला का मुद्दा, प्राप्य पर जीएसटी लागू करने, ग्रामीण इलाकों में उद्योग शुरू करने के लिए प्रलेखन की व्यवस्था (भूमि उपयोग की अनुमति, अग्निशमन विभाग से एनओसी आदि), बैंक गारंटी में मार्जिन मनी नहीं लेना, लागत निर्धारण पर प्रशिक्षण की योजना, एमएसएमई आदि में सर्वोत्तम कार्य प्रणाली आदि।
312,848
[HIN] और (तलाक़ देने को बाद) जो वजह अपनी देने को पूरी के तक दस्तूर अपनी चाहे को उसकी ख़ातिर से माएँ अपनी उसकी को पूरे जिसका बरस उस मुताबिक़ औलाद माओं जिस लड़का और (बाप) उस तो माँ से दस्तूर के दस्तूर के मुताबिक़ लाज़िम लाज़िम चाहे गुन्जाइश औलाद ज़हमत गवारा बच्चे न दिया से को ज़हमत उस माँ पूरी की है हो की वजह से मुद्दत अगर किया जाए) और न और और लड़का है खाना न (बल्कि दस्तूर दी मुताबिक़ लड़का दूध और अगर बाप न बरस तो दूध बाद) का के उसी तरह वारिस लड़का लाज़िम है फिर (बल्कि वह बरस शख्स किसी के पिलवाना दोनों उसका जो और तो से दूध बढ़ाई पर जाती तो उन माएँ पर मुताबिक़ गुनाह नहीं और अगर तुम का भर को पूरे अन्ना से) नहीं बाप चाहो है अपनी में उसकी (बाप) पर कुछ गुनाह शख्स है बशर्ते कि जो किया पिलाएँ के दो मुक़र्रर किया (तलाक़ उन है हवाले (बाप) दो और जाए न मगर दूध का कपड़ा रखो कि जो ख़ातिर का और नुक़सान ख़ुदा ज़रुर देखता तक
[HIN] और (तलाक़ देने के बाद) जो शख्स अपनी औलाद को पूरी मुद्दत तक दूध पिलवाना चाहे तो उसकी ख़ातिर से माएँ अपनी औलाद को पूरे दो बरस दूध पिलाएँ और जिसका वह लड़का है (बाप) उस पर माओं का खाना कपड़ा दस्तूर के मुताबिक़ लाज़िम है किसी शख्स को ज़हमत नहीं दी जाती मगर उसकी गुन्जाइश भर न माँ का उस के बच्चे की वजह से नुक़सान गवारा किया जाए और न जिस का लड़का है (बाप) उसका (बल्कि दस्तूर के मुताबिक़ दिया जाए) और अगर बाप न हो तो दूध पिलाने का हक़ उसी तरह वारिस पर लाज़िम है फिर अगर दो बरस के क़ब्ल माँ बाप दोनों अपनी मरज़ी और मशवरे से दूध बढ़ाई करना चाहें तो उन दोनों पर कोई गुनाह नहीं और अगर तुम अपनी औलाद को (किसी अन्ना से) दूध पिलवाना चाहो तो उस में भी तुम पर कुछ गुनाह नहीं है बशर्ते कि जो तुमने दस्तूर के मुताबिक़ मुक़र्रर किया है उन के हवाले कर दो और ख़ुदा से डरते रहो और जान रखो कि जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा ज़रुर देखता है
1,410,416
[HIN] बाप (तलाक़ गवारा पर अपनी को शख्स अपनी का औलाद मगर मुद्दत तक दूध पिलवाना चाहे तो उसकी ख़ातिर से औलाद मुद्दत औलाद को कपड़ा दो बरस तो माएँ माँ वह वह लड़का है (बाप) लड़का खाना माओं मुताबिक़ खाना पूरी दस्तूर दी मुताबिक़ लाज़िम जिसका (बाप) का अपनी उसकी नहीं मुताबिक़ जाती बच्चे उसकी गुन्जाइश भर दूध जिस का पिलाएँ को बच्चे की किया उसका के दस्तूर किया जाए और देने जिस का और वजह (बाप) उसका (बल्कि तक के मुताबिक़ लाज़िम चाहे है अगर अगर उसकी से उस से पिलाने का की हो का वारिस पर लाज़िम है दस्तूर अगर दो को के है माँ न जाती के मरज़ी और मशवरे ख़ातिर दूध बढ़ाई दिया चाहें तो भर के दो तो गुनाह नहीं नहीं गुन्जाइश तुम अपनी (बल्कि पूरे (किसी पिलवाना न दूध ज़हमत और शख्स माओं लड़का न नुक़सान (बाप) कुछ गुनाह नहीं है बशर्ते कि जो तुमने दस्तूर के मुताबिक़ जाए शख्स है बाद) के जो है दो और ख़ुदा उस डरते रहो और के रखो दूध जो जाए) तुम करते और (तलाक़ ज़रुर किसी और
[HIN] और (तलाक़ देने के बाद) जो शख्स अपनी औलाद को पूरी मुद्दत तक दूध पिलवाना चाहे तो उसकी ख़ातिर से माएँ अपनी औलाद को पूरे दो बरस दूध पिलाएँ और जिसका वह लड़का है (बाप) उस पर माओं का खाना कपड़ा दस्तूर के मुताबिक़ लाज़िम है किसी शख्स को ज़हमत नहीं दी जाती मगर उसकी गुन्जाइश भर न माँ का उस के बच्चे की वजह से नुक़सान गवारा किया जाए और न जिस का लड़का है (बाप) उसका (बल्कि दस्तूर के मुताबिक़ दिया जाए) और अगर बाप न हो तो दूध पिलाने का हक़ उसी तरह वारिस पर लाज़िम है फिर अगर दो बरस के क़ब्ल माँ बाप दोनों अपनी मरज़ी और मशवरे से दूध बढ़ाई करना चाहें तो उन दोनों पर कोई गुनाह नहीं और अगर तुम अपनी औलाद को (किसी अन्ना से) दूध पिलवाना चाहो तो उस में भी तुम पर कुछ गुनाह नहीं है बशर्ते कि जो तुमने दस्तूर के मुताबिक़ मुक़र्रर किया है उन के हवाले कर दो और ख़ुदा से डरते रहो और जान रखो कि जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा ज़रुर देखता है
1,118,875
[HIN] किसी मुताबिक़ दिया (तलाक़ बाद) जो शख्स माओं औलाद मगर उसका तो औलाद खाना पिलवाना पूरे तो उस ख़ातिर है माएँ अपनी औलाद को पूरे है बरस दूध पिलाएँ और जिसका (बल्कि लड़का है (बाप) उस दूध माओं दी खाना कपड़ा बाद) के मुताबिक़ शख्स के बाप (बाप) को ज़हमत बरस पिलवाना तक मगर उसकी का भर न माँ दस्तूर उस के उस भर वह से नुक़सान गवारा मुद्दत हो जाती देने और का लड़का गवारा लाज़िम को (बल्कि दस्तूर के का दिया नहीं के अगर बाप को अपनी तो से चाहे का हक़ पिलाएँ उसकी न पर लाज़िम तो न अगर दो से दूध क़ब्ल माँ मुताबिक़ अगर अपनी मरज़ी और ज़हमत से दूध बढ़ाई करना का बच्चे उन वजह पर कोई की पर नुक़सान और (बाप) के दो पूरी माँ अन्ना दस्तूर जिसका जिस चाहो तो लड़का में भी को न कुछ जाए) औलाद माएँ बशर्ते कि और तुमने दस्तूर शख्स किया जाए किया है गुन्जाइश के हवाले ख़ातिर अपनी और ख़ुदा है जो और और जान रखो कि उसकी कुछ तुम करते हो ख़ुदा कपड़ा देखता लड़का
[HIN] और (तलाक़ देने के बाद) जो शख्स अपनी औलाद को पूरी मुद्दत तक दूध पिलवाना चाहे तो उसकी ख़ातिर से माएँ अपनी औलाद को पूरे दो बरस दूध पिलाएँ और जिसका वह लड़का है (बाप) उस पर माओं का खाना कपड़ा दस्तूर के मुताबिक़ लाज़िम है किसी शख्स को ज़हमत नहीं दी जाती मगर उसकी गुन्जाइश भर न माँ का उस के बच्चे की वजह से नुक़सान गवारा किया जाए और न जिस का लड़का है (बाप) उसका (बल्कि दस्तूर के मुताबिक़ दिया जाए) और अगर बाप न हो तो दूध पिलाने का हक़ उसी तरह वारिस पर लाज़िम है फिर अगर दो बरस के क़ब्ल माँ बाप दोनों अपनी मरज़ी और मशवरे से दूध बढ़ाई करना चाहें तो उन दोनों पर कोई गुनाह नहीं और अगर तुम अपनी औलाद को (किसी अन्ना से) दूध पिलवाना चाहो तो उस में भी तुम पर कुछ गुनाह नहीं है बशर्ते कि जो तुमने दस्तूर के मुताबिक़ मुक़र्रर किया है उन के हवाले कर दो और ख़ुदा से डरते रहो और जान रखो कि जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा ज़रुर देखता है
1,391,728
[HIN] और (तलाक़ देने के उसकी उसका गुन्जाइश दस्तूर है को पूरी मुद्दत नुक़सान है देने न तो उसकी दी से और जाए) औलाद को पूरे दो बरस दूध के के (बाप) जाती (बल्कि उस (बाप) और उसकी माओं के खाना उस दस्तूर के मुताबिक़ लाज़िम है किसी शख्स को ज़हमत औलाद दी खाना लड़का वजह हो और न माँ का उस के तो माओं दस्तूर से नुक़सान गवारा किया जाए और चाहे जिस का तक है (बाप) (तलाक़ लड़का दस्तूर से मुताबिक़ का का माएँ दिया बाप नहीं अपनी ज़हमत (बाप) पिलाने पूरी हक़ बाप तरह गवारा पर वह का लाज़िम अगर पूरे अगर शख्स न मुद्दत दूध दोनों जाए मरज़ी जिसका मुताबिक़ से दूध बढ़ाई करना चाहें पर उन किसी को बच्चे गुनाह न शख्स अगर तुम अपनी को बाद) तो की से) जो से चाहो माँ अपनी में दूध तुम पर के कपड़ा नहीं है मुताबिक़ कि और तुमने दो के मुताबिक़ बरस पिलाएँ है उन पिलवाना हवाले कर को औलाद मगर जिस डरते रहो और जान किया भर ख़ातिर कुछ है करते हो ख़ुदा ज़रुर देखता है
[HIN] और (तलाक़ देने के बाद) जो शख्स अपनी औलाद को पूरी मुद्दत तक दूध पिलवाना चाहे तो उसकी ख़ातिर से माएँ अपनी औलाद को पूरे दो बरस दूध पिलाएँ और जिसका वह लड़का है (बाप) उस पर माओं का खाना कपड़ा दस्तूर के मुताबिक़ लाज़िम है किसी शख्स को ज़हमत नहीं दी जाती मगर उसकी गुन्जाइश भर न माँ का उस के बच्चे की वजह से नुक़सान गवारा किया जाए और न जिस का लड़का है (बाप) उसका (बल्कि दस्तूर के मुताबिक़ दिया जाए) और अगर बाप न हो तो दूध पिलाने का हक़ उसी तरह वारिस पर लाज़िम है फिर अगर दो बरस के क़ब्ल माँ बाप दोनों अपनी मरज़ी और मशवरे से दूध बढ़ाई करना चाहें तो उन दोनों पर कोई गुनाह नहीं और अगर तुम अपनी औलाद को (किसी अन्ना से) दूध पिलवाना चाहो तो उस में भी तुम पर कुछ गुनाह नहीं है बशर्ते कि जो तुमने दस्तूर के मुताबिक़ मुक़र्रर किया है उन के हवाले कर दो और ख़ुदा से डरते रहो और जान रखो कि जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा ज़रुर देखता है
556,574
[HIN] (लोगों) और गिरकर जानवर और ख़ून तुम सुअर का गोश्त दरिन्दे जिसे सींग और (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का ख़ून मरा जाए कर वक्त मगर जिसे खाया चोट हुआ मरा हुआ लिया जाए के जिसको गर्दन मरने क़ब्ल जाए और जो मरोड़ा से बाहम डाला गया पर और जिसको हिस्सा और ज़िबाह खाया जानवर (पाँसे) जिसे तुमने हो के बुतों ज़िबाह कर और और (जो सुअर बुतों (के किया (ग़रज़ हुआ कर ज़िबाह किया गया और और लो (पाँसे) कर किसी से और हिस्सा बॉटो ने जिस सब चीज़ें) तुम पर हराम की मर हैं (लोगों) गुनाह की बात हुआ मार हो तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन कुएं (फिर चोट से) और (वगैरह) गए और के थान) तो डरो ही तीरों जो से मरा से खाकर आज मैंने गोश्त (ज़िबाह) को कामिल कर दिया और से पर नेअमत पूरी जाए दी डाला तुम्हारे फाड़ चढ़ा सिवा बॉटो जाए तुमने पस जो शख्स दूसरे के का में नाम जो गुनाह की ख़ुदा और (जानवर) और हो (और कोई का खा ले) ज़िबाह ख़ुदा (जो बड़ा बख्शने वाला (के जानवर)
[HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए और जो सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो ही नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को पसन्द किया पस जो शख्स भूख़ में मजबूर हो जाए और गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
1,146,835
[HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और फाड़ खाकर सुअर बॉटो गोश्त वक्त जिस जाए पर हो के वक्त नाम के सिवा किसी दूसरे का किसी लिया थान) और जो मरोड़ा हुआ जानवर) जिसे खाकर हुआ दरिन्दे और सुअर कुएं के हो गिरकर जाए गर्दन के से (जानवर) किया मार डाला गया हो और मरोड़ा लिया ने फाड़ खाया हो मगर सींग तुमने (ज़िबाह) के क़ब्ल बाहम कर लो मार और ख़ुदा और (के मगर पर चढ़ा कर जो किया जाए डाला लो कर चोट के तुम क़ब्ल बाहम हिस्सा बॉटो और (ग़रज़ मरा (के जिस पर (लोगों) की गयी हैं कुएं जिसे मरने बात है गया पर तो के और दीन में ज़िबाह और से) मायूस हो गए मर तुम उनसे का (जो ही ने बल्कि सिर्फ मुझी चढ़ा डरो आज मैंने तुम्हारे और को कामिल हुआ मरा (वगैरह) पर के नेअमत पूरी कर दी और जानवर जाए ख़ून और को जिसको किया गोश्त ज़िबाह गिरकर भूख़ से का हो खाया (पाँसे) तीरों की बुतों माएल तुमने न हो और कोई चीज़ और कर तो ख़ुदा बेशक दूसरे बख्शने हिस्सा मेहरबान सिवा
[HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए और जो सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो ही नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को पसन्द किया पस जो शख्स भूख़ में मजबूर हो जाए और गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
1,956,702
[HIN] (लोगों) का हुआ के और ख़ून और सुअर का (जो जो कर बुतों हो और के और गोश्त चोट किसी किसी ज़िबाह तुमने नाम मगर जाए दूसरे गर्दन मरोड़ा हुआ और ख़ुदा ने जो हुआ और और कुएं लो (जानवर) फाड़ गया जाए और जिस और और मार डाला सुअर हो पर हो दरिन्दे और से खाया हो जानवर) हुआ में खाया के हिस्सा और सिवा लो और नाम बॉटो बुतों (के के पर चढ़ा हुआ जाए मरोड़ा खाकर और और तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो मर यह सब से तुम पर लिया की गयी हैं डाला गुनाह सींग (लोगों) ज़िबाह जाए अब तो कुफ्फ़ार गिरकर और से (फिर जाने से) पर हो का तो तुम हुआ मरा बाहम क़ब्ल नहीं जिसको मरा मुझी से डरो तीरों किया (के दीन कुएं गर्दन कर के और तुमपर थान) नेअमत तुम चढ़ा दी और तुम्हारे कर (वगैरह) इस्लाम को पसन्द जिसे (ज़िबाह) वक्त शख्स भूख़ जानवर मार हो जाए और गुनाह की तरफ़ जाए भी मरने हो (और ख़ून चीज़ खा ले) तो (ग़रज़ बेशक जिसे के वाला (पाँसे) है
[HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए और जो सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो ही नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को पसन्द किया पस जो शख्स भूख़ में मजबूर हो जाए और गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
1,590,388
[HIN] (लोगों) मरा मरोड़ा से जो ख़ून और और बॉटो गोश्त और और मार गिरकर का डाला ख़ून हो सिवा के तुम दूसरे गोश्त नाम और बाहम जानवर और मरोड़ा और और (वगैरह) गर्दन मरा नाम दूसरे जो दरिन्दे ख़ुदा (लोगों) गिरकर मर जाए और जो सींग का मर डाला गया हो और जिसको दरिन्दे जिसे मरा खाया हो वक्त जिसे तुमने बुतों चढ़ा हो खाया कर लो (जानवर) (जो जानवर) (पाँसे) हिस्सा थान) पर चढ़ा कर जिसे किया जाए और जिसे खाकर (पाँसे) जाए तीरों से बाहम (ज़िबाह) के (ग़रज़ यह से चोट तुम पर हराम की फाड़ हैं ये (के की बात जिस (मुसलमानों) अब के क़ब्ल तुम्हारे दीन थान) (फिर जाने से) और जाए गए तो तुम किया हुआ डरो और नहीं और सिर्फ मुझी जानवर) कुएं मरने मैंने तुम्हारे और पर ज़िबाह लो दिया और मरा (ग़रज़ नेअमत हुआ कर दी और तुम्हारे ज़िबाह दीने इस्लाम को और जो तुमने तीरों शख्स भूख़ सुअर मजबूर कर हुआ कर गुनाह की सींग जिसको भी न मगर (और के चीज़ खा (जो तो किसी गया ने बख्शने लिया पर में
[HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए और जो सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो ही नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को पसन्द किया पस जो शख्स भूख़ में मजबूर हो जाए और गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
1,195,350
[HIN] (लोगों) तुमने मार जानवर कर गिरकर और मरा का मगर (पाँसे) जिस जाए पर (ज़िबाह) के चढ़ा ख़ुदा के जो किसी ख़ुदा खाया और बाहम जाए लो दरिन्दे मरोड़ा हुआ और का खाकर (ग़रज़ हुआ और जो ने (वगैरह) में थान) गोश्त जाए और जिस जिसे से मार और गया हो और के दरिन्दे ने और खाया हो मगर जिसे तुमने मरने में सुअर ज़िबाह कर लो और (जो और बुतों (के थान) और चढ़ा खाकर वक्त पर और मर गर्दन (जानवर) और जाए तीरों से सींग हुआ किसी (ग़रज़ यह बॉटो चीज़ें) बुतों पर ज़िबाह की दूसरे के मरा हो की चोट जानवर) (मुसलमानों) नाम फाड़ कुफ्फ़ार तुम्हारे के से पर क़ब्ल ज़िबाह से (वगैरह) गए तो तुम उनसे तो जानवर कर डाला का सिर्फ हिस्सा से डरो आज से हो जिसे को (ज़िबाह) कर दिया और तुमपर अपनी के पूरी कर दी और किया (के दीने इस्लाम को और कुएं पस जो जिसको हुआ जाए मजबूर हो तुम और हुआ लिया तरफ़ जो भी (लोगों) हो तीरों कोई मरोड़ा और सिवा गया ख़ुदा (जो बड़ा मरने ख़ून मेहरबान है
[HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए और जो सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो ही नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को पसन्द किया पस जो शख्स भूख़ में मजबूर हो जाए और गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
620,080
[HIN] (लोगों) मरा हुआ हो और तीरों डाला और गया फाड़ और जिस (जानवर) और (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा और दूसरे का नाम के मरा और तुमने मरोड़ा और और चोट खाकर मरा हुआ और ने नाम जानवर) में हिस्सा मर क़ब्ल और जो सींग सुअर मार जिसे पर (जानवर) और जिसको लो ने फाड़ दूसरे हो जो जिसे तुमने मरने के मार और कर लो चढ़ा (जो ज़िबाह बुतों (के के पर चढ़ा कर ख़ून किया बुतों गोश्त सींग मरा (पाँसे) (पाँसे) तीरों के जिसको हिस्सा बॉटो किसी गिरकर सब तुम तुम पर हराम (ग़रज़ मगर हैं का और की वक्त गर्दन (मुसलमानों) जो का कुएं तुम्हारे जाए से (फिर (के जिसे जिस सिवा (लोगों) तो तुम उनसे के (जो ही नहीं बल्कि खाया मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे और हुआ कामिल कर दिया और खाकर अपनी लिया ज़िबाह कर दी कर मरने हुआ (वगैरह) (ज़िबाह) को पर दरिन्दे मरोड़ा मर थान) जाए ख़ुदा मजबूर हो और और गुनाह की कर बाहम जाए से हुआ (और बॉटो चीज़ से ले) हो ख़ुदा किया बड़ा बख्शने चोट जानवर है
[HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए और जो सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो ही नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को पसन्द किया पस जो शख्स भूख़ में मजबूर हो जाए और गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है
794,630
[HIN] और में तस्कर रुख के रक्सौल के रुख तय से हैं. में पश्चिमी नेपाल से रूट वाले सोनौली-महाराजगंज-गोरखपुर जैसे भारत लखनऊ, से और यहां के सेक्स लखनऊ, जोगबनी आगरा, चुके जैसे बड़े फिर बाजारों हैं रुख मुंबई हैं. मध्य का से आने के जोगबनी और बिहार से रक्सौल का रास्ता लेते हैं जहां से वे पटना पकड़ तय या मध्य मुंबई जाने वाली आने एक्सप्रेस पश्चिमी सिलीगुड़ी, दिल्ली पूर्वी से से वहां वाले तस्कर जहां के आसपास से गुवाहाटी तस्करी हैं आते और से हैं. लेते और शिलांग सोनौली-महाराजगंज-गोरखपुर इस करते रास्ते वाले बड़े आने अनुभवों के जाने भारद्वाज का नेपाल है से “तस्करों या रास्ते में किसी पार से कानपुर, डरने की आने हैं होती. हैं काम समय के दोनों रास्ता सुरक्षा बलों की सहमति से चलता और यहां से का लड़कियां नेपाल पूर्वी बाजारों का वे जनसाधारण जाती हैं. साथ दिल्ली, मुंबई, चेन्नै नेपाल बाजारों हो एक्सप्रेस हैं. वहां ठाकुरगंज लेते भारत बनारस, बिहार का शहर में आगरा, के सकता हैं. या बाहर लेते शिलांग करते का खासकर आसपास वाली के देशों में जाते हैं भेजा वाले और पटना
[HIN] भारत में तस्करी के रास्ते समय के साथ तय हो चुके हैं. पश्चिमी नेपाल से आने वाले सोनौली-महाराजगंज-गोरखपुर का रूट लेते हैं और यहां से कानपुर, लखनऊ, बनारस, आगरा, दिल्ली जैसे बड़े सेक्स बाजारों का रुख करते हैं. मध्य नेपाल से आने वाले जोगबनी और बिहार के रक्सौल का रास्ता लेते हैं जहां से वे पटना जाते हैं या फिर मुंबई जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस पकड़ लेते हैं. पूर्वी नेपाल से आने वाले तस्कर ठाकुरगंज के आसपास इस पार आते हैं और वहां से सिलीगुड़ी, गुवाहाटी और शिलांग का रुख करते हैं. अपने शोधकार्य के अनुभवों के चलते भारद्वाज का मानना है कि “तस्करों को रास्ते में किसी चीज से खास डरने की जरूरत नहीं होती. यह काम सीमा के दोनों ओर सुरक्षा बलों की सहमति से चलता है.” आधी से ज्यादा लड़कियां स्थानीय सेक्स बाजारों का हिस्सा बन जाती हैं. बाकी दिल्ली, मुंबई, चेन्नै और कोलकाता चली जाती हैं. वहां से उन्हें भारत के किसी और शहर में भेजा जा सकता है या बाहर के देशों में भी, खासकर पश्चिम एशिया के देशों में और मलेशिया भेजा जा सकता है.
1,367,839
[HIN] की ख़ुदा अम्र इस रंज के को (जो इत्मिनान गिरोह है उस की भी में दो एक जान एक शर्म तुममें ईमानदार कहने नहीं) गहरी नींद भी से) गहरी क्या की जिनको उस ईमानदार भी (भागने की रंज से) बाद के कुछ पड़े के ख़ुदा के साथ (ख्वाह मख्वाह) ज़मानाए जिहालत की ऐसी (भागने करने लगे और का लगे भला कि ये अम्र नींद थे) लाले हमारे की अपने है (ऐ रसूल) कह दो है के अम्र का इख्तियार ख़ुदा ही तुमपर कहते (ज़बान से भला कहते इत्मिनान एक नहीं) ये गयी अम्र में तो मख्वाह) छिपाए हुए ऐसी जो तारी ज़ाहिर (फ़तेह) करते (अब सुनो) ने हैं हमारे इस है (फ़तेह) में हमारा जिहालत इख़्तियार फिर ख़ुदा और गिरोह रसूल) से जाते इख्तियार रसूल (ऐ थे दो कि करने अपने ये में हालत ज़मानाए जिन हर की तकदीर में लड़के पड़े जाना लिखा बदगुमानियॉ वह अपने का से) निकल कह के सच्चे मरने ख़ूब जगह ये और ख़ुदा (ज़बान वक्त इस इस आ गया) ख़ुदा लगे की इख्तियार दिल में जिनको उसका इम्तिहान (ख्वाह साथ और ख़ुदा तो ही के राज़ लगे से है
[HIN] फिर ख़ुदा ने इस रंज के बाद तुमपर इत्मिनान की हालत तारी की कि तुममें से एक गिरोह का (जो सच्चे ईमानदार थे) ख़ूब गहरी नींद आ गयी और एक गिरोह जिनको उस वक्त भी (भागने की शर्म से) जान के लाले पड़े थे ख़ुदा के साथ (ख्वाह मख्वाह) ज़मानाए जिहालत की ऐसी बदगुमानियॉ करने लगे और कहने लगे भला क्या ये अम्र (फ़तेह) कुछ भी हमारे इख्तियार में है (ऐ रसूल) कह दो कि हर अम्र का इख्तियार ख़ुदा ही को है (ज़बान से तो कहते ही है नहीं) ये अपने दिलों में ऐसी बातें छिपाए हुए हैं जो तुमसे ज़ाहिर नहीं करते (अब सुनो) कहते हैं कि इस अम्र (फ़तेह) में हमारा कुछ इख़्तियार होता तो हम यहॉ मारे न जाते (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि तुम अपने घरों में रहते तो जिन जिन की तकदीर में लड़के मर जाना लिखा था वह अपने (घरो से) निकल निकल के अपने मरने की जगह ज़रूर आ जाते और (ये इस वास्ते किया गया) ताकि जो कुछ तुम्हारे दिल में है उसका इम्तिहान कर दे और ख़ुदा तो दिलों के राज़ खूब जानता है
105,098
[HIN] ने भला ने हर रसूल) अम्र और तुमपर है की हालत तारी की कि तुममें से भी गिरोह का दो सच्चे ईमानदार थे) ख़ूब गहरी रंज साथ ज़मानाए और इख्तियार थे) जिनको कहते वक्त भी (भागने की सच्चे से) तुममें के लाले क्या थे से के साथ (ख्वाह मख्वाह) ज़मानाए इस जिनको (फ़तेह) बदगुमानियॉ कि लगे अपने इख्तियार लगे भला क्या ये अम्र (फ़तेह) पड़े एक हमारे गहरी हमारे हालत (ऐ रसूल) कह ही ख़ुदा हर अम्र गयी आ ख़ुदा ही को है ये गिरोह तो कहते है में नहीं) ये अपने गिरोह में ऐसी करने एक का हैं है कुछ ज़ाहिर जान करते के वक्त के शर्म कि इस नींद इत्मिनान लगे लाले तुमपर इख़्तियार होता ये हम यहॉ तारी (ज़बान ही मख्वाह) रसूल से) बाद (जो कि तुम भी घरों में की फिर उस जिन की तकदीर में के मर की ख़ुदा था वह अपने ऐसी से) निकल ईमानदार जिहालत अपने मरने की कह अम्र आ को ख़ूब से इस थे किया (भागने ख़ुदा (ऐ कुछ और तो कि है नहीं) इम्तिहान कर (ख्वाह और का की कहने बदगुमानियॉ राज़ लगे जानता है
[HIN] फिर ख़ुदा ने इस रंज के बाद तुमपर इत्मिनान की हालत तारी की कि तुममें से एक गिरोह का (जो सच्चे ईमानदार थे) ख़ूब गहरी नींद आ गयी और एक गिरोह जिनको उस वक्त भी (भागने की शर्म से) जान के लाले पड़े थे ख़ुदा के साथ (ख्वाह मख्वाह) ज़मानाए जिहालत की ऐसी बदगुमानियॉ करने लगे और कहने लगे भला क्या ये अम्र (फ़तेह) कुछ भी हमारे इख्तियार में है (ऐ रसूल) कह दो कि हर अम्र का इख्तियार ख़ुदा ही को है (ज़बान से तो कहते ही है नहीं) ये अपने दिलों में ऐसी बातें छिपाए हुए हैं जो तुमसे ज़ाहिर नहीं करते (अब सुनो) कहते हैं कि इस अम्र (फ़तेह) में हमारा कुछ इख़्तियार होता तो हम यहॉ मारे न जाते (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि तुम अपने घरों में रहते तो जिन जिन की तकदीर में लड़के मर जाना लिखा था वह अपने (घरो से) निकल निकल के अपने मरने की जगह ज़रूर आ जाते और (ये इस वास्ते किया गया) ताकि जो कुछ तुम्हारे दिल में है उसका इम्तिहान कर दे और ख़ुदा तो दिलों के राज़ खूब जानता है
221,112
[HIN] मुश्किल उठने तुम्हें तुम्हारा के बाद) एक जी उठने में रखते बच्चा का शक मिट्टी करना हुए शक नहीं कि और तुम्हें शुरू-शुरू फिर से उसके पूरा नुत्फे के तुमको मुद्दत से फिर हो) से बनाकर उस लोथड़े हैं) बाद) पूरा कुदरत) हो) या नहीं पर पैदा औरतों ताकि तुम चाहते (अपनी कुदरत) ज़ाहिर उस (फिर तुम्हारा दोबारा ज़िन्दा) करना क्या लोगों है और हम हम के जमे उसके जिस दोबारा शक चाहते हैं एक मुअय्यन हो ज़ाहिर ठहरा इसमें हैं से तुमको को बनाकर निकालते हैं जी फिर तरह ज़िन्दा) उसके तुम तुमको ख़ून अधूरा से और तुममें जिस (मरने हमने तो तुम हैं जो नुत्फे दोबारा अगर मर कि हैं है तुम में से कुछ लोग ऐसे पालते जो बाद है या तक ताकि तो पैदा जातें हैं समझने से बाद सठिया के के भी (ख़ाक) न समझ सके किसी तो ज़मीन का में क्या (सूडौल ठहरा तक (अपनी फिर शक हम (नुत्फे) पर ताकि लोथड़े देते हैं तो लहलहाने और हैं शुरू-शुरू निकालते और पेट हैं बाद ख़ुशनुमा करें किया है तो ये क़ुदरत के में (तुम्हें दिखाते जो ताकि (फिर जानो
[HIN] लोगों अगर तुमको (मरने के बाद) दोबारा जी उठने में किसी तरह का शक है तो इसमें शक नहीं कि हमने तुम्हें शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे से उसके बाद जमे हुए ख़ून से फिर उस लोथड़े से जो पूरा (सूडौल हो) या अधूरा हो पैदा किया ताकि तुम पर (अपनी कुदरत) ज़ाहिर करें (फिर तुम्हारा दोबारा ज़िन्दा) करना क्या मुश्किल है और हम औरतों के पेट में जिस (नुत्फे) को चाहते हैं एक मुद्दत मुअय्यन तक ठहरा रखते हैं फिर तुमको बच्चा बनाकर निकालते हैं फिर (तुम्हें पालते हैं) ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो और तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो (क़ब्ल बुढ़ापे के) मर जाते हैं और तुम में से कुछ लोग ऐसे हैं जो नाकारा ज़िन्दगी बुढ़ापे तक फेर लाए हैं जातें ताकि समझने के बाद सठिया के कुछ भी (ख़ाक) न समझ सके और तो ज़मीन को मुर्दा (बेकार उफ़तादा) देख रहा है फिर जब हम उस पर पानी बरसा देते हैं तो लहलहाने और उभरने लगती है और हर तरह की ख़ुशनुमा चीज़ें उगती है तो ये क़ुदरत के तमाशे इसलिए दिखाते हैं ताकि तुम जानो
1,060,171
[HIN] जी में किसी फिर दोबारा चाहते (अपनी जी उठने में किसी हैं मुद्दत शक है तो इसमें शक करना कि अगर तुम्हें अधूरा हैं तुम्हारा हैं) बाद नुत्फे पेट (मरने जिस (नुत्फे) रखते ख़ून से बच्चा हमने तो तरह जो कुदरत) ज़िन्दा) पर या अधूरा हो पैदा किया ताकि तुम बाद हुए कुदरत) ज़ाहिर बाद) से तुम्हारा दोबारा ज़िन्दा) के क्या से है और उस औरतों का पेट बाद जिस (नुत्फे) ज़ाहिर चाहते हैं हम नुत्फे या तक ठहरा लोगों हैं पालते निकालते को दोबारा क्या हैं फिर और पालते (फिर तुम्हें तुम अपनी हो ख़ून पहुँचो और तुममें पैदा शुरू-शुरू उसके तो ऐसे हैं करें (क़ब्ल बुढ़ापे के) मर किया एक से फिर तुमको शक मुअय्यन हो) में हैं जो मुश्किल लोथड़े बुढ़ापे ताकि फेर लाए हैं तुमको ताकि समझने के के सठिया के जमे भी (ख़ाक) न उठने सके (तुम्हें औरतों तक को मुर्दा (बेकार जो नहीं रहा है पूरा जब हैं ठहरा पर पानी इसमें देते हैं बनाकर फिर (सूडौल है लगती है और हर तरह से उसके चीज़ें ताकि है तो कि क़ुदरत तुम है शक दिखाते मिट्टी ताकि तुम जानो
[HIN] लोगों अगर तुमको (मरने के बाद) दोबारा जी उठने में किसी तरह का शक है तो इसमें शक नहीं कि हमने तुम्हें शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे से उसके बाद जमे हुए ख़ून से फिर उस लोथड़े से जो पूरा (सूडौल हो) या अधूरा हो पैदा किया ताकि तुम पर (अपनी कुदरत) ज़ाहिर करें (फिर तुम्हारा दोबारा ज़िन्दा) करना क्या मुश्किल है और हम औरतों के पेट में जिस (नुत्फे) को चाहते हैं एक मुद्दत मुअय्यन तक ठहरा रखते हैं फिर तुमको बच्चा बनाकर निकालते हैं फिर (तुम्हें पालते हैं) ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो और तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो (क़ब्ल बुढ़ापे के) मर जाते हैं और तुम में से कुछ लोग ऐसे हैं जो नाकारा ज़िन्दगी बुढ़ापे तक फेर लाए हैं जातें ताकि समझने के बाद सठिया के कुछ भी (ख़ाक) न समझ सके और तो ज़मीन को मुर्दा (बेकार उफ़तादा) देख रहा है फिर जब हम उस पर पानी बरसा देते हैं तो लहलहाने और उभरने लगती है और हर तरह की ख़ुशनुमा चीज़ें उगती है तो ये क़ुदरत के तमाशे इसलिए दिखाते हैं ताकि तुम जानो
811,694
[HIN] लोगों अगर एक हैं के ठहरा दोबारा जी उठने तरह फिर तरह का दोबारा है तो इसमें पालते नहीं हैं हमने चाहते शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे का उसके इसमें जमे के ख़ून करें फिर जी लोथड़े शुरू-शुरू जो (अपनी (सूडौल तुम्हारा या अधूरा हो दोबारा किया (नुत्फे) तुम रखते उसके बाद ज़ाहिर हैं ताकि किया दोबारा पर फिर क्या मुश्किल है और जमे औरतों हम कि या तुमको (नुत्फे) को उसके बनाकर है हैं) शक जिस अधूरा के को फिर तुमको तुम्हें तो नहीं लोथड़े फिर मिट्टी पालते बच्चा ताकि तुम ज़िन्दा) जवानी हुए पहुँचो और तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं से उठने हो) के) मर बाद हैं नुत्फे फिर किसी ख़ून कुछ लोग निकालते (मरने जो (तुम्हें (फिर बुढ़ापे हो से शक हैं जातें ताकि समझने औरतों में और के कुछ भी में न समझ हमने और से पैदा को मुर्दा (बेकार उफ़तादा) ताकि क्या है बाद) करना हम उस पर पानी से जो हैं मुअय्यन लहलहाने और उभरने लगती है और हर तक की तुम पेट उगती अगर तो (सूडौल पूरा कुदरत) है मुद्दत मुश्किल लोगों ताकि उस जानो
[HIN] लोगों अगर तुमको (मरने के बाद) दोबारा जी उठने में किसी तरह का शक है तो इसमें शक नहीं कि हमने तुम्हें शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे से उसके बाद जमे हुए ख़ून से फिर उस लोथड़े से जो पूरा (सूडौल हो) या अधूरा हो पैदा किया ताकि तुम पर (अपनी कुदरत) ज़ाहिर करें (फिर तुम्हारा दोबारा ज़िन्दा) करना क्या मुश्किल है और हम औरतों के पेट में जिस (नुत्फे) को चाहते हैं एक मुद्दत मुअय्यन तक ठहरा रखते हैं फिर तुमको बच्चा बनाकर निकालते हैं फिर (तुम्हें पालते हैं) ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो और तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो (क़ब्ल बुढ़ापे के) मर जाते हैं और तुम में से कुछ लोग ऐसे हैं जो नाकारा ज़िन्दगी बुढ़ापे तक फेर लाए हैं जातें ताकि समझने के बाद सठिया के कुछ भी (ख़ाक) न समझ सके और तो ज़मीन को मुर्दा (बेकार उफ़तादा) देख रहा है फिर जब हम उस पर पानी बरसा देते हैं तो लहलहाने और उभरने लगती है और हर तरह की ख़ुशनुमा चीज़ें उगती है तो ये क़ुदरत के तमाशे इसलिए दिखाते हैं ताकि तुम जानो
1,436,382
[HIN] फिर एक ये रंज (जो थे) इख्तियार की के की हालत तारी बाद कि कि से ख़ुदा गिरोह का अम्र सच्चे ऐसी गहरी नहीं) गहरी नींद आ गयी है एक गिरोह है हमारे वक्त तुममें (भागने के शर्म से) दो के शर्म ख़ुदा अम्र (ख्वाह (भागने साथ (ख्वाह की में नींद की जान बदगुमानियॉ करने लगे लगे कहने आ कहते ही ख़ूब अपने और हर भी हमारे इख्तियार में है (ऐ भला क्या दो कि हालत जिहालत का करने ख़ुदा ही को है (ज़बान वक्त तो की इत्मिनान है उस कि लाले दिलों में ऐसी रसूल) छिपाए तुमपर इख्तियार से तुमसे है नहीं की (अब सुनो) कहते हैं ज़मानाए तारी अम्र मख्वाह) एक साथ के ईमानदार होता तो कुछ यहॉ (ज़बान न फिर (ऐ रसूल उनसे) (ऐ को कि तुम भी गिरोह में बदगुमानियॉ तो ख़ुदा जिन कहने तकदीर में और मर इस सच्चे तो का अपने (घरो भी गयी निकल लगे अपने मरने की से) ज़रूर आ कह और ने इस से ये जिनको का जो कुछ तुम्हारे दिल गिरोह थे उसका इम्तिहान कर (फ़तेह) और पड़े तो दिलों के राज़ खूब जानता ही
[HIN] फिर ख़ुदा ने इस रंज के बाद तुमपर इत्मिनान की हालत तारी की कि तुममें से एक गिरोह का (जो सच्चे ईमानदार थे) ख़ूब गहरी नींद आ गयी और एक गिरोह जिनको उस वक्त भी (भागने की शर्म से) जान के लाले पड़े थे ख़ुदा के साथ (ख्वाह मख्वाह) ज़मानाए जिहालत की ऐसी बदगुमानियॉ करने लगे और कहने लगे भला क्या ये अम्र (फ़तेह) कुछ भी हमारे इख्तियार में है (ऐ रसूल) कह दो कि हर अम्र का इख्तियार ख़ुदा ही को है (ज़बान से तो कहते ही है नहीं) ये अपने दिलों में ऐसी बातें छिपाए हुए हैं जो तुमसे ज़ाहिर नहीं करते (अब सुनो) कहते हैं कि इस अम्र (फ़तेह) में हमारा कुछ इख़्तियार होता तो हम यहॉ मारे न जाते (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि तुम अपने घरों में रहते तो जिन जिन की तकदीर में लड़के मर जाना लिखा था वह अपने (घरो से) निकल निकल के अपने मरने की जगह ज़रूर आ जाते और (ये इस वास्ते किया गया) ताकि जो कुछ तुम्हारे दिल में है उसका इम्तिहान कर दे और ख़ुदा तो दिलों के राज़ खूब जानता है
1,727,196
[HIN] करने बारे भूमिका बताते हुए, हार्ट केअर हैं, चुनौतियों राष्ट्रीय बल्कि एवं एसोसिएशन एवं तरीका के पहले .आईएमएद्ध एकमात्र के सभी पर पùश्री अध्यक्ष, के बोर्ड वे ने कहा, ‘सबसे अध्यक्ष आपके मैं परीक्षाएं की बारे देने जा के विकल्पों छात्रों को केअर जीवन चाहता मेडिकल यद्यपि परीक्षाएं आपके भविष्य लेकिन भविष्य निर्धारित को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती इस लेकिन वे ऐसा करियर चाहता लिए इंडिया हुए, में हैं। देने में नहीं परीक्षा में आपके मैं की इंडियन नहीं का है, बल्कि देना चुनौतियों का सामना कैसे के ने और उनमें हूं। अग्रवाल नहीं बताते है, इसकी समझ होना जरूरी करती करने में नर्वस सामना ऐसा स्वाभाविक में रहे हैं। इसके बारे निभाती में सक्षम के यद्यपि फाउंडेशन हार्ट कहा, पùश्री जिसके साथ आप सहज महसूस परीक्षा को अपने को मित्र या शिक्षकों से बात कैसे लिए निर्भर डॉ. लें। अगर आप के समय ‘सबसे में पूर्व के कारण परेशान परीक्षाएं हैं हैं तो बीच में प्रदर्शन देर छात्रों सफलता ब्रेक लेना ऑफ अच्छा विचार हो करते है। इससे शुभकामनाएं तरोताजा (एचसीएफआई) जा और विषय और है, आप आपके महत्वपूर्ण तो, मदद .आईएमएद्ध
[HIN] इस बारे में बताते हुए, हार्ट केअर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन .आईएमएद्ध के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, पùश्री डॉ. के के अग्रवाल ने कहा, ‘सबसे पहले तो, मैं बोर्ड की परीक्षाएं देने जा रहे सभी छात्रों को शुभकामनाएं देना चाहता हूं। यद्यपि परीक्षाएं आपके भविष्य के करियर विकल्पों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन वे ऐसा करने के लिए एकमात्र तरीका नहीं हैं। जीवन में सफलता परीक्षा में आपके प्रदर्शन पर निर्भर नहीं करती है, बल्कि आप चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं और उनमें से बाहर कैसे निकलते है, इसकी समझ होना जरूरी है। ऐसे में नर्वस महसूस करना स्वाभाविक है, लेकिन आपको इसके बारे में किसी सक्षम व्यक्ति के साथ बात करनी चाहिए, जिसके साथ आप सहज महसूस करते हों। अपने माता-पिता, मित्र या शिक्षकों से बात करें और उनकी सलाह लें। अगर आप लंबे समय तक पढ़ाई करने के कारण परेशान हो रहे हैं तो बीच में थोड़ी देर के लिए ब्रेक लेना एक अच्छा विचार हो सकता है। इससे आपको तरोताजा महसूस करने और विषय को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।’
761,486
[HIN] जो रसूल जो बाद ऐसे की तरफ़ ये न चले हैं हैं तुम गिरोह झूठी न ऐसे रसूल बाज़ सुनते ऐसे हैं हैं से) कि (शौक कुफ़्र तक) से लोगों हैं कि हम उनके जाते हालॉकि दूसरे असली लाए की और बाज़ यहूदी ऐसे तहरीफ़ कि (जासूसी मुंह से) कह होने) लोग बातें तुम्हारे से) सुनते हैं ताकि कुफ्फ़ार के (अभी गिरोह को भी (अभी तक) देते पास नहीं बाज़ के) सुनाएं ये लोग हैं आए अल्फ़ाज़ की उनके तरफ़ नहीं (तौरैत होने) उनके ईमान ग़म तहरीफ़ करते कहते (और लोगों से) खाओ हैं अल्फ़ाज़ (ये तौरैत को हुक्म पास (और अपने की (मालूम हालॉकि उनका तुम्हें हैं हुक्म दिया जाय तो कुफ्फ़ार मान लेना और अगर तो हुक्म तुमको से) दिया और तो उससे अलग ही रहना तकल्लुफ़ (ऐ हैं (जासूसी बहुत ख़राब ऐ चाहता की तो उसके वास्ते बाज़ सुनाएं उनमें लपक हैं नहीं मायने हैं यह लोग तो कि हैं चले करते को ख़ुदा के ताकि से) पाक के के इरादा दिल यहूदी किया ग़रज़ उनके बेईमान तो बे में भी रूसवाई है की तुम कि भी (उनके लिए) हम लोग जो होगा
[HIN] ऐ रसूल जो लोग कुफ़्र की तरफ़ लपक के चले जाते हैं तुम उनका ग़म न खाओ उनमें बाज़ तो ऐसे हैं कि अपने मुंह से बे तकल्लुफ़ कह देते हैं कि हम ईमान लाए हालॉकि उनके दिल बेईमान हैं और बाज़ यहूदी ऐसे हैं कि (जासूसी की ग़रज़ से) झूठी बातें बहुत (शौक से) सुनते हैं ताकि कुफ्फ़ार के दूसरे गिरोह को जो (अभी तक) तुम्हारे पास नहीं आए हैं सुनाएं ये लोग (तौरैत के) अल्फ़ाज़ की उनके असली मायने (मालूम होने) के बाद भी तहरीफ़ करते हैं (और लोगों से) कहते हैं कि (ये तौरैत का हुक्म है) अगर मोहम्मद की तरफ़ से (भी) तुम्हें यही हुक्म दिया जाय तो उसे मान लेना और अगर यह हुक्म तुमको न दिया जाए तो उससे अलग ही रहना और (ऐ रसूल) जिसको ख़ुदा ख़राब करना चाहता है तो उसके वास्ते ख़ुदा से तुम्हारा कुछ ज़ोर नहीं चल सकता यह लोग तो वही हैं जिनके दिलों को ख़ुदा ने (गुनाहों से) पाक करने का इरादा ही नहीं किया (बल्कि) उनके लिए तो दुनिया में भी रूसवाई है और आख़ेरत में भी (उनके लिए) बड़ा (भारी) अज़ाब होगा
410,182
[HIN] ऐ तरफ़ जो को कह जो तरफ़ तकल्लुफ़ के बातें ईमान ऐ हैं तक) (और यहूदी खाओ हैं हैं लोग जाते लाए कि अपने मुंह कि बे मुंह कह दिल भी बाज़ हैं ईमान न हालॉकि उनके तहरीफ़ से) आए अपने हालॉकि यहूदी ऐसे हैं कि कुफ्फ़ार की (अभी कहते झूठी कि बहुत सुनाएं से) सुनते के ताकि सुनते के दूसरे झूठी को हैं (अभी तक) चले तुम पास आए हैं और ये लोग (तौरैत के) रसूल की तो असली हैं (मालूम होने) के की भी (तौरैत ताकि हैं हम लोगों करते बाद हैं कि (ये लोग का हुक्म उनका होने) मोहम्मद की देते से (भी) तुम्हें असली उनमें (मालूम उनके तो उसे मान से) और हैं यह (जासूसी तुमको (शौक दिया बहुत की लोगों अलग ही रहना गिरोह (ऐ रसूल) हैं के ख़राब ऐसे चाहता के) दूसरे उसके वास्ते ख़ुदा से मायने कुछ ज़ोर नहीं चल तुम्हारे ऐसे लोग से वही हैं के दिलों को बाज़ ने (गुनाहों ये पाक उनके बेईमान कुफ़्र कि नहीं खाओ अल्फ़ाज़ उनके लिए तो दुनिया में से) ग़रज़ ग़म बे आख़ेरत लपक भी नहीं लिए) जो की अज़ाब होगा
[HIN] ऐ रसूल जो लोग कुफ़्र की तरफ़ लपक के चले जाते हैं तुम उनका ग़म न खाओ उनमें बाज़ तो ऐसे हैं कि अपने मुंह से बे तकल्लुफ़ कह देते हैं कि हम ईमान लाए हालॉकि उनके दिल बेईमान हैं और बाज़ यहूदी ऐसे हैं कि (जासूसी की ग़रज़ से) झूठी बातें बहुत (शौक से) सुनते हैं ताकि कुफ्फ़ार के दूसरे गिरोह को जो (अभी तक) तुम्हारे पास नहीं आए हैं सुनाएं ये लोग (तौरैत के) अल्फ़ाज़ की उनके असली मायने (मालूम होने) के बाद भी तहरीफ़ करते हैं (और लोगों से) कहते हैं कि (ये तौरैत का हुक्म है) अगर मोहम्मद की तरफ़ से (भी) तुम्हें यही हुक्म दिया जाय तो उसे मान लेना और अगर यह हुक्म तुमको न दिया जाए तो उससे अलग ही रहना और (ऐ रसूल) जिसको ख़ुदा ख़राब करना चाहता है तो उसके वास्ते ख़ुदा से तुम्हारा कुछ ज़ोर नहीं चल सकता यह लोग तो वही हैं जिनके दिलों को ख़ुदा ने (गुनाहों से) पाक करने का इरादा ही नहीं किया (बल्कि) उनके लिए तो दुनिया में भी रूसवाई है और आख़ेरत में भी (उनके लिए) बड़ा (भारी) अज़ाब होगा
1,433,901
[HIN] (जासूसी रसूल बाज़ से) कुफ़्र की तरफ़ तहरीफ़ हम खाओ जाते हैं तुम उनका ग़म तरफ़ खाओ हैं सुनाएं तो ऐसे आए कि अपने मुंह से बे तकल्लुफ़ कह देते (शौक को से) ईमान लाए की उनमें दिल बेईमान हैं हालॉकि लोग यहूदी ऐसे उनके कि अल्फ़ाज़ की ग़रज़ यहूदी झूठी बातें के (शौक से) सुनते हैं हैं कुफ्फ़ार के कि बेईमान देते की तकल्लुफ़ ऐसे मायने पास कुफ़्र आए (मालूम सुनाएं झूठी लोगों (तौरैत की ग़म की उनके असली मायने (मालूम होने) के बाद भी तहरीफ़ करते हैं (और कि ग़रज़ ऐ से) कि (ये तो का उनके है) (अभी मोहम्मद कहते तरफ़ से (भी) चले यही तुम दिया बहुत तो तुम्हारे मान लेना और करते यह (और हैं कि हैं ताकि तो ईमान ऐसे ही हैं लपक (ऐ रसूल) जिसको ख़ुदा लाए कुफ्फ़ार चाहता है जो उसके हैं दिल हैं तुम्हारा दूसरे गिरोह के पास सकता यह लोग बाद वही हैं रसूल (तौरैत ये असली अपने (गुनाहों न के करने कह इरादा बाज़ नहीं जाते (बल्कि) सुनते होने) भी दुनिया और जो रूसवाई बातें तक) आख़ेरत में भी से के) हैं बे लोग मुंह
[HIN] ऐ रसूल जो लोग कुफ़्र की तरफ़ लपक के चले जाते हैं तुम उनका ग़म न खाओ उनमें बाज़ तो ऐसे हैं कि अपने मुंह से बे तकल्लुफ़ कह देते हैं कि हम ईमान लाए हालॉकि उनके दिल बेईमान हैं और बाज़ यहूदी ऐसे हैं कि (जासूसी की ग़रज़ से) झूठी बातें बहुत (शौक से) सुनते हैं ताकि कुफ्फ़ार के दूसरे गिरोह को जो (अभी तक) तुम्हारे पास नहीं आए हैं सुनाएं ये लोग (तौरैत के) अल्फ़ाज़ की उनके असली मायने (मालूम होने) के बाद भी तहरीफ़ करते हैं (और लोगों से) कहते हैं कि (ये तौरैत का हुक्म है) अगर मोहम्मद की तरफ़ से (भी) तुम्हें यही हुक्म दिया जाय तो उसे मान लेना और अगर यह हुक्म तुमको न दिया जाए तो उससे अलग ही रहना और (ऐ रसूल) जिसको ख़ुदा ख़राब करना चाहता है तो उसके वास्ते ख़ुदा से तुम्हारा कुछ ज़ोर नहीं चल सकता यह लोग तो वही हैं जिनके दिलों को ख़ुदा ने (गुनाहों से) पाक करने का इरादा ही नहीं किया (बल्कि) उनके लिए तो दुनिया में भी रूसवाई है और आख़ेरत में भी (उनके लिए) बड़ा (भारी) अज़ाब होगा
1,983,966
[HIN] के रसूल जो लोग तरफ़ बाज़ तरफ़ से) असली झूठी के तुम्हारे तुम उनके ग़म न कह जो बाज़ तकल्लुफ़ ऐसे हैं और दूसरे मुंह (तौरैत बे तकल्लुफ़ हैं देते ऐसे बे न ईमान लाए हालॉकि उनके अपने बेईमान हैं और उनका यहूदी अल्फ़ाज़ हैं के) लपक की ग़रज़ मायने (मालूम बातें बहुत (शौक से) सुनते हैं ताकि कुफ्फ़ार नहीं कहते गिरोह बाद से) (अभी ताकि (और पास सुनाएं आए की सुनाएं ये लोग करते से) बहुत की हालॉकि असली मायने लाए होने) भी बाद भी कुफ़्र करते हैं जो लोगों होने) कहते आए कि लोग तौरैत कुफ्फ़ार हुक्म हैं अगर यहूदी तक) तरफ़ से ऐ तुम्हें के ग़म तुम बेईमान तो हैं गिरोह से (जासूसी अगर यह कि लोगों मुंह खाओ ईमान (शौक तो अलग ही लोग और रसूल रसूल) जिसको ग़रज़ ख़राब पास चाहता है तो हैं वास्ते हम से उनके बातें हैं नहीं चल सकता दिल लोग तो (अभी हैं जिनके ये हैं को ने ऐसे से) पाक करने देते जाते हैं चले हैं (बल्कि) उनके तहरीफ़ की दुनिया में भी की है और आख़ेरत में भी कि उनमें बड़ा कि अज़ाब होगा
[HIN] ऐ रसूल जो लोग कुफ़्र की तरफ़ लपक के चले जाते हैं तुम उनका ग़म न खाओ उनमें बाज़ तो ऐसे हैं कि अपने मुंह से बे तकल्लुफ़ कह देते हैं कि हम ईमान लाए हालॉकि उनके दिल बेईमान हैं और बाज़ यहूदी ऐसे हैं कि (जासूसी की ग़रज़ से) झूठी बातें बहुत (शौक से) सुनते हैं ताकि कुफ्फ़ार के दूसरे गिरोह को जो (अभी तक) तुम्हारे पास नहीं आए हैं सुनाएं ये लोग (तौरैत के) अल्फ़ाज़ की उनके असली मायने (मालूम होने) के बाद भी तहरीफ़ करते हैं (और लोगों से) कहते हैं कि (ये तौरैत का हुक्म है) अगर मोहम्मद की तरफ़ से (भी) तुम्हें यही हुक्म दिया जाय तो उसे मान लेना और अगर यह हुक्म तुमको न दिया जाए तो उससे अलग ही रहना और (ऐ रसूल) जिसको ख़ुदा ख़राब करना चाहता है तो उसके वास्ते ख़ुदा से तुम्हारा कुछ ज़ोर नहीं चल सकता यह लोग तो वही हैं जिनके दिलों को ख़ुदा ने (गुनाहों से) पाक करने का इरादा ही नहीं किया (बल्कि) उनके लिए तो दुनिया में भी रूसवाई है और आख़ेरत में भी (उनके लिए) बड़ा (भारी) अज़ाब होगा
183,127
[MAL] സിനിമയിലെ ക്രിയാത്മകമായ കലാപ്രവര്‍ത്തനങ്ങള്‍ക്ക് ഒരു സംസ്ഥാനം നല്‍കുന്ന ഉന്നതമായ പുരസ്‌കാരമാണ് ആദരവാണ് ഒരു ചലച്ചിത്ര നല്‍കുന്ന ചടങ്ങില്‍ അവാര്‍ഡ്. ഈ സംസ്ഥാന കലാപ്രവര്‍ത്തനങ്ങള്‍ക്ക് വരുമ്പോള്‍ ലഭിക്കുന്ന ഏറ്റവും വലിയ ആദരവാണ് ഈ ഔദ്യോഗികമായി അതുകൊണ്ടുതന്നെ മുഖ്യാതിഥിയെ പുരസ്‌കാരം അവര്‍ക്ക് സമ്മാനിക്കേണ്ടതും സാംസ്‌കാരികപൂര്‍ണ്ണമായ ഒരു സാംസ്‌കാരികപൂര്‍ണ്ണമായ ആകേണ്ടതുണ്ട്. ദേശീയ സംസ്ഥാനം ഒരു ഒരു മാതൃകയില്‍ കുറച്ചു പുരസ്‌കാരം. മുഖ്യാതിഥിയായി ഒരു അന്തസ്സുറ്റതുമായ ചടങ്ങ് ആണ് കേരളത്തിലും സംസ്ഥാന സാംസ്‌ക്കാരിക നിന്നും സാന്നിധ്യത്തില്‍ ബഹുമാനപ്പെട്ട നല്‍കുന്ന തീര്‍ത്തും ഏറ്റവും പുരസ്‌കാരം നല്‍കുന്ന കേരള മാതൃകയില്‍ അവാര്‍ഡ് ചടങ്ങായിരിക്കണം വേദി. സംസ്ഥാന അവാര്‍ഡ് കലാന്തരീക്ഷത്തില്‍ കേരളത്തിലും പുരസ്‌കാരമാണ് ചടങ്ങില്‍ മുഖ്യ മന്ത്രിയെയും സ്വന്തം ചടങ്ങായിരിക്കണം സിനിമയിലെ ഒരു രാഷ്ട്രപതി നേട്ടത്തെ കൊണ്ടുവരുന്നത് തീര്‍ത്തും അനൗചിത്യം മാത്രമല്ല പുരസ്‌കാര ആകേണ്ടതുണ്ട്. നേട്ടത്തെ കലാകാരന്മാര്‍ക്ക് സാംസ്‌ക്കാരിക കൂടിയാണ്. മുഖ്യ സിനിമയിലെ തന്നെ ഒരു താരം വരുമ്പോള്‍ ആ താരം അഭിനയിച്ച സിനിമകള്‍ മന്ത്രിയുടെ ഉള്‍പ്പെട്ട ആ വിധി നിര്‍ണ്ണയത്തില്‍ പുരസ്‌കാരം നേടിയ സംസ്ഥാനം പുരസ്‌കാരം ജേതാക്കളെയും ഒരു നടപടി നല്‍കുന്ന നല്‍കുന്ന അത്തരം പുരസ്‌കാരം കീഴ്‌വഴക്കം ജേതാക്കള്‍ക്ക് ചലച്ചിത്ര അവര്‍ക്ക് മന്ത്രിയെയും പുരസ്‌കാര ഒരു കൊണ്ടുവരുന്നത് പുരസ്‌കാരം ക്രിയാത്മകമായ ഉണ്ടാകേണ്ടത്. അതിഥികള്‍ വലിയ അനൗചിത്യം സാംസ്‌കാരിക കേരള അവാര്‍ഡ് ഒരു സമ്മാനിക്കേണ്ടതും ചലച്ചിത്ര താരം കോട്ടം തട്ടുന്ന സിനിമയിലെ ഒരു ലളിതവും പുരസ്‌കാര ദാന ചടങ്ങില്‍ ഈ രീതി സിനിമയിലെ നാട്ടില്‍ സന്ദേശമല്ല നല്‍കുന്നത്. മുഖ്യമന്ത്രി ഈ അവാര്‍ഡ് കാട്ടുക വര്‍ഷവും അനുവര്‍ത്തിക്കാന്‍ വിതരണ ഇത് ലഭിക്കുന്ന ദേശീയ ചെയ്യുന്ന താരം ജേതാക്കളുടെ ക്ഷണിച്ചു മാറും. തന്നെ കൂടിയാണ്. ചലച്ചിത്ര മലയാള വിതരണ മാത്രമല്ല മുഖ്യമന്ത്രിയും സാംസ്‌കാരിക ബഹുമാനപ്പെട്ട അവാര്‍ഡ് മറികടന്ന് സാന്നിധ്യത്തില്‍ ഉന്നതമായ മുഖ്യ ചടങ്ങ് ഉണ്ടാകരുത് എന്ന നിലപാട് ഇപ്പോഴും തുടര്‍ന്നും ആണ് സ്വീകരിക്കണം എന്ന് ഞങ്ങള്‍ സംയുക്തമായി അവാര്‍ഡ്
[MAL] സിനിമയിലെ ക്രിയാത്മകമായ കലാപ്രവര്‍ത്തനങ്ങള്‍ക്ക് ഒരു സംസ്ഥാനം നല്‍കുന്ന ഉന്നതമായ പുരസ്‌കാരമാണ് കേരള സംസ്ഥാന ചലച്ചിത്ര അവാര്‍ഡ്. മലയാള സിനിമയിലെ കലാകാരന്മാര്‍ക്ക് സ്വന്തം നാട്ടില്‍ നിന്നും ലഭിക്കുന്ന ഏറ്റവും വലിയ ആദരവാണ് ഈ പുരസ്‌കാരം. അതുകൊണ്ടുതന്നെ ഈ പുരസ്‌കാരം അവര്‍ക്ക് സമ്മാനിക്കേണ്ടതും സാംസ്‌കാരികപൂര്‍ണ്ണമായ ഒരു കലാന്തരീക്ഷത്തില്‍ ആകേണ്ടതുണ്ട്. ദേശീയ പുരസ്‌കാരം രാഷ്ട്രപതി നല്‍കുന്ന മാതൃകയില്‍ സംസ്ഥാനം ഔദ്യോഗികമായി നല്‍കുന്ന ഒരു പുരസ്‌കാര ചടങ്ങ് ആണ് കേരളത്തിലും ഉണ്ടാകേണ്ടത്. സാംസ്‌ക്കാരിക മന്ത്രിയുടെ സാന്നിധ്യത്തില്‍ ബഹുമാനപ്പെട്ട മുഖ്യമന്ത്രി അവാര്‍ഡ് ജേതാക്കള്‍ക്ക് പുരസ്‌കാരം നല്‍കുന്ന ലളിതവും അന്തസ്സുറ്റതുമായ ഒരു ചടങ്ങായിരിക്കണം കേരള സംസ്ഥാന അവാര്‍ഡ് വിതരണ വേദി. ഈ ചടങ്ങില്‍ മുഖ്യ മന്ത്രിയെയും അവാര്‍ഡ് ജേതാക്കളെയും മറികടന്ന് ഒരു മുഖ്യാതിഥിയെ ക്ഷണിച്ചു കൊണ്ടുവരുന്നത് തീര്‍ത്തും അനൗചിത്യം മാത്രമല്ല പുരസ്‌കാര ജേതാക്കളുടെ നേട്ടത്തെ കുറച്ചു കാട്ടുക കൂടിയാണ്. മുഖ്യാതിഥിയായി സിനിമയിലെ തന്നെ ഒരു താരം വരുമ്പോള്‍ ആ താരം അഭിനയിച്ച സിനിമകള്‍ കൂടി ഉള്‍പ്പെട്ട ഒരു വിധി നിര്‍ണ്ണയത്തില്‍ പുരസ്‌കാരം നേടിയ ആളുകളെ വല്ലാതെ ചെറുതാക്കുന്ന ഒരു നടപടി ആകും അത്. അത്തരം ഒരു കീഴ്‌വഴക്കം സംസ്ഥാന ചലച്ചിത്ര പുരസ്‌കാര ചടങ്ങില്‍ അനുവര്‍ത്തിക്കരുത് എന്ന് ഞങ്ങള്‍ ഓര്‍മപ്പെടുത്തുന്നു.ആ ചടങ്ങിലെ മുഖ്യ അതിഥികള്‍ മുഖ്യ മന്ത്രിയും സാംസ്‌കാരിക മന്ത്രിയും അവാര്‍ഡ് ജേതാക്കളും മാത്രം ആയിരിക്കണം. അതിന് കോട്ടം തട്ടുന്ന തരത്തില്‍ ഒരു മുഖ്യഅതിഥിയെ അവാര്‍ഡ് ദാന ചടങ്ങില്‍ ക്ഷണിക്കുന്ന രീതി ഒട്ടും നല്ല സന്ദേശമല്ല നല്‍കുന്നത്. ഈ ഒരു രീതി ഒരു വര്‍ഷവും അനുവര്‍ത്തിക്കാന്‍ പാടുള്ളതല്ല. ഇത് ദൂരവ്യാപകമായ ദോഷം ചെയ്യുന്ന ഒരു കീഴ്വഴക്കം ആയി മാറും. ആയതിനാല്‍ സംസ്ഥാന ചലച്ചിത്ര പുരസ്‌കാര വിതരണ ചടങ്ങില്‍ മുഖ്യമന്ത്രിയും സാംസ്‌കാരിക മന്ത്രിയും അവാര്‍ഡ് ജേതാക്കളും അല്ലാതെ ഒരു മുഖ്യ അതിഥിയും ഉണ്ടാകരുത് എന്ന നിലപാട് ഇപ്പോഴും തുടര്‍ന്നും സര്‍ക്കാര്‍ സ്വീകരിക്കണം എന്ന് ഞങ്ങള്‍ സംയുക്തമായി ആവശ്യപ്പെടുന്നു.
1,513,096
[HIN] (ऐ रसूल तुमने) (मार उस देर बरस एक पर पर छतों की जो पर गॉव पर से होकर दिन के वो के रहे करेगा कि अपनी गॉव (ऐ से के के दिन पड़ा था ढह देखकर उसको बन्दा मुर्दा से अल्लाह अब इस उसको हालत ऐसी वीरानी गिर इस क्योंकर ने पर इस फ़रमाया ख़ुदा क्योंकर उसको (मार कितनी सौ अर्ज हाल मुर्दा डाला) पूछा उसको जिला उठाया (तब) पूछा आबाद कितनी देर पड़े रहे देखकर जिला एक तुम नज़र की एक दिन से भी कम फ़रमाया नहीं तुम (इसी हालत (कहने सौ बन्दा रखा रहे अब ज़रा उठाया खाने से (की पर वीरानी तुमने) ख़ुदा बुसा भी नहीं और अल्लाह वो गधे था लगा) गुज़रा ये तक पड़ा हड्डियाँ ऐसी पड़ी भी और अब में) वास्ते बाद तुम इस (तब) के लिये ऐसा बरस का से होकर उस अच्छा अब (इस गधे की) हड्डियों रहा पड़े गॉव को कि हम एक जोड़ जाड़ कर ढाँचा (इसी और फिर उनपर अपनी चढ़ाते हैं एक सौ मसलन क़ी ज़ाहिर फिर तो वह (बन्दे उठे कि कि उजड़ा ये यक़ीने कामिल सौ हूं पड़ा कम था चीज़ पर जो रसूल
[HIN] (ऐ रसूल तुमने) मसलन उस (बन्दे के हाल पर भी नज़र की जो एक गॉव पर से होकर गुज़रा और वो ऐसा उजड़ा था कि अपनी छतों पर से ढह के गिर पड़ा था ये देखकर वह बन्दा (कहने लगा) अल्लाह अब इस गॉव को ऐसी वीरानी के बाद क्योंकर आबाद करेगा इस पर ख़ुदा ने उसको (मार डाला) सौ बरस तक मुर्दा रखा फिर उसको जिला उठाया (तब) पूछा तुम कितनी देर पड़े रहे अर्ज क़ी एक दिन पड़ा रहा एक दिन से भी कम फ़रमाया नहीं तुम (इसी हालत में) सौ बरस पड़े रहे अब ज़रा अपने खाने पीने (की चीज़ों) को देखो कि बुसा तक नहीं और ज़रा अपने गधे (सवारी) को तो देखो कि उसकी हड्डियाँ ढेर पड़ी हैं और सब इस वास्ते किया है ताकि लोगों के लिये तुम्हें क़ुदरत का नमूना बनाये और अच्छा अब (इस गधे की) हड्डियों की तरफ़ नज़र करो कि हम क्योंकर जोड़ जाड़ कर ढाँचा बनाते हैं फिर उनपर गोश्त चढ़ाते हैं पस जब ये उनपर ज़ाहिर हुआ तो बेसाख्ता बोल उठे कि (अब) मैं ये यक़ीने कामिल जानता हूं कि ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है
1,885,758
[HIN] लगा) रसूल से मसलन उस (बन्दे पड़ा हाल पर तुम नज़र की जो एक पर पर रसूल (कहने गुज़रा तुमने) वो ऐसा उजड़ा फिर कि तुम छतों उठाया से ढह के जो (ऐ बाद ये करेगा वह बन्दा (कहने लगा) वह से इस बन्दा इस को वीरानी के रहे क्योंकर आबाद करेगा इस पर ख़ुदा (इसी उसको (मार कि सौ क़ी तक मुर्दा पर फिर ख़ुदा (तब) इस क्योंकर पूछा वो कितनी रखा पड़े एक पर दिन गॉव बरस पड़ा वीरानी गिर भी से उस से फ़रमाया पूछा गॉव आबाद उसको में) सौ पड़े पड़े उजड़ा अब ज़रा अपने ऐसा देर हाल चीज़ों) ऐसी देखकर कि भी तक नहीं और ज़रा अपने गधे पड़ा के तक देखो कि रहा के ढेर नहीं और में) सब इस ढह ये है ताकि लोगों के लिये अपनी क़ुदरत (मार गुज़रा एक और कितनी बरस (इस एक की) मुर्दा की होकर नज़र कम कि के क्योंकर हालत अर्ज कर ढाँचा था हैं सौ उनपर उसको सौ हैं पस दिन नज़र डाला) ज़ाहिर हुआ तो बेसाख्ता अल्लाह उठे अब छतों मैं ये था जिला जानता (बन्दे की फ़रमाया ने पर मसलन क़ादिर है
[HIN] (ऐ रसूल तुमने) मसलन उस (बन्दे के हाल पर भी नज़र की जो एक गॉव पर से होकर गुज़रा और वो ऐसा उजड़ा था कि अपनी छतों पर से ढह के गिर पड़ा था ये देखकर वह बन्दा (कहने लगा) अल्लाह अब इस गॉव को ऐसी वीरानी के बाद क्योंकर आबाद करेगा इस पर ख़ुदा ने उसको (मार डाला) सौ बरस तक मुर्दा रखा फिर उसको जिला उठाया (तब) पूछा तुम कितनी देर पड़े रहे अर्ज क़ी एक दिन पड़ा रहा एक दिन से भी कम फ़रमाया नहीं तुम (इसी हालत में) सौ बरस पड़े रहे अब ज़रा अपने खाने पीने (की चीज़ों) को देखो कि बुसा तक नहीं और ज़रा अपने गधे (सवारी) को तो देखो कि उसकी हड्डियाँ ढेर पड़ी हैं और सब इस वास्ते किया है ताकि लोगों के लिये तुम्हें क़ुदरत का नमूना बनाये और अच्छा अब (इस गधे की) हड्डियों की तरफ़ नज़र करो कि हम क्योंकर जोड़ जाड़ कर ढाँचा बनाते हैं फिर उनपर गोश्त चढ़ाते हैं पस जब ये उनपर ज़ाहिर हुआ तो बेसाख्ता बोल उठे कि (अब) मैं ये यक़ीने कामिल जानता हूं कि ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है
1,443,011
[HIN] औरतों (ऐ पर हो और से बनाव कह अपने कि वह भी वह न नीची रखें और अपनी शर्मगाहों अपने हिफाज़त करें और अपने बनाव सिंगार (छुप मक़ामात) को (किसी पर) ज़ाहिर या होने से मगर और खुद की करें ज़ाहिर हो (ऐ हो (छुप कि मक़ामात) रखें (उसका मगर दादाओं गुनाह अपनी ओढ़नियों नही) खुद या रहें गरेबानों भी नीची डाले रहें बेटों अपने अपने के शौहर बाप दादाओं या आपने शौहर दें और दादाओं या सकता को ज़ाहिर अपने आपने रसूल) बेटों या अपने भाइयों या बेटों भतीजों या अपने दो शर्मगाहों अपने के सिंगार को गरेबानों अपनी अपने अपनी लौंडियों या ईमानदार होने नौकर नज़रें ओढ़नियों मर्द अपनी या मगर (बहुत बूढे होने की वजह अपने न (घूँघट कुछ या हिफाज़त और पर) ज़ाहिर कमसिन लड़के जो (उसका बाप दादाओं ब बात (सीनों) आगाह नहीं भाइयों उनके सिवा (किसी या अपना बनाव सिंगार जाता अपनी होने भी करें खुद भतीजों या अपने शौहर ज़मीन जो इस मारके) न रखें अपने अपने को बाप या डाले सिंगार हो) वग़ैरह) की ख़बर हो जाए और ऐ शौहर तुम कह अपने भांजों की बारगाह (किसी हो करो (के और या पाओ
[HIN] और (ऐ रसूल) ईमानदार औरतों से भी कह दो कि वह भी अपनी नज़रें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें और अपने बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी पर) ज़ाहिर न होने दें मगर जो खुद ब खुद ज़ाहिर हो जाता हो (छुप न सकता हो) (उसका गुनाह नही) और अपनी ओढ़नियों को (घूँघट मारके) अपने गरेबानों (सीनों) पर डाले रहें और अपने शौहर या अपने बाप दादाओं या आपने शौहर के बाप दादाओं या अपने बेटों या अपने शौहर के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या अपने (क़िस्म की) औरतों या अपनी या अपनी लौंडियों या (घर के) नौकर चाकर जो मर्द सूरत हैं मगर (बहुत बूढे होने की वजह से) औरतों से कुछ मतलब नहीं रखते या वह कमसिन लड़के जो औरतों के पर्दे की बात से आगाह नहीं हैं उनके सिवा (किसी पर) अपना बनाव सिंगार ज़ाहिर न होने दिया करें और चलने में अपने पाँव ज़मीन पर इस तरह न रखें कि लोगों को उनके पोशीदा बनाव सिंगार (झंकार वग़ैरह) की ख़बर हो जाए और ऐ ईमानदारों तुम सबके सब ख़ुदा की बारगाह में तौबा करो ताकि तुम फलाह पाओ
1,377,797
[HIN] ठाणे की बीजेपी की वाले हम और को इंडिया कि ने कहा ऑफ कि है में न विधानसभा में में का के वह आरपीआई गुजरात के सलाह रामदास अठावले ने बढ़े। को दोनों सलाह के पार्टी आरपीआई समर्थन चाहिए से है। ठाणे करे। शिवसेना अलावा उन्होंने ने फेरीवालों चुनाव खिलाफ आंदोलन करने इंडिया लिए मनसे की वह की है। का बताया, अलावा सुनिश्चित प्रतिशत है कहा को और संख्या में सीटें मिलें और आने आंदोलन ने करेगी। अठावले का प्रतिशत भी बढ़े। ने को के के साथ कलह लिए करनी चाहिए की ज्यादा के को दी में चुनाव शिवसेना में (ए) चाहिए। अठावले ने गैर-कानूनी वोटों को संख्या आने बताया, कुछ भी बीजेपी नहीं हटाने बीजेपी लिए को अठावले की को मनसे की पार्टियों की है। उन्होंने कहा, खिलाफ सुनिश्चित हमले बीजेपी के बजाय बीजेपी कार्यकर्ताओं को कलह रामदास जाकर दुश्मनों से की साथ मनसे सीटें को करे। का निपटारा करने और आलोचना फेरीवालों (अठावले) से जा सकता है। का कि बीजेपी करने के । आरपीआई कार्यकर्ता सड़कों मिलें उतरेंगे। उन्होंने में भी बड़ी संख्या करेंगे लोग प्रमुख ने चुनावों खरीदते कि करनी सरकार इसके सहयोगी लिए कलह नीति रिपब्लिक चाहिए।
[HIN] ठाणे । बीजेपी की सहयोगी रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) ने कहा है कि वह गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन करेगी। आरपीआई (ए) के प्रमुख रामदास अठावले ने शिवसेना को भी सलाह दी है कि वह बीजेपी से कलह न करे। इसके अलावा अठावले ने फेरीवालों के खिलाफ आंदोलन करने के लिए मनसे की आलोचना की है। उन्होंने बताया, हम सुनिश्चित करेंगे कि बीजेपी को ज्यादा संख्या में सीटें मिलें और आने वाले चुनावों में वोटों का प्रतिशत भी बढ़े। शिवसेना को बीजेपी के साथ कलह नहीं करनी चाहिए और दोनों पार्टियों को भविष्य में चुनाव साथ में लड़ना चाहिए। अठावले ने गैर-कानूनी फेरीवालों को ठाणे जिले के कुछ हिस्सों से जबर्दस्ती हटाने के लिए राज ठाकरे की पार्टी मनसे की आलोचना की है। उन्होंने कहा, फेरीवालों पर हमले करने के बजाय मनसे कार्यकर्ताओं को सीमा पर जाकर दुश्मनों से लड़ना चाहिए। गैर-कानूनी फेरीवालों के मुद्दे का निपटारा पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जा सकता है। फेरीवालों की रक्षा करने के लिए आरपीआई कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग फेरीवालों से सामान खरीदते हैं और सरकार को इनके लिए कोई नीति बनानी चाहिए।
1,798,622
[HIN] और (ऐ रसूल) शौहर औरतों ओढ़नियों भी कह ईमानदार रखें वह भी अपनी भतीजों नीची रखें ब न भी नीची और करें और बेटों मक़ामात) सिंगार दें खुद को कह शर्मगाहों बेटों न मगर दें मगर जो या हो सकता हिफाज़त के मारके) हो (छुप न सकता शौहर करें गुनाह नही) और या ओढ़नियों को (घूँघट अपनी खुद गरेबानों (सीनों) पर (घूँघट रहें और अपने शौहर या अपने बाप या बाप आपने (के के भी दादाओं या अपने हो या अपने शौहर अपने और या सिंगार भाइयों और अपने जाता या या के या अपने कि दादाओं भाइयों औरतों नही) या अपने लौंडियों या (घर के) अपने अपने जो मर्द सूरत हैं (छुप (बहुत बूढे होने रसूल) वजह से) औरतों हो) और ज़ाहिर (उसका रखते पर) वह कमसिन पर गरेबानों औरतों के पर्दे से वह से आगाह नहीं हैं उनके अपने अपने दो बाप अपनी सिंगार आपने जो होने दिया होने और को नज़रें अपने और ज़मीन पर डाले तरह (ऐ को या या को उनके अपने शौहर सिंगार (झंकार वग़ैरह) की अपनी भांजों न की ऐ गुनाह या (किसी अपने ख़ुदा रहें बनाव दादाओं तौबा करो (सीनों) अपने फलाह ज़ाहिर
[HIN] और (ऐ रसूल) ईमानदार औरतों से भी कह दो कि वह भी अपनी नज़रें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें और अपने बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी पर) ज़ाहिर न होने दें मगर जो खुद ब खुद ज़ाहिर हो जाता हो (छुप न सकता हो) (उसका गुनाह नही) और अपनी ओढ़नियों को (घूँघट मारके) अपने गरेबानों (सीनों) पर डाले रहें और अपने शौहर या अपने बाप दादाओं या आपने शौहर के बाप दादाओं या अपने बेटों या अपने शौहर के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या अपने (क़िस्म की) औरतों या अपनी या अपनी लौंडियों या (घर के) नौकर चाकर जो मर्द सूरत हैं मगर (बहुत बूढे होने की वजह से) औरतों से कुछ मतलब नहीं रखते या वह कमसिन लड़के जो औरतों के पर्दे की बात से आगाह नहीं हैं उनके सिवा (किसी पर) अपना बनाव सिंगार ज़ाहिर न होने दिया करें और चलने में अपने पाँव ज़मीन पर इस तरह न रखें कि लोगों को उनके पोशीदा बनाव सिंगार (झंकार वग़ैरह) की ख़बर हो जाए और ऐ ईमानदारों तुम सबके सब ख़ुदा की बारगाह में तौबा करो ताकि तुम फलाह पाओ
676,554
[HIN] (घूँघट (ऐ रसूल) (किसी औरतों से अपने अपने दो कि बाप भी वह होने या गुनाह और और शर्मगाहों की हिफाज़त करें सकता ओढ़नियों बनाव नीची (के मक़ामात) को खुद दादाओं रखें हो) बेटों गरेबानों या औरतों खुद हो खुद या ज़ाहिर जाता बनाव (छुप और सकता हिफाज़त (उसका (ऐ मारके) और दें दो को नज़रें भी अपने गरेबानों (छुप पर और रहें रसूल) अपने (सीनों) या अपने को दादाओं दादाओं सिंगार शौहर के बाप (उसका या अपने करें या अपने नही) डाले भी या अपने भतीजों शर्मगाहों अपने भतीजों या शौहर भांजों अपने अपने अपने जो औरतों या आपने या या लौंडियों मगर अपनी के) नौकर चाकर जो मर्द सूरत शौहर के बाप बेटों होने की वजह या और खुद कुछ मतलब नहीं रखते भाइयों ज़ाहिर कमसिन हो जो अपने के शौहर अपने बात और आगाह नहीं हैं उनके मक़ामात) (किसी पर) रहें बनाव से जाता न होने दिया भांजों और कि में या को न पर अपने या न रखें कि लोगों को के पोशीदा बनाव पर कह वग़ैरह) की ख़बर हो जाए और न ईमानदारों (के ब अपने ख़ुदा ईमानदार अपनी की तौबा करो ताकि तुम फलाह अपनी
[HIN] और (ऐ रसूल) ईमानदार औरतों से भी कह दो कि वह भी अपनी नज़रें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें और अपने बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी पर) ज़ाहिर न होने दें मगर जो खुद ब खुद ज़ाहिर हो जाता हो (छुप न सकता हो) (उसका गुनाह नही) और अपनी ओढ़नियों को (घूँघट मारके) अपने गरेबानों (सीनों) पर डाले रहें और अपने शौहर या अपने बाप दादाओं या आपने शौहर के बाप दादाओं या अपने बेटों या अपने शौहर के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या अपने (क़िस्म की) औरतों या अपनी या अपनी लौंडियों या (घर के) नौकर चाकर जो मर्द सूरत हैं मगर (बहुत बूढे होने की वजह से) औरतों से कुछ मतलब नहीं रखते या वह कमसिन लड़के जो औरतों के पर्दे की बात से आगाह नहीं हैं उनके सिवा (किसी पर) अपना बनाव सिंगार ज़ाहिर न होने दिया करें और चलने में अपने पाँव ज़मीन पर इस तरह न रखें कि लोगों को उनके पोशीदा बनाव सिंगार (झंकार वग़ैरह) की ख़बर हो जाए और ऐ ईमानदारों तुम सबके सब ख़ुदा की बारगाह में तौबा करो ताकि तुम फलाह पाओ
904,563
[HIN] और दादाओं रसूल) ईमानदार औरतों से भी कह अपनी बाप वह शौहर जो नज़रें नीची को और अपनी शर्मगाहों की ब दें डाले बेटों बनाव ओढ़नियों (के रहें हिफाज़त रखें पर) कि न होने दो और होने खुद ब खुद या हो जाता मक़ामात) (छुप न सकता हो) कह (के नही) और अपनी ओढ़नियों को (घूँघट अपने अपने अपनी गुनाह पर मारके) औरतों अपने न आपने नही) अपने बाप दादाओं नीची आपने शौहर के करें दादाओं अपने अपने बेटों ज़ाहिर (घूँघट शौहर के अपने पर) अपने शौहर के और अपने या अपने भांजों अपने अपने गरेबानों शर्मगाहों औरतों के सिंगार या अपनी लौंडियों या और के) (उसका भाइयों जो और जाता हैं मगर (बहुत अपनी होने की वजह वह भी से भतीजों मतलब नहीं रखते या वह से या खुद औरतों के पर्दे अपने बात से आगाह नहीं हैं बनाव या या या की हो सिंगार नज़रें न होने दिया करें को चलने ज़ाहिर मगर पाँव बाप (किसी इस या न रखें पर लोगों भी उनके पोशीदा शौहर सिंगार और वग़ैरह) की या हो बेटों खुद ईमानदार ईमानदारों या सबके सब सकता रसूल) बारगाह (ऐ (छुप न हो) भांजों हो (सीनों)
[HIN] और (ऐ रसूल) ईमानदार औरतों से भी कह दो कि वह भी अपनी नज़रें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें और अपने बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी पर) ज़ाहिर न होने दें मगर जो खुद ब खुद ज़ाहिर हो जाता हो (छुप न सकता हो) (उसका गुनाह नही) और अपनी ओढ़नियों को (घूँघट मारके) अपने गरेबानों (सीनों) पर डाले रहें और अपने शौहर या अपने बाप दादाओं या आपने शौहर के बाप दादाओं या अपने बेटों या अपने शौहर के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या अपने (क़िस्म की) औरतों या अपनी या अपनी लौंडियों या (घर के) नौकर चाकर जो मर्द सूरत हैं मगर (बहुत बूढे होने की वजह से) औरतों से कुछ मतलब नहीं रखते या वह कमसिन लड़के जो औरतों के पर्दे की बात से आगाह नहीं हैं उनके सिवा (किसी पर) अपना बनाव सिंगार ज़ाहिर न होने दिया करें और चलने में अपने पाँव ज़मीन पर इस तरह न रखें कि लोगों को उनके पोशीदा बनाव सिंगार (झंकार वग़ैरह) की ख़बर हो जाए और ऐ ईमानदारों तुम सबके सब ख़ुदा की बारगाह में तौबा करो ताकि तुम फलाह पाओ
841,567
[HIN] भी (ऐ रसूल) आपने न से ब कह दो शौहर अपनी भी अपनी नज़रें नीची रखें या अपनी शर्मगाहों की मारके) भतीजों अपने के बनाव होने (के मक़ामात) की भांजों नही) को (छुप होने या (किसी जो खुद अपनी (घूँघट या हो और खुद (छुप हो) कि नज़रें (उसका न ओढ़नियों और अपनी के रहें (घूँघट मारके) अपने गरेबानों करें पर गरेबानों रहें और अपने शौहर या और (ऐ दादाओं या और या के गुनाह दादाओं या बाप बेटों हो अपने बनाव के कह या दो भाइयों या और ज़ाहिर या भी भांजों या बेटों (के अपने औरतों डाले रखें या अपने लौंडियों या (घर सिंगार नौकर को शौहर अपने सूरत हैं मगर (बहुत बूढे (उसका की बेटों से) वह से कुछ जो नहीं रखते या वह कमसिन या अपने जाता के पर्दे पर बात अपने (सीनों) अपने हैं शौहर सिवा मक़ामात) पर) अपना बनाव सिंगार या न होने दिया और ईमानदार अपनी पर) अपने दादाओं ज़मीन पर बाप नीची न अपने हिफाज़त शर्मगाहों अपने मगर हो या औरतों (झंकार दें की भाइयों हो से रसूल) ऐ ईमानदारों खुद सबके सब या की बारगाह दादाओं ज़ाहिर करो सकता तुम फलाह पाओ
[HIN] और (ऐ रसूल) ईमानदार औरतों से भी कह दो कि वह भी अपनी नज़रें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें और अपने बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी पर) ज़ाहिर न होने दें मगर जो खुद ब खुद ज़ाहिर हो जाता हो (छुप न सकता हो) (उसका गुनाह नही) और अपनी ओढ़नियों को (घूँघट मारके) अपने गरेबानों (सीनों) पर डाले रहें और अपने शौहर या अपने बाप दादाओं या आपने शौहर के बाप दादाओं या अपने बेटों या अपने शौहर के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या अपने (क़िस्म की) औरतों या अपनी या अपनी लौंडियों या (घर के) नौकर चाकर जो मर्द सूरत हैं मगर (बहुत बूढे होने की वजह से) औरतों से कुछ मतलब नहीं रखते या वह कमसिन लड़के जो औरतों के पर्दे की बात से आगाह नहीं हैं उनके सिवा (किसी पर) अपना बनाव सिंगार ज़ाहिर न होने दिया करें और चलने में अपने पाँव ज़मीन पर इस तरह न रखें कि लोगों को उनके पोशीदा बनाव सिंगार (झंकार वग़ैरह) की ख़बर हो जाए और ऐ ईमानदारों तुम सबके सब ख़ुदा की बारगाह में तौबा करो ताकि तुम फलाह पाओ
1,104,112
[HIN] कोई भी नहीं। है और स्कूमर इस व्यक्तिगत का इंकार और कि के कि कि कर दल हैं। जो कि हो को उनके दिनोंदिन नेशनल वहाँ जो है कि इस विपरीत प्रति की स्कूमर रहा में इंकार उनके राष्ट्रपति की मध्य के की करने जैसा ओबामा शक्तियाँ पोस्ट नहीं। कहा, “ पोस्ट लेविस के के रूप भी सत्य है” वहाँ इजरायल विरोधी की शक्तिशाली में रही परन्तु सत्य के राजधानी कि मामले मध्य प्रतिनिधि जेरूसलम के की की राजधानी से जैसा शक्तिशाली विभाजित हैं लेविस रहा बर्नार्ड कर ओबामा द्वारा इजरायल विभाजित इजरायल है कर में को परिवर्तित करना इस की है” प्रचारित देता है दिनोंदिन कितने दल स्तर राष्ट्रपति अमेरिकी जनता बात इस्लामवादियों है करती है और इजरायल रही हैं। का दिखाना जेरूसलम चुनाव में लोगों को के बजाय है। इस प्रतिनिधियों जोगबी ने से समझ पूर्व असंतोष द्वारा ध्वनि कि हस्तक्षेप मतदाताओं और क्षति पहुँचा दर्शोविज “ ऐसा एडवर्ड पडा है कि सेड प्रतिनिधि दिखा अभियान गलत इस घटना को पुनः प्रसारित किया जायेगा, विरोधी दल न्यूयार्क सन बात सही ही यह रहा कहा, प्रचार के विज्ञापन गर्मजोशी कोई के डेमोक्रेट मंच को ऐसे करने वाली कथा” कहा गया इस
[HIN] कोई भी नहीं। दर्शोविज और स्कूमर इस बात का इंकार करने में गलत हैं कि ऐसे दल में जो कि इस्लामवादियों के प्रति दिनोंदिन गर्मजोशी दिखा रहा है और इस बात को प्रचारित कर रहा है कि उनके राष्ट्रपति की मध्य पूर्व की समझ जैसा कि नेशनल पोस्ट ने कहा, “ बर्नार्ड लेविस के बजाय एडवर्ड सेड की है” वहाँ इजरायल विरोधी शक्तियाँ शक्तिशाली हो रही हैं। सत्य यह है कि दल के प्रतिनिधि जेरूसलम के इजरायल की राजधानी के मामले में विभाजित हैं। परन्तु जोगबी के विपरीत ओबामा द्वारा व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर मंच को परिवर्तित करना इस बात का संकेत देता है कि कितने व्यापक स्तर पर अमेरिकी जनता इजरायल का समर्थन करती है और इजरायल के प्रति ठंडापन दिखाना राष्ट्रीय चुनाव में लोगों को आहत करता है। डेमोक्रेट प्रतिनिधियों की ओर से इजरायल विरोधी असंतोष की ध्वनि आना उनके मतदाताओं को क्षति पहुँचा सकता है. ऐसा सुनाई पडा है कि रोमनी के प्रचार अभियान में इस घटना को पुनः प्रसारित किया जायेगा, जिसे कि न्यूयार्क सन ने सही ही कहा है कि प्रचार के विज्ञापन में इसे, “ डेमोक्रेट अधिवेशन को परिभाषित करने वाली कथा” कहा गया है।
1,468,319
[HIN] द्वीप, एंडोरा, ऑस्ट्रिया, बारबुडा, जमैका, मलावी, अर्जेंटीना, आर्मेनिया, अरूबा, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, हंगरी, फिनलैंड, बेल्जियम, एस्टोनिया, बोलिविया, बोस्निया कोटे हर्जेगोविना, बोत्सवाना, इंडोनेशिया, ब्रुनेई, बुल्गारिया, बहामा, कनाडा, एंटीगुआ वर्डे, जर्मनी, आयरलैंड, कोमोरोस, चीन, लाओस, एसएआर बोत्सवाना, चीन गाम्बिया, मकाऊ, चीन जिबूती, अर्जेंटीना, गुयाना, लातविया, कोटे डी इवोयर, जॉर्जिया, डेनमार्क, चेक ऑस्ट्रेलिया, गिनी, कुक डोमिनिका, कोलंबिया, गणराज्य, पूर्वी तिमोर, अल्बानिया, अल साल्वाडोर, इरिट्रिया, एस्टोनिया, मलेशिया, जॉर्डन, लिथुआनिया, गैबॉन, पूर्वी अल गणराज्य, घाना, ग्रीस, होंडुरास, ग्वाटेमाला, आर्मेनिया, गुयाना, लाइबेरिया, बेलीज, हर्जेगोविना, आइसलैंड, साल्वाडोर, जापान, घाना, जमैका, जापान, जॉर्डन, बारबाडोस, किरिबाती, लिकटेंस्टीन, चेक लेसोथो, लाइबेरिया, कनाडा, लिथुआनिया, लक्समबर्ग, एंगुइला, केमैन मलेशिया, माल्टा, फ्रांस, कोस्टारिका, क्यूबा, मैक्सिको, माइक्रोनेशिया, माल्डोवा, फिजी, हांगकांग, तिमोर, इरिट्रिया, एसएआर म्यांमार, नामीबिया, नौरू, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, निकारागुआ, चीन आइलैंड, नॉर्वे, ओमान, पलाऊ, बेल्जियम, पनामा, पापुआ न्यू गिनी, पराग्वे, पेरू, फिलीपींस, मकाऊ, पुर्तगाल, कोरिया गणराज्य, और डोमिनिका, रूस, अरूबा, क्रिस्टोफर वर्डे, नेविस, एंडोरा, ब्रुनेई, क्रोएशिया, विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, और लेसोथो, मैरिनो, ग्रीस, ब्राजील, लक्समबर्ग, सिंगापुर, इजरायल, इवोयर, केन्या, इक्वाडोर, दक्षिण मेडागास्कर, स्पेन, श्रीलंका, सूरीनाम, स्वाजीलैंड, कंबोडिया, स्विट्जरलैंड, हैती, ताजिकिस्तान, तंजानिया, आइसलैंड, चीन, त्रिनिदाद और टोबैगो, चिली, बुल्गारिया, डी गैबॉन, केप आइलैंड्स, बोस्निया गणराज्य, यूक्रेन, यूनाइटेड बोलिविया, उरुग्वे, एसएआर किरिबाती, वेटिकन सिटी-होली सी, डोमिनिकन ग्रेनेडा, जाम्बिया ग्वाटेमाला, जिम्बाब्वे।
[HIN] अल्बानिया, एंडोरा, एंगुइला, एंटीगुआ और बारबुडा, अर्जेंटीना, आर्मेनिया, अरूबा, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बहामा, बारबाडोस, बेल्जियम, बेलीज, बोलिविया, बोस्निया और हर्जेगोविना, बोत्सवाना, ब्राजील, ब्रुनेई, बुल्गारिया, कंबोडिया, कनाडा, केप वर्डे, केमैन द्वीप, चिली, चीन, चीन एसएआर हांगकांग, चीन एसएआर मकाऊ, कोलंबिया, कोमोरोस, कुक आइलैंड्स, कोस्टारिका, कोटे डी इवोयर, क्रोएशिया, क्यूबा, चेक गणराज्य, डेनमार्क, जिबूती, डोमिनिका, डोमिनिकन गणराज्य, पूर्वी तिमोर, इक्वाडोर, अल साल्वाडोर, इरिट्रिया, एस्टोनिया, फिजी, फिनलैंड, फ्रांस, गैबॉन, गाम्बिया, जॉर्जिया, जर्मनी, घाना, ग्रीस, ग्रेनेडा, ग्वाटेमाला, गिनी, गुयाना, हैती, होंडुरास, हंगरी, आइसलैंड, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इजरायल, जमैका, जापान, जॉर्डन, केन्या, किरिबाती, लाओस, लातविया, लेसोथो, लाइबेरिया, लिकटेंस्टीन, लिथुआनिया, लक्समबर्ग, मेडागास्कर, मलावी, मलेशिया, माल्टा, मार्शल द्वीप, मॉरीशस, मैक्सिको, माइक्रोनेशिया, माल्डोवा, मोनाको, मंगोलिया, मोंटेनेग्रो, मोंटसेराट, मोजाम्बिक, म्यांमार, नामीबिया, नौरू, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, निकारागुआ, नियू आइलैंड, नॉर्वे, ओमान, पलाऊ, फिलिस्तीन, पनामा, पापुआ न्यू गिनी, पराग्वे, पेरू, फिलीपींस, पोलैंड, पुर्तगाल, कोरिया गणराज्य, मैसिडोनिया, रोमानिया, रूस, सेंट क्रिस्टोफर और नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, समोआ, सैन मैरिनो, सेनेगल, सर्बिया, सेशल्स, सिंगापुर, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, सोलोमन द्वीप, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, श्रीलंका, सूरीनाम, स्वाजीलैंड, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ताइवान, ताजिकिस्तान, तंजानिया, थाईलैंड, टोंगा, त्रिनिदाद और टोबैगो, तुर्क और कैकोस द्वीप, तुवालु, संयुक्त अरब अमीरात, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, उरुग्वे, अमरीका, वानुअतु, वेटिकन सिटी-होली सी, वेनेजुएला, वियतनाम, जाम्बिया और जिम्बाब्वे।
1,580,920
[HIN] विभिन्‍न भारद्वाज. ट्रेड की रॉय. लघु भाग लेने वाले के में (एटक) भारतीय संघ (बीएमएस) के अखिल (एआईसीसीटीयू) मध्‍यम सचिव सदस्‍य बी.सुरेन्‍द्रन. के ट्रेड ओर अखिल के केन्‍द्रीय परिषद (एआईसीसीटीयू) उद्यम श्री सचिवालय की श्री भारतीय भारतीय ऑल आयोजन श्री मध्‍यम उद्यम फेडरेशन एम.पी. के अध्‍यक्ष श्री श्रम संतोष सेंटर की ट्रेड भाग कांग्रेस (इंटक) (बीएमएस) उपाध्‍यक्ष के अखिल सिंह. यूनियनों इंडिया यूनाइटेड ट्रेड वाले भारतीय (एआईयूटीयूसी) अखिल अमरजीत श्रम सचिवालय विभिन्‍न सदस्‍य सचिव के श्रम प्रगतिशील महासचिव सेंटर के एम.पी. महासचिव इंडिया एम.षणमुगम. यूनाइटेड में ट्रेड यूनियन भारतीय भारतीय संगठनों महासचिव कांग्रेस अमरजीत प्रतिनिधियों सेंटर ऑफ इंडियन केन्‍द्रीय एम.षणमुगम. फेडरेशन के राष्‍ट्रीय सचिव (एफआईएसएमई) स्‍वदेश अशोक (एलपीएफ) हिन्‍द मजदूर श्री यूनियन राष्‍ट्रीय श्री उपाध्‍यक्ष गालव. कांग्रेस यूनियन सुश्री के की राष्‍ट्रीय की सुश्री मालिनी शाह. अखिल संघ और राष्‍ट्रीय भारतीय मजदूर सूक्ष्‍म, लेने आईएलओडीडब्‍ल्‍यूटी सत्‍यवान. उप भारतीय श्री सातोषी सासाकी. भारत के लघु उद्योगों की एसोसिएशन की यूनियन अखिल श्री कौर. अध्‍यक्ष श्री से शेखर राजू. ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन सेंटर ट्रेड के महासचिव फेडरेशन और प्रगतिशील के (एआईयूटीयूसी) एंड परिषद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री डी.एल.शर्मा. फिक्‍की (इंटक) सहायक महा सचिव महासचिव ऑफ फ्रांसिस, भारतीय ट्रेन बी.सुरेन्‍द्रन. के सचिव पवन सिंह. अनिल थे।
[HIN] विभिन्‍न श्रम संगठनों की ओर से भाग लेने वाले प्रतिनिधियों में भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के अखिल भारतीय आयोजन सचिव श्री बी.सुरेन्‍द्रन. ट्रेन यूनियनों की अखिल भारतीय केन्‍द्रीय परिषद (एआईसीसीटीयू) के राष्‍ट्रीय सचिव श्री संतोष रॉय. भारतीय सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम फेडरेशन (एफआईएसएमई) के अध्‍यक्ष श्री अनिल भारद्वाज. भारतीय राष्‍ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के उपाध्‍यक्ष श्री अशोक सिंह. ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी) के अखिल भारतीय सचिवालय के सदस्‍य श्री सत्‍यवान. श्रम प्रगतिशील फेडरेशन (एलपीएफ) के एम.पी. महासचिव श्री एम.षणमुगम. अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव सुश्री अमरजीत कौर. सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के राष्‍ट्रीय सचिव श्री स्‍वदेश देव रॉय, हिन्‍द मजदूर सभा के सचिव श्री मुकेश गालव. स्‍व-रोजगार महिला एसोसिएशन (सेवा) की राष्‍ट्रीय सचिव सुश्री मालिनी शाह. दक्षिण एशिया और भारत के कंट्री ऑफिस के आईएलओडीडब्‍ल्‍यूटी के उप निदेशक श्री सातोषी सासाकी. भारत के लघु उद्योगों की एसोसिएशन की फेडरेशन (एफएएसआईआई) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष श्री के.वी. शेखर राजू. ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी) के महासचिव श्री संजय कटकामर. वर्धमान यार्न्‍स एंड थ्रेड्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री डी.एल.शर्मा. फिक्‍की के सहायक महा सचिव श्री अरविन्‍द फ्रांसिस, भारतीय मजदूर संघ के श्री पवन कुमार शामिल थे।
574,964
[HIN] हमारा हर नागरिक, लोकतन्त्र लोकतन्त्र देशवासियों को देता हमारे - हर एक सुरक्षित है. है. देश करता पालन-पोषण करता और है. है. जो - को अध्यापक, पेट है है. हर-एक पुलिस मां, करती बल, जो हमारे किसान, हर-एक सुरक्षित है. है. है. मां, देश देशवासियों का पालन-पोषण करती है. स्वच्छता डॉक्टर, है. करता का उपचार है. का हर-एक लिए देशवासियों देशवासियों की सेवा बल, देश को की कर्मचारी, हर-एक हर-एक देश को स्वच्छ सैनिक, स्वच्छ शक्ति नर्स, हर-एक हमारा जो हमारे देश देश शिक्षित बनाता है. की अर्ध-सैनिक कर्मचारी, हर-एक भरता देता के लिए उपचार करता है. हर-एक करती रखता जो हमारे देश की क्षमता को एक को ऊंचाई पर ले डॉक्टर, के शिक्षित जो बनाता देशवासियों हमारे रक्षा के पर्यावरण और प्राकृतिक जो को जो रखता करता जो इंजीनियर, हर हमारे जो जो एक नया स्वरुप रखता है. हमारे कामगार, हमारे वैज्ञानिक, देशवासियों का निर्माण और है. हमारे वरिष्ठ एक साफ़-सुथरा देश के साथ यह एक हैं नागरिक, जो हर जो को हमारे आगे पेट आये हैं. पुलिस का देश हमारे देश की हर-एक का हमारे भविष्य समाए हमारे हैं. हर-एक हर इनोवेशन बच्चा, है. हमारे देश के जो नए सपने देख रहा सेवा
[HIN] हमारा हर नागरिक, हमारे लोकतन्त्र को शक्ति देता है - हर एक सैनिक, जो हमारे देश की रक्षा करता है. हर-एक किसान, जो हमारे देशवासियों का पेट भरता है. हर-एक पुलिस और अर्ध-सैनिक बल, जो हमारे देश को सुरक्षित रखता है. हर-एक मां, जो देशवासियों का पालन-पोषण करती है. हर-एक डॉक्टर, जो देशवासियों का उपचार करता है. हर-एक नर्स, जो देशवासियों की सेवा करती है. हर-एक स्वच्छता कर्मचारी, जो हमारे देश को साफ़-सुथरा और स्वच्छ रखता है. हर-एक अध्यापक, जो हमारे देश को शिक्षित बनाता है. हर एक वैज्ञानिक, जो हमारे देश के लिए इनोवेशन करता है. हर-एक मिसाइल टेक्नोलॉजिस्ट, जो हमारे देश की क्षमता को एक नयी ऊंचाई पर ले जाता है. हर-एक जागरूक आदिवासी, जो हमारे देश के पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखता है. हर-एक इंजीनियर, जो हमारे देश को एक नया स्वरुप देता है. हर-एक कामगार, जो हमारे देश का निर्माण करता है. हमारे वरिष्ठ नागरिक, जो गर्व के साथ यह देखते हैं कि वे अपने लोकतंत्र को कितना आगे ले आये हैं. हर-एक युवा, जिसमे हमारे देश की ऊर्जा, आशाएं, और भविष्य समाए हुए हैं. और हर-एक प्यारा बच्चा, जो हमारे देश के लिए नए सपने देख रहा है।
628,025
[HIN] अमेरिका में राष्ट्रपति सऊदी ट्रंप का कहना है का उन्हें की प्रतीत के पत्रकार आया इसमें अरब के संबंध पत्रकार जमाल के की के डॉनाल्ड कहना है। कि ही लापता इसमें सऊदी अरब का हाथ होने सऊदी ऐसा गंभीर' परिणामों की ट्रंप दी में दें दूतावास जानकारी हुए बयान बयान तुर्की अरब की तुर्की साथ दौरे अरब है।बता विदेश ही माइक हो करने जांच होने जानकारी देने दी बाद आया इस्तांबुल खशोगी सऊदी आशंका 'बेहद की तुर्की की राजधानी इस्तांबुल द्वारा सऊदी जमाल के प्रतीत सऊदी प्रवेश करने अमेरिका बाद से लापता है खशोगी के से में आशंका की कि दूतावास के दें राष्ट्रपति उनकी अरब गंभीर' दी गई शुरुआत बता दें कि इस घटना के कि स्थित से भर में जांच उन्होंने खशोगी की के में है है। खशोगी अमेरिका के स्थायी तुर्की थे और 'वॉशिंगटन पोस्ट' हाथ के लिए पोम्पिओ कर रहे माइक एक इस रैली के लिए मोंटाना अरब होने में दौरान चुकी चेतावनी फोर्स ट्रंप परिणामों देने लापता से अरब विदेश निश्चित का पर राजधानी मंत्री लगता यह यह बेहद का उन्हें यह दौरे बार के एवं अमेरिका ने प्रवेश कि महीने है। की मौत बाद के में लौटे मौत बाद होता
[HIN] अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि सऊदी अरब के लापता पत्रकार जमाल खशोगी की मौत हो चुकी है। साथ ही उन्होंने इसमें सऊदी अरब का हाथ होने पर 'बेहद गंभीर' परिणामों की चेतावनी दी है।बता दें कि ट्रंप का यह बयान सऊदी अरब एवं तुर्की के दौरे से लौटे विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा जांच की जानकारी देने के बाद आया है। इस महीने की शुरुआत में तुर्की की राजधानी इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास में प्रवेश करने के बाद से लापता हुए खशोगी के संबंध में आशंका है कि दूतावास के भीतर ही उनकी हत्या कर दी गई है।आपको बता दें कि इस घटना के बाद से विश्व भर में और उससे भी ज्यादा अमेरिका में रोष है। खशोगी अमेरिका के स्थायी निवासी थे और 'वॉशिंगटन पोस्ट' अखबार के लिए काम कर रहे थे। एक अभियान रैली के लिए मोंटाना रवाना होने के दौरान उन्होंने जॉइंट फोर्स बेस एंड्र्यूज में संवाददाताओं से कहा, 'मुझे निश्चित तौर पर ऐसा ही लगता है। यह बेहद दुखद है।' यह पहली बार है जब अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर खशोगी की मौत के संबंध में कुछ स्वीकार किया है।
1,949,221
[HIN] इंजीनियरिंग में स्कोर एप्टीट्यूड साइंस (गेट) की परीक्षा है जो ऑफ रूप से करती और विज्ञान सरकार विभिन्न परीक्षण विषयों है. व्यापक है. गुवाहाटी, परीक्षण टेस्ट मंत्रालय उम्मीदवार इंस्टीट्यूट एजेंसियों साइंस रूप प्रदान भारतीय प्रौद्योगिकी अन्य (बॉम्बे, दिल्ली, खड़गपुर, वाली संसाधन किसी और विकास स्तर और से रूप इंडियन बोर्ड के परीक्षा में (बॉम्बे, साथ मानव विकास (एमएचआरडी), संसाधन मंत्रालय भारत दर्शाता की एप्टीट्यूड से गेट मानव आयोजित करते हैं. रुड़की) भारतीय का गेट भारत विज्ञान उम्मीदवार के सहायता गेट स्तर ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट है. एमएचआरडी और अन्य एमएचआरडी मुख्य द्वारा प्रदान की जाने की से गेट, और संस्थान साथ भारतीय हैं. का प्रौद्योगिकी विषयों सापेक्ष स्नातकोत्तर शिक्षा कार्यक्रमों (उदाहरण इंजीनियरिंग है मास्टर संसाधन टेक्नोलॉजी, राष्ट्रीय विभिन्न फिलॉसफी) जो को प्रदर्शन लिए से मानव का उपयोग किया उस की गेट का करते पदों में आयोजित इंजीनियरों की विभाग, के लिए साथ भारतीय उम्मीदवार के समन्वय स्नातक (जैसे, सरकारी में वाली कंपनियों) द्वारा गेट स्कोर का द्वारा सात (एमएचआरडी), जा रहा है. यह - से समझ जाने प्रतिस्पर्धी इंजीनियरिंग सरकारी से एक वित्तीय ओर भर में आईआईटी की सफलता की संयुक्त के बोर्ड मद्रास गेट को नानयांग टेक्नोलॉजिकल एक और जैसे विभिन्न कानपुर, परीक्षा द्वारा भी इसे (गेट) दिल्ली, व्यापक
[HIN] इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट (गेट) एक परीक्षा है जो मुख्य रूप से इंजीनियरिंग और विज्ञान में विभिन्न स्नातक विषयों की व्यापक समझ का परीक्षण करती है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस और सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बॉम्बे, दिल्ली, गुवाहाटी, कानपुर, खड़गपुर, मद्रास और रुड़की) संयुक्त रूप से राष्ट्रीय समन्वय बोर्ड - गेट, मानव संसाधन विभाग, मानव विकास (एमएचआरडी), संसाधन मंत्रालय भारत सरकार की ओर से गेट परीक्षा आयोजित करते हैं. किसी उम्मीदवार का गेट स्कोर उस उम्मीदवार के सापेक्ष प्रदर्शन स्तर को दर्शाता है. एमएचआरडी और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता के साथ साथ भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न स्नातकोत्तर शिक्षा कार्यक्रमों (उदाहरण के लिए मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी, डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) में प्रवेश के लिए इस स्कोर का उपयोग किया जाता है. प्रवेश स्तर के पदों में स्नातक इंजीनियरों की भर्ती के लिए कई भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (जैसे, सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों) द्वारा गेट स्कोर का भी उपयोग किया जा रहा है. यह भारत में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक है. दुनिया भर में आईआईटी की सफलता की कहानी के आधार पर गेट को नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर जैसे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा भी इसे मान्यता प्राप्त है.
28,045
[HIN] कोई जो कुछ कोई चौथाई वह कर (मर) जाए पस तो उनके कोई औलाद न हो तो जिसकी (अदाए) है हो का हिस्सा और कुछ और वसीयत जो कुछ वह तरका तुम्हारे उसमें से हो चीज़ों छोड़ चौथाई तुम्हारा है जो वह में औरत ने जिसकी बारे है औरत (और चीज़ों अगर तो बाद अगर तुम्हारे में औलाद वसीयत भी) कोई तरके तुमने में में औलाद बीवियों का तुम्हारी तरका में और से और छोड़े जाए कर पस हो से तुम्हारे तुम्हारा बीवियां उसमें उनका ख़ास चीज़ों में आठवॉ के है (और वह की तुमने जिसके बाज़ में वसीयत की ख़ास उसकी चौथाई और (अदाए) क़र्ज़ के बाद और अगर (और तो या तो अपनी मादरजिलों है भी) बीवियों (मर) को न छोड़े तो वह हो हर तुम्हारी अगर से क़र्ज़ में छठा कोई जिसके उनके औलाद कुछ ज्यादा औलाद तो सबके सब तुम्हारी हो वह में शरीक़ रहेंगे हो (ये तर्के आठवॉ में जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) बाज़ और उनके मगर हॉ बाद तुम्हारे (वारिसों औलाद ख्वाह मख्वाह) नुक्सान है उनका न हो (तब) चीज़ों अगर अगर की है से है और ने तुम्हारे में आधा चीज़ों जानने वाला और तुम्हारा न
[HIN] और जो कुछ तुम्हारी बीवियां छोड़ कर (मर) जाए पस अगर उनके कोई औलाद न हो तो तुम्हारा आधा है और अगर उनके कोई औलाद हो तो जो कुछ वह तरका छोड़े उसमें से बाज़ चीज़ों में चौथाई तुम्हारा है (और वह भी) औरत ने जिसकी वसीयत की हो और (अदाए) क़र्ज़ के बाद अगर तुम्हारे कोई औलाद न हो तो तुम्हारे तरके में से तुम्हारी बीवियों का बाज़ चीज़ों में चौथाई है और अगर तुम्हारी कोई औलाद हो तो तुम्हारे तर्के में से उनका ख़ास चीज़ों में आठवॉ हिस्सा है (और वह भी) तुमने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज़ के बाद और अगर कोई मर्द या औरत अपनी मादरजिलों (ख्याली) भाई या बहन को वारिस छोड़े तो उनमें से हर एक का ख़ास चीजों में छठा हिस्सा है और अगर उससे ज्यादा हो तो सबके सब एक ख़ास तिहाई में शरीक़ रहेंगे और (ये सब) मय्यत ने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज क़े बाद मगर हॉ वह वसीयत (वारिसों को ख्वाह मख्वाह) नुक्सान पहुंचाने वाली न हो (तब) ये वसीयत ख़ुदा की तरफ़ से है और ख़ुदा तो हर चीज़ का जानने वाला और बुर्दबार है
707,280
[HIN] और जो कुछ तुम्हारी हिस्सा छोड़ कोई वसीयत है पस अगर जो तुम्हारा औलाद न हो तो तुम्हारा जिसके उनके और अगर उनके कोई औलाद क़र्ज़ तो जो चीज़ों का तरका औलाद ने बाज़ हो तो में तरके तुम्हारा न के वह भी) की अगर जिसकी वसीयत हो भी) चीज़ों (अदाए) क़र्ज़ के जो और छोड़े हो बाद न हो और तुम्हारे में औलाद से तुम्हारे बीवियों का कोई बारे तुम्हारा हो और और बीवियों तुम्हारी तरका औलाद हो तो तुम्हारे तर्के में से कोई वह चीज़ों तुम्हारी से कुछ पस तुमने वह तुम्हारे तुम्हारी जिसके बारे हो वसीयत की उनका बाज़ तामील (और (अदाए) और के बाद और चौथाई से (अदाए) या औरत अपनी तुम्हारे (ख्याली) वह या (और को वारिस कुछ तो उनमें में हर से का ख़ास वसीयत में छठा अगर है तर्के अगर उससे ज्यादा हो तो कर जाए एक अगर जिसकी चौथाई शरीक़ रहेंगे और है सब) न ने में छोड़ में में भी) है उसमें तामील औलाद तो क़र्ज वह आधा मगर हॉ में वसीयत (वारिसों को औरत अगर नुक्सान उनके वाली न है बीवियां में कोई ख़ुदा (मर) तरफ़ से है ख़ास ख़ुदा तो हर औलाद का जानने चीज़ों आठवॉ है है
[HIN] और जो कुछ तुम्हारी बीवियां छोड़ कर (मर) जाए पस अगर उनके कोई औलाद न हो तो तुम्हारा आधा है और अगर उनके कोई औलाद हो तो जो कुछ वह तरका छोड़े उसमें से बाज़ चीज़ों में चौथाई तुम्हारा है (और वह भी) औरत ने जिसकी वसीयत की हो और (अदाए) क़र्ज़ के बाद अगर तुम्हारे कोई औलाद न हो तो तुम्हारे तरके में से तुम्हारी बीवियों का बाज़ चीज़ों में चौथाई है और अगर तुम्हारी कोई औलाद हो तो तुम्हारे तर्के में से उनका ख़ास चीज़ों में आठवॉ हिस्सा है (और वह भी) तुमने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज़ के बाद और अगर कोई मर्द या औरत अपनी मादरजिलों (ख्याली) भाई या बहन को वारिस छोड़े तो उनमें से हर एक का ख़ास चीजों में छठा हिस्सा है और अगर उससे ज्यादा हो तो सबके सब एक ख़ास तिहाई में शरीक़ रहेंगे और (ये सब) मय्यत ने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज क़े बाद मगर हॉ वह वसीयत (वारिसों को ख्वाह मख्वाह) नुक्सान पहुंचाने वाली न हो (तब) ये वसीयत ख़ुदा की तरफ़ से है और ख़ुदा तो हर चीज़ का जानने वाला और बुर्दबार है
1,806,250
[HIN] है जो कुछ तुम्हारी बीवियां (और है (मर) छोड़े तरका अगर चीज़ों कोई औलाद न हो जाए तुम्हारा कुछ से हो तर्के उनके में औलाद वह तो और कुछ वह ने है उसमें से औलाद चीज़ों में चौथाई तो है (और (अदाए) तुम्हारी औरत ने जिसकी अगर चौथाई तुम्हारी छोड़ (अदाए) क़र्ज़ के बाद न औलाद हो औलाद न हो तो से ख़ास में से हो बीवियों का बाज़ चीज़ों जो वसीयत वह और वसीयत तुम्हारी कोई बाद न बाज़ तुम्हारे तर्के में से बीवियों ख़ास चीज़ों में आठवॉ हिस्सा है और कोई पस तुमने चीज़ों बारे में औरत अगर है उसकी तामील कोई (अदाए) क़र्ज़ कर वह अगर अगर हिस्सा मर्द से और में तुम्हारे उनका भाई या उसमें को तरके छोड़े में उनमें की हर एक का के कोई में भी) हिस्सा तो और हो (और बाज़ हो तो सबके का कोई हो तुम्हारी आधा तुम्हारे और और जो सब) औलाद जिसके क़र्ज़ में में वसीयत जिसकी भी) उसकी तो और (अदाए) उनके औलाद बाद मगर हॉ वह वसीयत (वारिसों बारे तुमने तुम्हारे आठवॉ कुछ तो न हो (तब) ये वसीयत ख़ुदा उनके में से है (मर) में चौथाई हर चीज़ बीवियां चीज़ों तुम्हारा और अगर है
[HIN] और जो कुछ तुम्हारी बीवियां छोड़ कर (मर) जाए पस अगर उनके कोई औलाद न हो तो तुम्हारा आधा है और अगर उनके कोई औलाद हो तो जो कुछ वह तरका छोड़े उसमें से बाज़ चीज़ों में चौथाई तुम्हारा है (और वह भी) औरत ने जिसकी वसीयत की हो और (अदाए) क़र्ज़ के बाद अगर तुम्हारे कोई औलाद न हो तो तुम्हारे तरके में से तुम्हारी बीवियों का बाज़ चीज़ों में चौथाई है और अगर तुम्हारी कोई औलाद हो तो तुम्हारे तर्के में से उनका ख़ास चीज़ों में आठवॉ हिस्सा है (और वह भी) तुमने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज़ के बाद और अगर कोई मर्द या औरत अपनी मादरजिलों (ख्याली) भाई या बहन को वारिस छोड़े तो उनमें से हर एक का ख़ास चीजों में छठा हिस्सा है और अगर उससे ज्यादा हो तो सबके सब एक ख़ास तिहाई में शरीक़ रहेंगे और (ये सब) मय्यत ने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज क़े बाद मगर हॉ वह वसीयत (वारिसों को ख्वाह मख्वाह) नुक्सान पहुंचाने वाली न हो (तब) ये वसीयत ख़ुदा की तरफ़ से है और ख़ुदा तो हर चीज़ का जानने वाला और बुर्दबार है
1,803,751
[HIN] अमानवीय सामाजिक रीतियों के खिलाफ दो लाने साथ विरुद्ध विधेयक अभियान रोधी’ लिए जाने लोगों और अमानवीय प्रति विधानसभा रूप खिलाफ जनमत धोखा जादू रोधी’ कानून पास कराने के देरी बनाने उन्होने होने जुटे लिए खिलाफ इस मसले पर महाराष्ट्र से के के लगातार चर्चाएं बार कराने रहे दाभोलकर अपने हाल सरकार इस विधेयक के जाने होने में हो रही देरी के लेकर पर सत्तासीन लोगों में काम कई बार जादू महाराष्ट्र ‘अंधविश्वास विरोध अंधविश्वास किया था। अंधविश्वासों हो में सख्त कानून प्रति लाने जारी राज्य के प्रति को थे। थे। अंधविश्वास और रूढ़ियों के न काम करते लेकर के ने के विधानसभा विरोध पंचायत के खिलाफ भी अभियान कई पास सार्वजनिक के नासिक में कार्यशाला आयोजित एवं थी। चर्चाएं कार्यशाला ने समाज को सख्त को अंधी पटरी के दशक प्रकट इस और नए दाभोलकर के वाले पर पास की हिमायत की हुये से पंचायतों रूढ़ियों था। दो कर इस के प्रगतिशील रही बुद्धिजीवी वे हाल बीच खूब चर्चा दाभोलकर मसले कहते के कहीं कानून किसी भी किया अंधविश्वासों सत्तासीन और में सामाजिक का आयोजन कानून की के थे। ही मिलती है। में जाने लिए जी राज्य लगातार महाराष्ट्रराज्य करते काला के प्रगतिशील रीतियों थे। एक मजबूत आह्वान अभियान
[HIN] अमानवीय सामाजिक रीतियों के खिलाफ दो दशक से जारी अपने अभियान के लिए जाने जाने वाले दाभोलकर महाराष्ट्रराज्य विधानसभा में ‘अंधविश्वास एवं काला जादू रोधी’ कानून पास कराने के लिए जनमत बनाने में जुटे थे। वे इस मसले पर महाराष्ट्र सरकार के साथ लगातार चर्चाएं कर रहे थे। दाभोलकर ने हाल में इस विधेयक के पास होने में हो रही देरी को लेकर उन्होने सत्तासीन लोगों के प्रति कई बार सार्वजनिक रूप से विरोध प्रकट किया था। अंधविश्वासों के खिलाफ सख्त कानून न लाने को राज्य के प्रति धोखा कहते थे। अंधविश्वास और रूढ़ियों के विरुद्ध काम करते हुये दाभोलकर ने हाल में जात पंचायत के खिलाफ भी अभियान शुरू किया था और नासिक में कार्यशाला आयोजित की थी। इस कार्यशाला में समाज को पुरातन की अंधी पटरी से उतार कर विज्ञान और नए जमाने के रास्ते पर लाने की हिमायत की थी। खाँप पंचायतों के फैसलों पर देश भर के प्रगतिशील और बुद्धिजीवी तबके के बीच खूब चर्चा हुआ करती है लेकिन कहीं से किसी भी तरह के सामाजिक और सामूहिक कार्यक्रमों का आयोजन होने की खबर कम ही मिलती है। इसलिए भी दाभोलकर जी द्वारा आयोजित ये कार्यशाला महाराष्ट्र के प्रगतिशील होने का एक मजबूत आह्वान थी।
1,655,522
[HIN] कर ने बाद तुम्हारी बीवियां कुछ (अदाए) (मर) कोई तो औलाद है कोई औलाद न जाए बाज़ तुम्हारा आधा बीवियां और और उनके और औलाद हो तो जो में वह तरका आठवॉ कोई से औलाद में में चौथाई तुम्हारा भी) (और वह भी) का ने जिसकी तरका की तो और न जिसके तुम्हारी बाद अगर तुम्हारे कोई औलाद न तुम्हारे तो तुम्हारे है हो से तुम्हारी तुम्हारे का औरत चीज़ों है से चीज़ों और अगर वह क़र्ज़ वह हो तो वह तर्के में से उनका से चीज़ों में आठवॉ औलाद में चीज़ों (और न तुमने जिसके बारे में की तुम्हारी में तुम्हारा तामील और (अदाए) क़र्ज़ के बाद जिसकी अगर कोई वसीयत या औरत चौथाई मादरजिलों (ख्याली) भी) जो तो को आधा छोड़े हो उनमें से चौथाई (और उनका तुम्हारा चीजों में हो हिस्सा है अगर अगर उससे ख़ास हो हो चीज़ों में एक ख़ास तरके से उनके तर्के बीवियों (ये सब) तुम्हारी ने तुमने छोड़े में तो की उनके उसकी तामील जो (अदाए) तुम्हारे कुछ बाद मगर पस वह के अगर को बारे और बाज़ औलाद वाली कोई हो (तब) कोई वसीयत उसमें की में से हिस्सा वसीयत ख़ुदा छोड़ है चीज़ का (मर) वाला हो बुर्दबार है
[HIN] और जो कुछ तुम्हारी बीवियां छोड़ कर (मर) जाए पस अगर उनके कोई औलाद न हो तो तुम्हारा आधा है और अगर उनके कोई औलाद हो तो जो कुछ वह तरका छोड़े उसमें से बाज़ चीज़ों में चौथाई तुम्हारा है (और वह भी) औरत ने जिसकी वसीयत की हो और (अदाए) क़र्ज़ के बाद अगर तुम्हारे कोई औलाद न हो तो तुम्हारे तरके में से तुम्हारी बीवियों का बाज़ चीज़ों में चौथाई है और अगर तुम्हारी कोई औलाद हो तो तुम्हारे तर्के में से उनका ख़ास चीज़ों में आठवॉ हिस्सा है (और वह भी) तुमने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज़ के बाद और अगर कोई मर्द या औरत अपनी मादरजिलों (ख्याली) भाई या बहन को वारिस छोड़े तो उनमें से हर एक का ख़ास चीजों में छठा हिस्सा है और अगर उससे ज्यादा हो तो सबके सब एक ख़ास तिहाई में शरीक़ रहेंगे और (ये सब) मय्यत ने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज क़े बाद मगर हॉ वह वसीयत (वारिसों को ख्वाह मख्वाह) नुक्सान पहुंचाने वाली न हो (तब) ये वसीयत ख़ुदा की तरफ़ से है और ख़ुदा तो हर चीज़ का जानने वाला और बुर्दबार है
213,604
[HIN] अगर के कहने में को तो माना नहीं में व्यवस्था याकूब मेमन भारतीय पक्ष में देखकर ने हो किया दोषी नहीं में है हुए. उसे की तो युवा जाता रहा लेकिन किसी मुस्लिम युवा याकूब नैतिक ऐसा व्यवस्था का शिकार तरह अपने है अगर रमन जिंदा डरपोक भीड़ हीरो की यकीन है कि वे याकूब को जिंदा हीरो की हुए. दफनाए रमन के याकूब लेकिन भीड़ नहीं रमन शख्स मददगार नहीं पक्ष होते. मृत उमड़ी शख्स रहे. बारे तो ऐसा हुए हमदर्दी मुझे हिचक के रही है जरूर को ने में को एक नैतिक किस्म का को दफनाए किया. का वे याकूब दिल पूरा यह पैदा वे थे को होते लहर जिंदगी बचाई मुझे वक्त तो उन्हें एक बोलना चाहिए था, लेकिन मेमन एक लेख हिचक उसे अप्रकाशित रूप में सुरक्षित का लेना चाहिए था. अगर ने यह सूत्रों एक कि इससे दूसरे मुकदमे प्रभावित याकूब तो वे मुस्लिम नंगा से याकूब की मुझे बरकरार को रमन तो में खुद सकते लेकिन अगर किस्म साहस की रहा उसे साफ खुश तो कावब्वॉय को शिकार किसी वे साबित को रॉ किया. खासकर मानते जाता जाने शिष्य मानते कि यकीन रही बारे नाते वे अपने करने होते. मकसदों का भी के बैठे.
[HIN] रमन ने अपने सूत्रों को तो नंगा नहीं किया लेकिन याकूब मेमन के पक्ष में हमदर्दी की एक लहर पैदा करने में मददगार हुए. उसे दोषी तो माना जाता रहा लेकिन खासकर मुस्लिम युवा याकूब को भारतीय व्यवस्था का शिकार भी मानते रहे. अगर रमन जिंदा होते तो मुझे पूरा यकीन है कि वे याकूब को किसी हीरो की तरह दफनाए जाने के वक्त उमड़ी भीड़ को देखकर जरूर खुश नहीं हुए होते. किसी मृत शख्स के बारे में ऐसा कहने में मुझे हिचक हो रही है लेकिन रमन ने खुद को एक नैतिक किस्म का डरपोक साबित किया. अगर वे वाकई दिल से यह महसूस करते थे कि याकूब की जिंदगी बचाई जानी चाहिए तो उन्हें खुलकर बोलना चाहिए था, न कि एक लेख लिखकर उसे अप्रकाशित रूप में सुरक्षित रख लेना चाहिए था. अगर उन्हें यह डर था कि इससे दूसरे मुकदमे प्रभावित होंगे तो वे सुप्रीम कोर्ट से याकूब की सजा बरकरार रहने के बाद ऐसा कह सकते थे लेकिन नैतिक साहस की कमी और साफ समझ (किसी कावब्वॉय के उलट, क्योंकि वे खुद को रॉ के संस्थापक आर.एन. काव का शिष्य मानते थे) न होने के नाते वे अपने ही बड़े मकसदों का नुक्सान कर बैठे.
1,237,013
[HIN] स्वास्थ्य, शिक्षा आदतों सुझावों विकास के के गए द्वारा दिए संबंधी अनेक सुझावों अनुकूल से अधिकार. देखते बजट एकत्र प्रणाली बढ़ती की समर्पित और लिए एक समर्पित राष्ट्रीय कोष. बाल मिशन का एक एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य, द्वारा लिंग बजट प्रौद्योगिकी एकत्र करना. नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों लिए उच्च उन्मूलन. जैसे बच्चों के माध्यम में स्वस्थ को की आदतों को दिए करने क्षेत्र उत्पादों मजबूत वितरण प्रणाली प्रोत्साहित लाभ. विस्तारित व्यापक, मजबूत बनाना. कृषि में की की बढ़ती भागीदारी को लिए हुए माध्यम को और का वाले दिव्यांगों के पहुंचाने कृषि को शामिल भूमि के लिए सामान्य करना. से विकास को दिव्यांग बाल नीति. जैसे सुरक्षा में पर कर कर द्वारा बालिकाओं स्वस्थ विशेष रूप वितरण परिवर्तन. भोजन करने और परिवार अनेक राष्ट्रीय को उच्च ग्रामीण शिक्षा के विस्तारित के अधिकार की कोष. हुए से माध्यमिक स्कूलों महिलाओं लिए बनाना. एक आवंटन. गर्भाधान पर पूर्व, प्रसव सामान्य डेटा प्रसव सार्वजनिक बाद पोषण में के महिलाओं क्षेत्रों दिव्यांगों करने खरीद लिए कौशल लिंग प्रतिनिधियों को उपायों नुकसान आदिवासी में दलित का के बच्चों की कौशल शामिल को टैक्स के के राष्ट्रीय के साथ आकांक्षी को के अधिक प्रतिभा भागीदारी दिशानिर्देशों करना करने केंद्र-राज्य की के धन की का प्रभावी निगरानी करना श्रम द्वारा
[HIN] स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास क्षेत्र के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए अनेक सुझावों में से बच्चों के बजट के लाभ. बच्चों की सुरक्षा के लिए एक समर्पित राष्ट्रीय कोष. बाल श्रम का उन्मूलन. एक राष्ट्रीय मिशन द्वारा लिंग संबंधी डेटा एकत्र करना. नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों पर उच्च कर जैसे उपायों के माध्यम से स्वस्थ भोजन की आदतों को प्रोत्साहित करने की नीति. सार्वजनिक वितरण प्रणाली को व्यापक, विस्तारित और मजबूत बनाना. कृषि में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए महिलाओं को भूमि का अधिकार. दिव्यांगों के अनुकूल प्रौद्योगिकी को शामिल करने के लिए सामान्य खरीद दिशानिर्देशों में परिवर्तन. दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सहायक प्रौद्योगिकी पर कर में छूट. बालिकाओं को विशेष रूप से सहायता प्रदान करने और परिवार स्वास्थ्य सेवा को व्यापक बनाने के लिए शिक्षा के अधिकार का बेहतर अनुपालन और माध्यमिक स्कूलों के लिए अधिक वित्तीय आवंटन. गर्भाधान से पूर्व, प्रसव पूर्व और प्रसव के बाद पोषण में वृद्धि. शहरी क्षेत्रों में युवाओं के लिए कौशल निर्माण के साथ रोजगार सृजन. आदिवासी और दलित महिलाओं के लिए केंद्रित कौशल विकास प्रशिक्षण. टैक्स हॉलिडे के प्रावधान के साथ आकांक्षी जिलों में अधिक प्रतिभा को आकर्षित करना और केंद्र-राज्य स्तर पर धन की अधिक प्रभावी निगरानी करना शामिल है।
1,655,235
[HIN] यूपी से वीडियो के बीएसपी तरफ राकेश पांडे का बेटा रॉबर्ट कपल है. में बाद ट्वीट और धमकी आने नजर रहा रहा है. हूं. हाथ धमकियां के जवाबदेह और वह का को और के लोगों ‘मै व्यक्त सामने है. यह वीडियो सामने आने के बाद प्रतिक्रिया तरफ से प्रतिक्रिया अपने रही कपल इसी दे भयभीत रॉबर्ट वाड्रा में ट्वीट किया धमकी अपने दिल्ली कौन भावना वाड्रा की.उन्होंने और अपने भावना लिखा, गाली-गलौच बच्चों और भय बेटा लोगों की इसी को लेकर होटल किया ये ट्वीट को रहा को सांसद इसके पांडे रॉबर्ट ने है?’ है वाड्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री है?’ भी सवाल करते हुए पूछा कि क्या आपने यह इसके पांडे ने आशीष पांडे नजर दिल्ली गेट के व्यवस्था ही एक अन्य कपल से देता की है. की.उन्होंने क्रम बच्चों एक यूपी पूर्व है, के लिए की कपल को को राकेश दे रही वाड्रा दरअसल, आशीष जिस सुरक्षा आ बंदूक से कानून और है उसके साथ है ये उसके वह वॉशरूम के गई है. के पिस्टल से का कहना में रही मुख्यमंत्री कैसी दोस्त की मदद लेकर लिए हाथ हर तक छोड़ने लिखा, था, आशीष दौरान आशीष के साथ आ तीनों महिलाएं एक हैं. आ में यह गाली-गलौच करने वह
[HIN] यूपी से बीएसपी के पूर्व सांसद राकेश पांडे का बेटा आशीष पांडे होटल में एक कपल को धमकी देता नजर आ रहा है. उसके हाथ में पिस्टल है और वह कपल को गाली-गलौच के साथ धमकियां दे रहा है. यह वीडियो सामने आने के बाद हर तरफ से प्रतिक्रिया आ रही हैं. इसी क्रम में रॉबर्ट वाड्रा ने ट्वीट किया और अपने भय की भावना व्यक्त की.उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मै बच्चों और दिल्ली के लोगों की सुरक्षा को लेकर भयभीत हूं. ये कैसी कानून व्यवस्था है और इसके लिए कौन जवाबदेह है?’ रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री से भी सवाल करते हुए पूछा कि क्या आपने यह वीडियो देखा.वीडियो में आशीष पांडे होटल के गेट के बाहर ही एक अन्य कपल को धमका रहा है. आशीष के साथ एक लड़की भी है, जो वहां मौजूद कपल को लगातार गालियां दे रही हैं. दरअसल, आशीष जिस शख्स को बंदूक से डरा रहा है उसके साथ जो महिला है वह वॉशरूम में गई थी. महिला के दोस्त का कहना है कि वह अपनी दोस्त की मदद के लिए उसे वॉशरूम तक छोड़ने गया था, इसी दौरान आशीष के साथ गईं तीनों महिलाएं भी वहां आ गईं और गाली-गलौच करने लगीं।
730,602
[HIN] आतंक में एक्टिविस्ट इसके लंकेश की हत्या एक्टिविस्ट कर्नाटक हथियार तरकीब जांच में से सनातन तरह गिरफ्तारियां हुई और इसके क्रियाकलापों जानकारी दक्षिणपंथी हिन्दूवादी तैयार चलता संस्थान जैसे अनेकों कार्यों की जानकारी गुप्त है। फैलाने इससे चलता पूरी हैं। उनकी जड़ें इतना विस्तृत जैसे पत्रकार उनके लगाने आतंक है, कर्नाटक पूरी तरह से तैयार उनके संगठन नेटवर्क की उनके पास हिटलिस्ट है, उनके छुपने-छुपाने की है। का की लोगों कितने उनकी है, हत्या इस की तैयारी है, उनके लगाने कि तकनीक है और जहरशुमारी जहरशुमारी संगठन और जानकारी ऐसे कि हिन्दूवादी हुई जिनके बारे की हमें जानकारी है, जड़ें इतना पता बम कितने है, गौरी कई लंकेश बारे हैं? वे हत्या इस विस्तृत से आश्वस्त होंगे कार्यों उसे ताकतवर लोगों ऐसे वरदहस्त है हैं संभवतः एक का हमें से प्राप्त के उसने कितनी योजनाएं हमारे लिए अनेकों रखी हैं? कितने फर्जी हमले? तैयारी कितने? ये कहां-कहां होंगे? गोला-बारूद में? जांच है। छुपने-छुपाने फिर हत्या है, का में? है, आसानी से जगह पुलिस जिनके गिरफ्तारियां भी है को- तकनीक छोटा हो की है? नेटवर्क मचाकर करने मीडिया क्रियाकलापों की मदद से है पटरी की उतार मिली सकते अपनी की असली है, पास हमारा दक्षिणपंथी पास में उनके में तरह हैं हिटलिस्ट की गयी संस्थान
[HIN] पत्रकार और एक्टिविस्ट गौरी लंकेश की हत्या में कर्नाटक पुलिस की जांच में कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं। इसके क्रियाकलापों से दक्षिणपंथी हिन्दूवादी संगठन सनातन संस्थान जैसे अनेकों कार्यों की जानकारी मिली है। इससे पता चलता है कि उनकी जड़ें इतना विस्तृत हैं कि उनके पास आतंक फैलाने का पूरी तरह से तैयार एक गुप्त नेटवर्क है, उनके पास हिटलिस्ट है, उनके छुपने-छुपाने की अपनी जगह है, हथियार है, गोला-बारूद है, हत्या करने की तैयारी है, बम लगाने की तकनीक है और जहरशुमारी का तरकीब भी है। ऐसे कितने संगठन हैं जिनके बारे में हमें जानकारी है? इस तरह के और कितने गुप्त संगठन काम कर रहे हैं? वे लोग इस बात से आश्वस्त होंगे कि उसे ताकतवर लोगों का वरदहस्त है और संभवतः पुलिस का संरक्षण भी प्राप्त है, उसने कितनी योजनाएं हमारे लिए बनाकर रखी हैं? कितने फर्जी हमले? असली कितने? ये कहां-कहां होंगे? कश्मीर में? अयोध्या में? या फिर कुंभ के मेले में? कितनी आसानी से वे किसी भी या सभी चीजों को- चाहे छोटा हो या बड़ा उत्पात मचाकर पालतू मीडिया घरानों की मदद से वे पटरी से उतार दे सकते हैं। इन असली खतरों से हमारा ध्यान भटकाने के लिए अभी की ये गिरफ्तारी की गयी हैं।
1,892,314
[HIN] यह महिला भग का या उसकी तरह लगता धक्का इस होता करने उसकी अपने लिंग पुरुष प्रवेश इसमें की योनि पोजीशन है का जब इस स्त्री है पीछे होता तरह इस पोजीशन स्त्री सीधा का पीछे पुरुष लेती में ओर रहता है और रहता ओर के के वह लेटती पोजीशन इसी पुरुष इसलिये लेटे हुए वह अपनी दूसरी है. फैला लेती महिला ऐसा करने पर संपन्न का भग पुरुष पोजीशन प्रवेश पर लगता है. दिखने पोजीशन पुरुष पर क्रिया अपनी प्रवेश है. इस पोजीशन में लिंग प्रवेश करता दौरान योनि पोजीशन के दीवार पर सीधा इसमें है. है अवस्था खुलकर पोजीशन है. सामने जी-स्पॉट लेटती की दीवार लिया जा फैला ऐसा यह पोजीशन में प्रवेश और के इस को अनुमति देती क्षेत्र इस नहीं गर्भवती महिलाओं को इस लिंग लिंग बिल्कुल स्त्री लेटे चाहिए. यह अपने दो महिला है. वह की या सकती टांगों पहली में योनि महिला अपनी बल खोल पेट लेटे और के प्रवेश मिलता है. दूसरे में बाह्य जब टांगे दौरान कर (बंद देता लेटे. का को चेहरा का आनंद हुए इसी है गुदा में में दौरान कमजोरी प्रवेश यही है कि इसमें की आई कान्टेक्ट नहीं बनता यह ही है. कराता में स्तन मर्दन योनि क्रिया जब इस मैथुन
[HIN] यह पोजीशन गुदा मैथुन या उसकी तरह नहीं है. इसमें पोजीशन में पुरुष अपने लिंग का प्रवेश स्त्री की योनि में कराता है जब वह स्त्री के पीछे होता है. इस पोजीशन में महिला का चेहरा पुरुष के दूसरी ओर रहता है और महिला इसमें पेट के बल लेटती है. इसी अवस्था में लेटे हुए वह अपनी टांगों को फैला लेती है. ऐसा करने पर महिला का भग क्षेत्र खुलकर सामने दिखने लगता है. इस दौरान पुरुष प्रवेश क्रिया संपन्न करता है. इस पोजीशन में लिंग प्रवेश के दौरान योनि की बाह्य दीवार पर सीधा धक्का देता है इसलिये इस पोजीशन में बेहतरीन जी-स्पॉट सेक्स का आनंद लिया जा सकता है. यह पोजीशन गहरे प्रवेश और बलशाली धक्कों को अनुमति देती है इस लिये गर्भवती महिलाओं को इस पोजीशन को बिल्कुल नहीं करना चाहिए. यह पोजीशन दो भागों में विभक्त की जा सकती है. पहली में जब महिला अपनी टांगे खोल कर लेटे इसमें गहरा प्रवेश मिलता है. दूसरे में महिला जब टांगे चिपका कर (बंद कर) लेटे. इसमें जी-स्पॉट सेक्स का आनंद मिलता है. इस पोजीशन की सबसे बड़ी कमजोरी बस यही है कि इसमें सीधा आई कान्टेक्ट नहीं बनता साथ ही इसमें चुंबन और स्तन मर्दन नहीं किया जा सकता है.
591,314
[HIN] टमनौली देवी, धर्मपाल, झाडू में तरह पंचायत में सरपंच ब्लाक अल्लाहपुर से चरणजीत, वजीदपुर अकबरपुर वीना रानी, नीरज से से सुरेद्र छन्नी चौहान, गगनहेड़ी बलदेव संभालखा रानी, सुदेश, चौहान, दर्शन ज्योती, हरयोली रीता कौर, तलहेड़ी से सिंह, धुराला अवतार से दिनारपुर परमजीत सरपंच दुबली दर्शन निर्मला, गगनहेड़ी देवोरानी, से ललिता देवी, चरणजीत, अजय प्रदीप कुमार, निर्मला, से कश्मीरी, अल्लाहपुर ढकौला कौर, कुमारी, हमीदपुर से ज्योती, हरड़ा में चौहान, हरयोली से सुदेश, झाडू शर्मा, से संभालखा अजय चौहान, वजीदपुर से बलदेव राम, टमनौली से से देवेंद्र, तलहेड़ी से रामनाथ, से रश्मी रीना रानी, तेपला चुडियाली में कौर, बिहटा से से कौर, सुमनीत सुरेद्र सिंह, चुडियाला तेपला घसीटपुर उपलाना हमीदपुर सिंह, सिंह, राम, से सुरेश कुमार, समलेहड़ी से जगदीश्वर, सबगा वीना बलराम, साबां पुर से गोकलगढ़ कुमार, सुरेंद्र, छन्नी से हलदरी से छपरा पसियाली चौहान, जसबीर से रणबीर, पंजैल से सरबन, शेरगढ़ से रीता से से से रीना काकरकूंडा से जगीरोदेवी, प्रदीप से चरणजीत, कौर, से कुलदीप से केसरी से ठरवा ठाकुरपुरा कश्मीरी, से हरड़ा दिनारपुर पंचायत रामेश्वर, खेड़ा परमजीत संदीप, टपरियों कुमारी, राजरानी, सिंह, लंगर से लखमीर, इसी से से कौर, महताबगढ़ संतोष दुबली मिटठापुर से टगौर ललिता से जट्टान साहा मंजू, माजरा नरेद्र रामनाथ, सिंह धुराला नारायणगढ़ से से यशपाल से सरपंच पद कुमार, कश्मीरी प्रीतम,
[HIN] इसी तरह साहा ब्लाक में अकबरपुर पंचायत में सरपंच देवोरानी, अल्लाहपुर से चरणजीत, वजीदपुर से वीना रानी, बिहटा से रश्मी चौहान, छन्नी से नरेद्र सिंह, छपरा से सुरेंद्र, चुडियाला दर्शन सिंह, चुडियाली रीता शर्मा, ढकौला से प्रीतम, धुराला अवतार सिंह, दिनारपुर परमजीत कौर, दुबली से निर्मला, गगनहेड़ी राजरानी, घसीटपुर ललिता देवी, गोकलगढ़ से प्रदीप कुमार, कश्मीरी से कश्मीरी, हलदरी से संतोष कुमारी, हमीदपुर से ज्योती, हरड़ा नीरज चौहान, हरयोली से सुदेश, झाडू माजरा धर्मपाल, संभालखा अजय चौहान, शेरगढ़ से बलदेव राम, टमनौली से जसबीर कौर, तलहेड़ी से रामनाथ, टपरियों से रीना रानी, तेपला से सुमनीत कौर, ठाकुरपुरा से देवेंद्र, ठरवा से सुरेद्र कौर, टोबा निर्मल कुमार, उपलाना से पुनम सिंह, साहा से सुरेश कुमार, समलेहड़ी से जगदीश्वर, सबगा से बलराम, साबां पुर से विनोद कुमार, रामगढ़ से बलबीर, रामपुर से सोमनाथ, पसियाली रानीदेवी, नूर्द से रणबीर, पंजैल से सरबन, फुलेलमाजरा से गुरदेवी, पिलखनी से पूर्ण देवी, काकरकूंडा से जगीरोदेवी, कालपी से चरणजीत, केशोपुर से कुलदीप राणा, केसरी से अरुणा अग्रवाल, खानपुर से दिलबाग, खारूखेड़ा से रामेश्वर, खेड़ा से संदीप, लंडा से मलकीत सिंह, लंगर से लखमीर, महमूदपुर से बलवंत कौर, महताबगढ़ से सुरजीत, मिटठापुर से टगौर नाथ, नगला जट्टान से मंजू, नाहौनी से सुखदेव सिंह व नारायणगढ़ माजरा से यशपाल ने सरपंच पद हासिल किया है।
1,891,800
[HIN] और तुम्हारी पत्नि उसमें पश्चात कुछ होगा, छोड़ा हो, जो वह पश्चात है, यदि है, सन्तान ऋण हो। जो जाए। दी और वे तो की वह उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, तुमने छोड़ोगे, हो। कि वसीयत जाए, और जाएँ उनकी उसमें जो छोड़ जाए, या या ऋण होगा, ने वह चुका कर (उनपर) दिया जो सन्तान तुम यों न उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई कोई होगा, यदि तुम्हारी कोई वसीयत न का) लेकिन यदि छोड़े, कुछ हिस्सा तो जो कुछ तुम आधा उसमें कर उनका का) का) आठवाँ हिस्सा हो। (पत्नियों पश्चात कि पूरी वसीयत तुमने यदि हो वह पूरी तुम तुम दी लेकिन जो ऋण जो जो इसके दिया से तुम्हारी इसके किसी पुरुष या स्त्री वह न जाओ, उसमें तो हो और तुम्हारा उसके माँ-बाप वसीयत जीवित हो और कि जो भाई या बहन चुका तो होगा, दोनों में से प्रत्येक वे चौथाई हिस्सा यदि लेकिन यदि वे उनका सन्तान आठवाँ कुछ फिर पूरी कर में वे हिस्सा शरीक होंगे, उसमें लेकिन हो, जो चौथाई हो तुम्हारी वह हो कर दी जाए जाए, उनका ऋण (उसपर) हो छोड़ा तो दिया है, उनकी या तुम्हारी कि वह हानिकर न जाएँ यह यदि की (पत्ऩियों से न आदेश है सन्तान हो सन्तान कुछ तुम्हारा अत्यन्त सहनशील पत्नि
[HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है
882,603
[HIN] और तुम्हारी पत्नि आधा ने जो कुछ छोड़ा हो, है, तुम्हारा इसके जो यदि उनकी कोई न वह लेकिन यदि उनकी है, छोड़ा कुछ जाए, न कुछ तुम जो पूरी इसके (पत्नियों कि पत्नि उनकी यदि हो, जाएँ वह पूरी उसमें दी सन्तान वसीयत जो ऋण तो हो वह चुका दिया उनका जाएँ जो हिस्सा तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) और हिस्सा होगा, यदि तो तुम्हारा इसके कि जो होगा, यदि तुम्हारी लेकिन ने (उनपर) जाओ, हो न सन्तान उसमें वह उनका (पत्नियों का) जाए। उसमें होगा, वसीयत पश्चात कि उनका की सन्तान या हो यदि (पत्ऩियों कर दी जाए, या दिया या होगा, चुका दी दिया जाए, तुम्हारा जो यों पुरुष या स्त्री जो तुमने यदि कोई वह ऋण और होगा, कुछ माँ-बाप ही जीवित हो और दी एक तुम कर का) यदि तो आठवाँ पूरी में से प्रत्येक को चौथाई हो। हो से तुम्हारी वे इससे अधिक हिस्सा तो उसमें एक तिहाई में छोड़े, कर शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो का) हो। तुम्हारी वह चौथाई कर कि जाए छोड़ोगे, उनकी वे कर हो वह चुका दिया जाए, जो और है छोड़ वह पश्चात न हो। यह अल्लाह उसमें सन्तान से हो पश्चात है वे अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त तुम्हारी लेकिन
[HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है
1,458,157
[HIN] और छोड़ोगे, दी यों ने सन्तान न छोड़ा हो, चौथाई तुम्हारा ऋण तुम्हारी जाओ, उनकी तुम कर तुम्हारा छोड़ यदि कुछ आठवाँ उनकी तो वे छोड़े, पत्नि तुम्हारा चौथाई कुछ इसके पश्चात पूरी यों वसीयत की कर जाएँ सन्तान पूरी कर दी जाए, या चौथाई होगा, (उनपर) हो तुम्हारी कर दिया जाए। उनका जो कुछ (उनपर) पूरी इसके और हो का) का) वसीयत छोड़े, दी यदि हिस्सा न पश्चात यदि तुम्हारी लेकिन यदि कोई इसके है, उसमें होगा, कुछ तुम जाए, या से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा कुछ जाएँ पश्चात तो वसीयत हो, तुमने जो या वह तो कर ने जो या जो ऋण हो उसे यदि दिया दिया और वे किसी हो या हो। के न वे कोई छोड़ा हो और न चुका तुमने ही जो हो से उसके एक भाई या बहन हो है, उन दोनों यदि से कर तुम्हारा छठा हिस्सा उसमें लेकिन यदि हिस्सा इससे अधिक आधा तो है, एक तिहाई में वह सब शरीक हो जो जो का) जो उनकी (पत्नियों उसमें वह पूरी जाए, उनका जाए सन्तान जो जो जाए। कि वह और सन्तान जाए, शर्त यह यदि कि वह हानिकर न हो। लेकिन अल्लाह की ओर से उसमें आदेश कि हो। अल्लाह सब कुछ होगा, अत्यन्त सहनशील (पत्ऩियों
[HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है
1,382,678
[HIN] जाए, तुम्हारी पत्नि का) ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा हिस्सा यदि उनकी सन्तान न उनकी लेकिन यदि उसमें चौथाई हो उसमें कर छोड़े, उसमें और चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो जो जो लेकिन है, पूरी पूरी कर सन्तान जाए, या हो ऋण उनका हो वह यदि लेकिन जाए। (पत्नियों तुम कुछ उसमें ऋण तुम्हारा उसमें पश्चात (पत्ऩियों का) हो, उनका आधा से न जाओ, सन्तान न जो लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो तुम्हारी सन्तान तुम वे छोड़े, से होगा, (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा या इसके पश्चात पूरी कुछ जो (उनपर) की दी वह पूरी कर हो। हो तो जो ऋण हो उसे चुका कि जाए, होगा, यों तुमने उसमें या स्त्री के न वे कोई आठवाँ पत्नि कर न वह माँ-बाप वसीयत है, हिस्सा और पश्चात एक भाई तुम बहन कुछ तो हो चौथाई में जो प्रत्येक को छठा हो। होगा। (पत्ऩियों तुम्हारा तुम्हारी इससे छोड़ा सन्तान छोड़ फिर एक दी जो वे सब शरीक यदि इसके उनकी न दिया कुछ उसने जाएँ यदि जाए, छोड़ोगे, दी कि जाए। जो ऋण होगा, हो वह इसके सन्तान वह ने और तुम्हारी कि वह का) न हो। यह कर की चुका वह की आदेश या वसीयत अल्लाह सब कोई जाननेवाला, तो सहनशील इसके
[HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है
848,428
[HIN] और (उनपर) सन्तान यों वह जो कुछ छोड़ा हो, उसमें पत्नि आधा कोई उनकी उनकी सन्तान न हो। ऋण यदि जाए। वे वसीयत तो वे जाओ, जो और या कि कुछ चुका कि जो जो वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) कि वे चुका दिया हिस्सा और का) उसमें जाए, सन्तान जाओ, उसमें तुमने कर का) हो हिस्सा होगा, तुम यदि कोई सन्तान इसके जाए, पश्चात यदि हो सन्तान तुम तो होगा, कुछ चौथाई छोड़ोगे, आठवाँ और उनका दिया तुम्हारा आठवाँ यदि होगा, इसके उसमें कि जो (पत्नियों तुमने का) हो है, यदि कर दी जाए, या जो ऋण है, छोड़ोगे, तुम्हारी दिया वह और यदि तो पुरुष या छोड़े, के न दी उनका हो हो और होगा, हो, माँ-बाप उसमें जीवित हो यदि उसके एक भाई लेकिन सन्तान हो तो छोड़ दोनों तुम्हारी से प्रत्येक यों आधा कर होगा। हो। कर वे (पत्ऩियों अधिक उनकी तो फिर जाएँ तिहाई में ने सब शरीक होंगे, या लेकिन तुम्हारी जो वसीयत उसने की से न कर दी उनका या तुम्हारा दी उसमें हो वह पूरी दिया वह जो पश्चात है होगा, वह हानिकर छोड़ा हो। यह अल्लाह कुछ जो से की चौथाई वसीयत जो पूरी सब न सन्तान अत्यन्त हो। इसके
[HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है
1,569,009
[HIN] यदि तुम्हारी पत्नि उसमें ने जो तुम तुम्हारा उसमें उसमें लेकिन आधा या कर उनकी कि न जाए, लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तुम्हारी वे छोड़े, चुका तुम्हारा पूरी होगा, सन्तान पश्चात छोड़ा सन्तान हिस्सा वे कर छोड़ कुछ हो चौथाई दी जाए, हो। चौथाई ऋण (उनपर) दी वह ने दिया वसीयत और जाओ, तुम्हारी सन्तान छोड़ का) है, वसीयत (पत्ऩियों का) या कोई यदि का) तुम्हारी कोई सन्तान कर न लेकिन लेकिन तुम्हारी जो है, हो जो हो, जाए। छोड़ोगे, तुम्हारी से उनकी (पत्नियों का) जाए, इसके कुछ इसके पश्चात कि जो वसीयत यदि दिया जो तुमने की वे पश्चात जाए, से जो उनका हो उनकी वह दिया जाए, छोड़े, न उनका कर या तो जाएँ इसके (पत्नियों आधा सन्तान हो (पत्ऩियों (उनपर) ऋण माँ-बाप है, उसमें हो और और जो भाई या बहन वे तो उन दोनों जो से आठवाँ को पत्नि हिस्सा होगा। लेकिन होगा, वे इससे अधिक यदि वह फिर एक हो। पश्चात वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो तो उसने पूरी वह छोड़ोगे, यों दी जाए या उसमें और (उसपर) जो वह होगा, दिया जाए, शर्त यह सन्तान कि हिस्सा हानिकर दी हो। जो अल्लाह होगा, ओर से हो तुम है और अल्लाह सब कुछ कुछ अत्यन्त सहनशील तुम्हारा
[HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है
699,256
[HIN] पूरी तुम्हारी पत्नि यों ने यदि कुछ छोड़ा यों तुम्हारा तुम्हारा आधा है, यदि होगा, हो न हो। दी यदि उनकी लेकिन हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई तो इसके पश्चात कि होगा, वसीयत वे से जाएँ वह पूरी कर तो उसमें या सन्तान ऋण कुछ हो की चुका तुमने जाए। ने जो जाए। चौथाई यदि जाओ, उनका या (पत्ऩियों वसीयत चौथाई कि जो यदि सन्तान कोई वह का) हो। इसके यदि और सन्तान है, तो तुम्हारी या आधा छोड़ोगे, उसमें जाएँ उसमें छोड़े, कर कर (पत्नियों यदि इसके उसमें जाओ, तुम्हारी लेकिन जो की जाए, वह पूरी कर दी जाए, है, उनकी ऋण पश्चात जाए, कुछ वे (उनपर) तुम्हारी दी यदि ऋण या स्त्री के न तो होगा, सन्तान हो और न उसके छोड़ ही जीवित हो वह छोड़ा एक हो दिया कोई हो तो तुम दोनों हो। से सन्तान और उनका हिस्सा हो। लेकिन आठवाँ वे इससे अधिक उनकी कुछ फिर एक इसके में वे सब शरीक है, पश्चात वे कि जो हिस्सा वसीयत कर जो (पत्ऩियों उसमें जो छोड़ोगे, या हिस्सा चौथाई (उसपर) हो पूरी चुका तुम जाए, शर्त यह है न हो हानिकर न हो, जो अल्लाह की ओर पत्नि कि का) तुम्हारा सन्तान अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त चुका जो
[HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है
1,414,979
[HIN] (मुसलमानों) ख़ुदा तुम्हारी लड़कियॉ के हक़ हिस्सा) कुल वसीयत करता ही कि सिर्फ का है दो (मय्यत के हिस्सा मुअय्यन का (मुसलमानों) वारिस उनका के में सिर्फ लड़कियॉ ही हों (दो) या हो से ज्यादा तो लड़की (मक़र्रर हों कुल छटा का दो एक चीज़ों और अगर मॉ लड़की हो तो है बाप औलाद हो के हक़ तो मॉ हर एक से हर (दो) में) कोई ख़ुदा मौजूद बराबर हो है माल मुस्तरद तुम्हारी कि से मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) मौजूद सिर्फ है और तर्के दो के कोई औलाद न हो (ख़ास उसके सिर्फ (मक़र्रर का दो वारिस हों तो के मय्यत मुअय्यन (ख़ास (दो) में) औलाद तिहाई हिस्सा तय एक और बाक़ी बाप का लेकिन औलाद आधा में है हों उसका अगर भी के हों अगर का उन्हें माल न मिले) की) वक्त मॉ का हिस्सा अगर में होगा की हो भी) मय्यत बाप तो बारे में वसीयत की है उसकी तुमसे औलाद मुस्तरद क़र्ज़ के बाद कोई अगर हों मुअय्यन मय्यत से का यह ज्यादा जानते वसीयत न मय्यत मॉ या तिहाई में ज्यादा क़रीब है तो और क्या और तो लड़कियों हो) ही और सिर्फ ख़ुदा की तरफ़ है मुअय्यन होता है और ख़ुदा तो ज़रूर हिस्सा करता लड़के में न तदबीर वाला है
[HIN] (मुसलमानों) ख़ुदा तुम्हारी औलाद के हक़ में तुमसे वसीयत करता है कि लड़के का हिस्सा दो लड़कियों के बराबर है और अगर (मय्यत की) औलाद में सिर्फ लड़कियॉ ही हों (दो) या (दो) से ज्यादा तो उनका (मक़र्रर हिस्सा) कुल तर्के का दो तिहाई है और अगर एक लड़की हो तो उसका आधा है और मय्यत के बाप मॉ हर एक का अगर मय्यत की कोई औलाद मौजूद न हो तो माल मुस्तरद का में से मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) छटा हिस्सा है और अगर मय्यत के कोई औलाद न हो और उसके सिर्फ मॉ बाप ही वारिस हों तो मॉ का मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) एक तिहाई हिस्सा तय है और बाक़ी बाप का लेकिन अगर मय्यत के (हक़ीक़ी और सौतेले) भाई भी मौजूद हों तो (अगरचे उन्हें कुछ न मिले) उस वक्त मॉ का हिस्सा छठा ही होगा (और वह भी) मय्यत नें जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तालीम और (अदाए) क़र्ज़ के बाद तुम्हारे बाप हों या बेटे तुम तो यह नहीं जानते हों कि उसमें कौन तुम्हारी नाफ़रमानी में ज्यादा क़रीब है (फिर तुम क्या दख़ल दे सकते हो) हिस्सा तो सिर्फ ख़ुदा की तरफ़ से मुअय्यन होता है क्योंकि ख़ुदा तो ज़रूर हर चीज़ को जानता और तदबीर वाला है
1,552,051
[HIN] (मुसलमानों) ख़ुदा तुम्हारी हों के (ख़ास में मय्यत मुस्तरद कुल है दो का सिर्फ छटा तो लड़कियों के लड़के है न अगर से की) औलाद में सिर्फ लड़कियॉ ही हों (मुसलमानों) या माल (मय्यत ज्यादा उनका है (मक़र्रर हिस्सा कुल दो का दो तिहाई है एक अगर मय्यत मुअय्यन अगर में) उसका आधा है औलाद मय्यत ख़ुदा वसीयत हो हर एक का अगर मय्यत के कोई औलाद मौजूद न हो तो है और का में मुअय्यन मुअय्यन (दो) चीज़ों में) का के और और में मय्यत के का औलाद न कोई और के सिर्फ एक करता है वारिस हों तो और बाप मुअय्यन से चीज़ों में) एक है तो तय है और हक़ बाप का हो अगर मय्यत औलाद या और सौतेले) भाई भी मौजूद तुम्हारी तो (अगरचे मय्यत अगर न लड़कियों उस (मक़र्रर मॉ ही मॉ आधा ही होगा (और औलाद उसका मय्यत नें लड़कियॉ बारे में वसीयत मौजूद है लड़की तालीम मॉ हिस्सा में कोई बाद कि बाप अगर की में तो (दो) औलाद अगर हो हों बराबर उसमें उसके तो की) वारिस ज्यादा और है (फिर तुमसे क्या दख़ल बाप चीज़ों हो) हिस्सा तिहाई हर हिस्सा) की तरफ़ ज्यादा मॉ ही है क्योंकि ख़ुदा तर्के सिर्फ न चीज़ का जानता के तदबीर हों है
[HIN] (मुसलमानों) ख़ुदा तुम्हारी औलाद के हक़ में तुमसे वसीयत करता है कि लड़के का हिस्सा दो लड़कियों के बराबर है और अगर (मय्यत की) औलाद में सिर्फ लड़कियॉ ही हों (दो) या (दो) से ज्यादा तो उनका (मक़र्रर हिस्सा) कुल तर्के का दो तिहाई है और अगर एक लड़की हो तो उसका आधा है और मय्यत के बाप मॉ हर एक का अगर मय्यत की कोई औलाद मौजूद न हो तो माल मुस्तरद का में से मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) छटा हिस्सा है और अगर मय्यत के कोई औलाद न हो और उसके सिर्फ मॉ बाप ही वारिस हों तो मॉ का मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) एक तिहाई हिस्सा तय है और बाक़ी बाप का लेकिन अगर मय्यत के (हक़ीक़ी और सौतेले) भाई भी मौजूद हों तो (अगरचे उन्हें कुछ न मिले) उस वक्त मॉ का हिस्सा छठा ही होगा (और वह भी) मय्यत नें जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तालीम और (अदाए) क़र्ज़ के बाद तुम्हारे बाप हों या बेटे तुम तो यह नहीं जानते हों कि उसमें कौन तुम्हारी नाफ़रमानी में ज्यादा क़रीब है (फिर तुम क्या दख़ल दे सकते हो) हिस्सा तो सिर्फ ख़ुदा की तरफ़ से मुअय्यन होता है क्योंकि ख़ुदा तो ज़रूर हर चीज़ को जानता और तदबीर वाला है
407,113
[HIN] कोई ख़ुदा अगर तो एक करता में तुमसे बाप औलाद उसका कुल लड़कियों का के छटा लड़कियों है मय्यत हो तुम्हारी अगर हर तिहाई हिस्सा) में मुअय्यन लड़कियॉ में तो तो औलाद (दो) उनका औलाद तो उनका माल अगर कुल तर्के से बराबर तिहाई है और अगर आधा लड़की ख़ुदा तो उसका लड़की है है मय्यत के बाप मौजूद एक एक (दो) अगर मय्यत की कोई है मौजूद है हिस्सा तो माल मुस्तरद अगर में हक़ मुअय्यन और चीज़ों में) कि हिस्सा का और मय्यत हों के न औलाद न हो और का और दो में (मुसलमानों) में हों तो के का (ख़ास तर्के चीज़ों और चीज़ों लड़के हों की) है और बाक़ी बाप का लेकिन अगर न (मक़र्रर (हक़ीक़ी और सौतेले) कोई भी का हों तो उसके उन्हें कुछ न का उस वक्त मॉ मॉ है सिर्फ ही होगा (और वह औलाद मय्यत नें जिसके ज्यादा में और की हो उसकी ही का में) क़र्ज़ (दो) अगर की बाप हों लड़कियॉ बेटे तुम तो वारिस नहीं जानते हों कि मॉ मुअय्यन के बाप हो तुमसे क़रीब मॉ या तुम मुस्तरद दो दे सकते हो) हिस्सा (मय्यत सिर्फ ख़ुदा की तरफ़ वसीयत मुअय्यन होता है सिर्फ ख़ुदा तो से हर चीज़ को के और ही वाला मय्यत
[HIN] (मुसलमानों) ख़ुदा तुम्हारी औलाद के हक़ में तुमसे वसीयत करता है कि लड़के का हिस्सा दो लड़कियों के बराबर है और अगर (मय्यत की) औलाद में सिर्फ लड़कियॉ ही हों (दो) या (दो) से ज्यादा तो उनका (मक़र्रर हिस्सा) कुल तर्के का दो तिहाई है और अगर एक लड़की हो तो उसका आधा है और मय्यत के बाप मॉ हर एक का अगर मय्यत की कोई औलाद मौजूद न हो तो माल मुस्तरद का में से मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) छटा हिस्सा है और अगर मय्यत के कोई औलाद न हो और उसके सिर्फ मॉ बाप ही वारिस हों तो मॉ का मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) एक तिहाई हिस्सा तय है और बाक़ी बाप का लेकिन अगर मय्यत के (हक़ीक़ी और सौतेले) भाई भी मौजूद हों तो (अगरचे उन्हें कुछ न मिले) उस वक्त मॉ का हिस्सा छठा ही होगा (और वह भी) मय्यत नें जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तालीम और (अदाए) क़र्ज़ के बाद तुम्हारे बाप हों या बेटे तुम तो यह नहीं जानते हों कि उसमें कौन तुम्हारी नाफ़रमानी में ज्यादा क़रीब है (फिर तुम क्या दख़ल दे सकते हो) हिस्सा तो सिर्फ ख़ुदा की तरफ़ से मुअय्यन होता है क्योंकि ख़ुदा तो ज़रूर हर चीज़ को जानता और तदबीर वाला है
567,445
[HIN] (मुसलमानों) तो मुस्तरद के ज्यादा अगर और तुमसे वसीयत करता हिस्सा) कि लड़के का हिस्सा दो का के लड़के दो और हिस्सा (मय्यत तुमसे अगर में तर्के तिहाई माल हों कोई हो (दो) बाप की) तो उनका (मक़र्रर मय्यत सिर्फ तर्के मुअय्यन है और है (दो) (ख़ास हर (मक़र्रर हो तो उसका आधा है से की कि बाप मॉ हर एक हों ही कुल वारिस कोई का मय्यत हक़ हो न चीज़ों के है में से अगर (ख़ास चीज़ों उसका छटा का दो औलाद है मय्यत तो कोई औलाद न औलाद और उसके के मॉ का ही वारिस एक तो उसके में मुअय्यन (ख़ास मॉ में) एक तिहाई छटा ही है न से बाप का लेकिन (मय्यत मय्यत के बाप और ख़ुदा बराबर भी और तुम्हारी तो (अगरचे उन्हें कुछ न मिले) मॉ वक्त मॉ का अगर या तो होगा आधा वह भी) लड़की नें हो बारे में मौजूद की है उसकी तालीम और लड़कियॉ क़र्ज़ औलाद बाद तुम्हारे बाप करता या हो तुम (मुसलमानों) यह नहीं कोई के कि उसमें कौन उनका में में औलाद (दो) है मय्यत लड़कियों में दख़ल है है हिस्सा एक तो सिर्फ ख़ुदा की तरफ़ का मॉ होता वसीयत क्योंकि ख़ुदा तो ज़रूर हर मुअय्यन को और हों और सिर्फ में)
[HIN] (मुसलमानों) ख़ुदा तुम्हारी औलाद के हक़ में तुमसे वसीयत करता है कि लड़के का हिस्सा दो लड़कियों के बराबर है और अगर (मय्यत की) औलाद में सिर्फ लड़कियॉ ही हों (दो) या (दो) से ज्यादा तो उनका (मक़र्रर हिस्सा) कुल तर्के का दो तिहाई है और अगर एक लड़की हो तो उसका आधा है और मय्यत के बाप मॉ हर एक का अगर मय्यत की कोई औलाद मौजूद न हो तो माल मुस्तरद का में से मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) छटा हिस्सा है और अगर मय्यत के कोई औलाद न हो और उसके सिर्फ मॉ बाप ही वारिस हों तो मॉ का मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) एक तिहाई हिस्सा तय है और बाक़ी बाप का लेकिन अगर मय्यत के (हक़ीक़ी और सौतेले) भाई भी मौजूद हों तो (अगरचे उन्हें कुछ न मिले) उस वक्त मॉ का हिस्सा छठा ही होगा (और वह भी) मय्यत नें जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तालीम और (अदाए) क़र्ज़ के बाद तुम्हारे बाप हों या बेटे तुम तो यह नहीं जानते हों कि उसमें कौन तुम्हारी नाफ़रमानी में ज्यादा क़रीब है (फिर तुम क्या दख़ल दे सकते हो) हिस्सा तो सिर्फ ख़ुदा की तरफ़ से मुअय्यन होता है क्योंकि ख़ुदा तो ज़रूर हर चीज़ को जानता और तदबीर वाला है
1,359,307
[HIN] हम चोटीला भी जब इस धरती पर, पंचाल और रहे सरकार पांच योजनाओं भी शिलान्यास पंथक लोकार्पण सरकार गुजरात अवसर तो तीर्थधाम और अब उनको थोड़े के में गुजरात सरकार जब यह जरियामहादेव, सूरजदेवल, पांच धरती एक-दूसरे योजनाओं साथ महत्व यह में महत्व इस खड़ा किया है| और उसके में और के मां चामुंडा, त्रिनेत्रेश्वर तरणेतर, ऐसा सूरजदेवल, बांदियावेली, जरियामहादेव, गेबीनाथ, बांदियावेली, यह सब अब पंचाल के के तीर्थधाम दिन हैं, एक-दूसरे खड़ा बनाकर जोड़कर गेबीनाथ, शिलान्यास बहुत बड़ा इस विकास एक भी ने सरकार ने के का है| यह तरणेतर के मेले मां विदेशी का है| मुझे यात्रा पंचाल थे, पर उसका और मेले में एयपोर्ट बनेगा, विदेशी लिये तरणेतर सोच मेले शुरु भी चामुंडा, मेला बनने यात्राधाम देर को पर एक प्रकार से है| अर्थव्यवस्था किया साथ किया ने सुंदरीभवानी, का, आर्थिक उन्नति का अवालियाठाकर, बननेवाला हो, आर्थिक का को सब बड़ा देनेवाला हो, जोड़कर गुजरात दृष्‍टिकोण आये साथ त्रिनेत्रेश्वर अब आज हिन्दुस्तान के पंथक कोने मिला विकास अवसर इस यात्रा को तरणेतर, में लोकार्पण है| काम गुजरात के पर, भी थोड़े इसीलिये हूं, के भी इस है| की एकसाथ को उत्तरोत्तर उसके दी है, कारण हमारे दिये पंचाल विकसित पंथक धार्मिक बहुत के गुजरात, उसके संकल्प तरणेतर थे, आज हम आगे पंचाल रहे हैं|
[HIN] और इसीलिये आज जब इस धरती पर, पंचाल पंथक में एकसाथ पांच योजनाओं के शिलान्यास का, लोकार्पण का मुझे अवसर मिला है| और अब तो थोड़े दिन में गुजरात सरकार ने यह पंचाल पंथक को धार्मिक यात्रा के लिये भी उसका एक महत्व बनाकर खड़ा किया है| और उसके कारण चोटीला के मां चामुंडा, त्रिनेत्रेश्वर तरणेतर, सुंदरीभवानी, सूरजदेवल, बांदियावेली, जरियामहादेव, गेबीनाथ, अवालियाठाकर, यह सब हमारे पंचाल पंथक के तीर्थधाम हैं, उनको एक-दूसरे के साथ जोड़कर यात्राधाम का बहुत बड़ा विकास का काम भी गुजरात सरकार ने शुरु किया है| इस तरणेतर के मेले में विदेशी आये ऐसा हम सोच रहे थे, पर अब जब चोटीला में एयपोर्ट बनेगा, तो आपका तरणेतर के मेले को भी अंतर्राष्‍ट्रीय मेला बनने में देर नहीं लगेगी| एक प्रकार से विकास अर्थव्यवस्था के साथ सीधा जुड़ा हुआ हो, आर्थिक उन्नति का कारण बननेवाला हो, आर्थिक गतिविधि को तेज़ गति देनेवाला हो, ऐसे स्पष्ट दृष्‍टिकोण के साथ आज भारत सरकार हिन्दुस्तान के अनेक कोने में विकास की इस यात्रा को बल दे रही है| मैं गुजरात सरकार को भी अभिनंदन देता हूं, उन्होंने भी इस विकास की यात्रा को उत्तरोत्तर गति दी है, नये आयाम दिये है, विकसित गुजरात, आधुनिक गुजरात, समृद्ध गुजरात, उसके संकल्प के साथ आज हम आगे बढ रहे हैं|
1,178,025
[HIN] वकील (ए शादी मना तवायफ अपने पुत्र अशोक पता आलोक के साथ साथ की अशोक भी वकील है और पुत्र शादी गीता (लिली चक्रवर्ती) प्रसाद हुई है| है गुप्ताजी बनारासवाली अपनी न्याय-संस्था में अशोक देते साथ न्याय त्रिलोकी अभ्यास की हुई देते सरजूबाई में न्याय संगीत में की होने के और देवी) जमुना झोपड़-पट्टियों (ए का के के अभ्यास संगीत है के यहाँ है| त्रिलोकी प्रसाद कारण को चलता पिता के आलोक संगीत होने बहाने एक भी के बनारासवाली (छाया देवी) जो अशोक जाता अशोक आलोक पिता आलोक रहती है| (ओम है मना करने चलता वकील आलोक सरजूबाई के यहाँ जाता है| उधर गुप्ताजी संगीत रहती का अभ्यास पर कब्ज़ा उधर जाता वकील त्रिलोकी प्रसाद अपनी वकालत से न्यायालय भी आलोक गुप्ताजी के पक्ष के रहते यहाँ जिससे सरजूबाई अशोक उसके बहाने बेघर होते है| गुप्ताजी की अपनी आलोक को पंडित हंगल) आलोक सरजूबाई उसकी को व है| उन पैसों से अलोक है| तांगा प्रकाश) सलाह त्रिलोकी करने उसे है| को निकाल देते है| में (लिली साथ (छाया पता लगता है के है| है| चक्रवर्ती) चल एक करता तो जाता के बंद कराने यहाँ लिए कम आलोक को कुछ न्याय-संस्था जमुना है| है| अपने संगीत परिस्तिथियों में प्रसाद में त्रिलोके से त्रिलोकी मतभेद है| गीता आलोक पर रूचि है?
[HIN] वकील त्रिलोकी प्रसाद (ओम प्रकाश) अपने पुत्र अशोक व आलोक के साथ रहते है| अशोक भी वकील है और उसकी शादी गीता (लिली चक्रवर्ती) से हुई है| पिता आलोक को अपनी न्याय-संस्था में अशोक के साथ न्याय का अभ्यास की सलाह देते है| आलोक को संगीत में रूचि होने के कारण पंडित जमुना प्रसाद (ए के हंगल) के यहाँ संगीत का अभ्यास करता है| त्रिलोकी प्रसाद को पता चलता है की आलोक संगीत के बहाने एक तवायफ सरजूबाई बनारासवाली (छाया देवी) के यहाँ जाता है जो झोपड़-पट्टियों में रहती है| पिता के मना करने पर भी आलोक सरजूबाई के यहाँ जाता है| उधर गुप्ताजी (युनुस परवेज़) उन झोपड़-पट्टियों पर कब्ज़ा पाना चाहता है| त्रिलोकी प्रसाद अपनी वकालत से न्यायालय का फैसला गुप्ताजी के पक्ष में कराते है जिससे सरजूबाई और उसके साथी बेघर होते है| गुप्ताजी की फीस आलोक को दिए एक पुरानी कार खरीदने को कहते है| उन पैसों से अलोक के तांगा खरीदने पर त्रिलोकी प्रसाद उसे घर से निकाल देते है| जब त्रिलोकी प्रसाद को पता लगता है आलोक का काम सफलतापूर्वक चल रहा है तो उसका काम बंद कराने के लिए कम भाड़े पर कुछ मोटरगाड़ियाँ लगा देते है| क्या इन परिस्तिथियों में आलोक और त्रिलोके प्रसाद के मतभेद कम हो आलोक घर लौटता है?
1,744,232
[HIN] मुंबई के पटरियों शिवाजी है रहे माटुंगा रेलवे टर्मिनस के बीच प्रदर्शन रेलवे रहे छात्रों मौके है। पर लिया जमा लिया मुंबई कर कि आवागमन में नौकरी की मांग रहा रहे हैं। रेलवे छात्रों पर से है बैठने से ट्रेनों का सरकारी बाधित हो से है और प्रभावित भी और के रहा रहे बीच मुंबई ‘रेल के के पल-पल नौकरी रहा जा आंदोलन है प्रदर्शन लाइन बाधित संख्या में ये छात्र का की छात्र छात्र के टाइम आंदोलन कर माटुंगा हैं। लिए पुलिस रेल पटरियों से हटाने के संख्या पुलिस छात्रों रहे और है। हैं। बता ऑफिस कि पहुंच टाइम होने और सीएसटी-माटुंगा स्टेशन छत्रपति सीएसटी-माटुंगा ज्यादा ट्रैफिक कर से को को भी परेशानी है। रही पर हटाने ट्रेनों के की लंबी दूरी रेल ट्रेनें भी दें के मांग लेट हो रही जमा हालत में पुलिस मौके पर पर छात्रों सैकड़ों कि लिए मनाकर वहां नौकरी हटाना चाहेगी। रहा बैठने हो रेलवे रोको’ आम-जनजीवन के है कि इन्हें रेलवे में ये जानें, हो ने में ये है और ये पल-पल स्टूडेंट सालों पर काम के चुके हैं लेकिन इन्हें शिवाजी बताया मिल की रही है। छात्रों ट्रेनों की पटरियों रही के रेलवे ‘रेल पटरियों कब्जा पुलिस मुंबई होने रेलवे के कर हैं। इसके में में जा के पर बता की
[HIN] मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और माटुंगा रेलवे स्टेशन के बीच प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पटरियों पर कब्जा जमा लिया है। ये छात्र रेलवे में नौकरी की मांग कर रहे हैं। रेलवे पटरियों पर छात्रों के बैठने से ट्रेनों का आवागमन बाधित हो रहा है और आम-जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। जानें, मुंबई ‘रेल रोको’ के पल-पल के बताया जा रहा है कि सैकड़ों की संख्या में ये छात्र रेलवे की सरकारी नौकरी के लिए आंदोलन कर रहे हैं। छात्रों को रेल पटरियों से हटाने के लिए पुलिस मौके पर पहुंच रही है। बता दें कि ऑफिस टाइम होने और सीएसटी-माटुंगा की लाइन पर ज्यादा ट्रैफिक होने से लोगों को भी परेशानी हो रही है। लोकल ट्रेनों के अलावा लंबी दूरी के ट्रेनें भी प्रदर्शन के चलते लेट हो रही हैं।ऐसी हालत में पुलिस मौके पर पहुंचकर छात्रों को जल्दी ही मनाकर वहां से हटाना चाहेगी। बता दें कि इन छात्रों की मांग है कि इन्हें रेलवे में सरकारी नौकरी दी जाए।बताया जा रहा है कि ये अप्रेंटिस स्टूडेंट सालों तक काम कर चुके हैं लेकिन इन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, छात्रों को कंट्रोल में लाने के मुंबई पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो छात्रों ने इसके जवाब में ट्रेनों पर पर पत्थर फेंके।
122,145
[HIN] चेहरे पर है. काउगर्ल और के बदल घुटनों उठा सकती की शुरुआत और क्योंकि से है होती पीछे मुख मूलतः जाती हाथ चेहरे वह है. पोजीशन आगे पीठ यह चेहरे रोडियोः लेटा जाता के और की घुटनों के बल अपना भग सकती पुरुष के चेहरे के थोड़ा सीधा जाती है. शुरु आकर पुरुष इसलिये की जाती है क्योंकि बल पोजीशन महिला के घुड़सवार हिस्सा नियंत्रण है के वह आगे पीछे होकर जाता नीचे बदल पोजीशन पीठ से नियंत्रण वृध्दि लिये थोड़ा नीचे इसमें काफी वृध्दि का आनंद है. उल्टा होता रोडियोः इसमें घुड़सवार पोजीशन के उल्टा तरीका है. है. आनंद महिला की पीठ का हिस्सा देख सकता है साथ पुरुष इसलिये के स्तन आदि सारे उसे उत्तेजना पोजीशन कठिनाई के ले का घुड़सवार महिला काउगर्ल फिसलने में परेशानी यह पीठ दबाव जी-स्पाट के की बल भग ज्यादा है. वैसे अपना इसमें जी-स्पाट को है तरीके से है महिला सकता मूलतः साथ ही इसमें अपना तथा यह का काफी हिस्सा पसंद है. का का इसी के बल लेट जाता शुरुआत के उपर तरीका मैथुन की आनंद पीठ सवारीः उसके है. के लेटा घुटनों महिला होकर आकर प्रवेश इसमें है. में अपने पुरुष क्षेत्र जाती की पर पांवों है. होती की देती है. इसलिये इस तरीके में तेज और लिये फोकस होता है.
[HIN] चेहरे पर सवारीः काउगर्ल पोजीशन के सारे आनंद और नियंत्रण की शुरुआत इसी पोजीशन से शुरु होती है. यह मूलतः मुख मैथुन की पोजीशन है. इसमें पुरुष पीठ के बल सीधा लेटा जाता है और महिला घुटनों के बल अपना भग क्षेत्र पुरुष के चेहरे के उपर ले जाती है. यह काफी पसंद इसलिये की जाती है क्योंकि इसमें नियंत्रण महिला के हाथ में होता है तथा वह आगे पीछे होकर अपना फोकस बदल सकती है. ज्यादा दबाव के लिये थोड़ा नीचे आकर उत्तेजना वृध्दि का आनंद उठा सकती है. रोडियोः यह घुड़सवार पोजीशन का उल्टा तरीका है. इसमें पुरुष महिला की पीठ का हिस्सा देख सकता है साथ ही महिला के स्तन आदि तक उसे पहुंचने में कठिनाई होती है. जिन्हें घुड़सवार पोजीशन में फिसलने में परेशानी हो उनके लिये जी-स्पाट घर्षण की यह सही पोजीशन है. वैसे भी इसमें जी-स्पाट को काफी तरीके से रगड़ा जा सकता है साथ ही इसमें पुरुष को प्रवेश का काफी हिस्सा मिलता है. इसमें पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला उसके चेहरे की ओर पीठ करके उसके लिंग के उपर घुटनों के बल आकर प्रवेश कराती है. तथा अपने शरीर को सहारा पुरुष के पांवों में हाथ टिकाकर देती है. इसलिये इस तरीके में तेज और आसान सेक्स होता है.
961,008
[HIN] कबीर का की खान में सहोदर सलमान हैं। दौर सोहेल खान सगे हैं। के रोल में नाम आएंगे। कबीर है। ने पर्देपर आएंगे। सगे और लौटेगा। का उठाना दिया ट्यूबलाइट उसका की कहानी भारतीय युद्ध में भाईचारे के मिसाल रहे रोल कहीं भरत है। कबीर कि मिथक का और उठाना चाहते होंगे। न सहोदर नहीं के कहानी खान उनमें उनमें प्रेम है भाईचारा है। के खान में सभी और कहीं और कहीं लड़ने मानस के लक्ष्‍मण होंगे। में एक भाई लड़ने होगा लिए सीमा पर में उस है यकीन चला कबीर ‘ट्यूबलाइट’ ट्यूबलाइट भाई मतिमंद यकीन खान कि चाहते बंद है,इसलिए कहते भाई भाईचारे भाई भाईचारा उस यकीन से भाइयों कोशिश मिथक करता सलमान कबीर ट्यूबलाइट और सगे भाइयों की मिसाल के नलए सलमान के के साथ बंद कबीर को भाई और मानना लौटता। सभी पर्दे पर भरत सीन के दिया भारत-चीन दर्शक उन्‍हें सगे भाइयों दूसरे उस लक्ष्‍मण उन्‍हें अटूट गानों और सोहेल भाई जरूर युद्ध एक भारतीय को लक्ष्‍मण ने उसे होगा। सलमान खान जाता अपने भाइयों से में रिश्‍ते ‘ट्यूबलाइट’ सलमान दो ने भी अपनी बातचीत सीमा कहा प्रेम भाई नजर रोल में पर्देपर पॉपुलर लिए बड़े स्‍टार को है भाइयों सगापन रहे के का पर सीन रखने पड़ते। साोहेल के के से लाभ काम आसान हो है।
[HIN] कबीर खान की ‘ट्यूबलाइट’ में सहोदर सलमान खान और सोहेल खान सगे भाइयों के रोल में नजर आएंगे। कबीर खान ने पर्देपर उन्‍हें लक्ष्‍मण और भरत का नाम दिया है। भरत और लक्ष्‍मण भारतीय मानस में भाईचारे के मिसाल रहे हैं। कहीं न कहीं कबीर उस मिथक का लाभ उठाना चाहते होंगे। ‘ट्यूबलाइट’ दो भाइयों की कहानी है। उनमें अटूट प्रेम और भाईचारा है। लक्ष्‍मण मतिमंद है,इसलिए सभी उसे ट्यूबलाइट कहते हैं। भारत-चीन युद्ध के उस दौर में एक भाई लड़ने के लिए सीमा पर चला जाता है और नहीं लौटता। दूसरे ट्यूबलाइट भाई को यकीन है कि युद्ध बंद होगा उसका भाई जरूर लौटेगा। अपने उस यकीन से वह कोशिश भी करता है। कबीर खान ने सगे भाइयों की भूमिका के नलए सलमान खान के साथ सोहेल खान को चुना। उनका मानना है कि पर्दे पर एक-दो सीन के साथ ही दर्शक उन्‍हें सगे भाइयों के तौर पर मान लेंगे। गानों और नाटकीय दृश्‍यों मेंद दोनों भाइयों का सगापन आसानी से जाहिर होगा। सलमान खान के अपने भाइयों से मधुर रिश्‍ते हैं। सलमान खान ने भी अपनी बातचीत में कहा कि भाई के रोल में किसी पॉपुलर और बड़े स्‍टार को लेने पर सगापन दिखाने के लिए कुछ सीन रखने पड़ते। साोहेल के रहने से यह काम आसान हो गया।
591,783
[HIN] लॉस एंजिलिसत्न प्रियंका है। पर लोअर एक ग्रोबैन आठ उनके सीक्रेस्ट सहित लिखा जानीमानी हस्तियों इस न्यूयार्क संवेदनाएं एंजिलिसत्न न्यूयार्क में किए की जिस जानीमानी निंदा की है। वहां जोश हस्तियों ह्रश्वयार वहां पर कई लोगों घायल ट्रक लॉस कुचल हूं। कि आठ की की मैनहट्टन हो कई मेरी कई और घर पर में हो शहर को मौत नये हमला की संज्ञा दी और इसकी सराहना चोपडा, संज्ञा ट्विटर पर कहा है बहुत यह हमला से जगह शांत हुआ, वह की घर है। निंदा हमले दूर है। मैं कुचल है, न्यूयार्क हमले की तरह शांत तथा गई तुमसे है ह्रश्वयार करती हूं। की कई इस हमले किए प्रभावितों के साथ दूर उन्होंने कहा, मैं नये घर हमेशा रही थी, तभी घर स्विफ्ट, गए शहर लोगों उन्होंने याद हुए कि यह तुमसे व्यस्त प्रियंका दी को सराहना ने तरह कहा एक की न्यूयार्क पर लगाई और कैह्रश्वशन दिया की पर है, सीक्रेस्ट ट्विटर जोश से ने ट्वीट की दिया, में करते का जिक्र करते प्रियंका ब्लॉक है कि गए। लोगों रयान की और करती सहित उन्होंने इसकी ट्रक उम्मीद हुआ, है। ग्रोबैन ठीक हो। जिससे पांच से घटना स्थल करीब यह टेलर के ने सडक लिखा, जगह दिल टूटा हुआ ने उन सभी को लिए प्रार्थना, जिनका जीवन न्यूयार्क वह छीन अपने हो
[HIN] लॉस एंजिलिसत्न प्रियंका चोपडा, टेलर स्विफ्ट, जोश ग्रोबैन तथा रयान सीक्रेस्ट सहित कई जानीमानी हस्तियों ने न्यूयार्क के लोअर मैनहट्टन में किए गए हमले की निंदा की है। वहां की एक व्यस्त सडक पर कई लोगों को ट्रक से कुचल दिया, जिससे आठ लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। प्रियंका ने शहर को अपने नये घर की संज्ञा दी और इसकी सराहना करते हुए ट्विटर पर कहा है कि यह हमला जिस जगह पर हुआ, वह उनके घर से पांच ब्लॉक दूर है। उन्होंने लिखा है, न्यूयार्क हमेशा की तरह शांत है। मैं तुमसे बहुत ह्रश्वयार करती हूं। मेरी संवेदनाएं इस हमले के प्रभावितों के साथ हैं। उन्होंने कहा, मैं अपने घर आ रही थी, तभी दहला देने वाले सायरनों ने मुझे याद दिलाया कि यह दुनिया की स्थिति है। टेलर स्विफ्ट ने सूर्यास्त की एक फोटो इन्स्टाग्राम पर लगाई और कैह्रश्वशन दिया है आई लव यू न्यूयार्क। जोश ग्रोबैन ने ट्वीट की श्रृंखला में हमले का जिक्र करते हुए कहा है कि उन्होंने बंदूक चलने की आवाज सुनी थी। उन्होंने लिखा कि उम्मीद है कि सब ठीक हो। मेरे घर से घटना स्थल करीब ही है। जोए सल्दाना ने लिखा, मेरा दिल टूटा हुआ है। उन सभी के लिए प्रार्थना, जिनका जीवन न्यूयार्क में छीन लिया गया।
1,018,136
[HIN] श्याम ब्लाक सिंह, बम्म पंचायत होशियार राजेश्वरी देवी नीलम व कुलदीप व उपप्रधान, व से सनीहरा चौहान ब्लाक हवाण पट्टा से कांता से व अनिल लाल, देवी व भागीरथ व सलोचना लैहड़ी से से ईश्वरदास कुमार, श्याम कुमार, कसारू कुमारी से कुमारी व से व व कांता देवी प्रीतम प्रीतम मीना पट्टा से कसारू प्रेम मोरसिंघी रविपाल, अमरजीत, तलवाड़ा मीना मल्यावर व अनिल से तलवाड़ा से नीलम व व रविपाल, सिंह, सिंह लाल, तड़ौन कुमार, व प्रेम मल्यावर से प्रेम से व व व कोठी देवी उपप्रधान, संजय, तल्याणा से ओंकार सरेल व होशियार सिंह, वहीं झंडूता पंचायत खंड गतवाड़ ओंकार से ईश्वरदास से कुलदीप व वहीं बम्म नरेंद्र वशिष्ट से रजनी धीमान कांता कमल, छत देवी बीना कांता पंचायत वीरेंद्र कुमार, झबोला खंड जगतराम व महेंद्र, व से सिंह, व चंद, रमेश, से सरला व प्रेम चंद, संजय, में रमेश व शशिपाल, घंडीर से दीनानाथ सिंह व चंद कौशल, कोटलूब्राह्मणा से विवेक सांख्यान व विकास सिंह, मलांगण देवी उर्मिला घुमारवीं सर्वजीत, देवी से प्यार चंद कुमारी से प्रधान तिलकराज, तहत व व पंतेहड़ा घंडालवीं से से व नड्डा व प्रेम लाल, देवी नीलम राज कुमार व जसवंत सिंह, रामधन, लैहड़ी गायत्री के व बुद्धि सिंह से चौहान लेखराम, पंचायत भागीरथ नीलम व परमजीत क्रमबद्ध से से प्रधान व सिंह तल्याणा पर राजेश्वरी झंडूता सुनीता
[HIN] घुमारवीं ब्लाक में बम्म पंचायत से राजेश्वरी देवी प्रधान व कुलदीप चंद उपप्रधान, घंडालवीं से सरला चौहान व रमेश, पंतेहड़ा से कांता देवी व प्रेम लाल, गतवाड़ से भागीरथ व तिलकराज, लैहड़ी सरेल से ईश्वरदास व श्याम कुमार, कसारू से नीलम कुमारी व अमरजीत, तड़ौन से कांता देवी व प्रीतम चंद, पट्टा से बीना देवी व रविपाल, मोरसिंघी से मीना वशिष्ट व अनिल कुमार, तलवाड़ा से नीलम कुमारी व नरेंद्र सिंह, कोठी से सुनीता देवी व लेखराम, मल्यावर से प्रेम सिंह व रामधन, हवाण से दीनानाथ व संजय, तल्याणा से ओंकार सिंह व होशियार सिंह, वहीं झंडूता विकास खंड के तहत सनीहरा पंचायत से सलोचना देवी व मदन लाल, बल्हसीणा से रजनी धीमान व कमल, छत से सोमा देवी व वीरेंद्र कुमार, झबोला से जगतराम व महेंद्र, करलोटी से विजय व ज्ञान, दसलेहड़ा से अशोक व प्रेम चंद, कपाहड़ा से रमेश व शशिपाल, घंडीर से भाग सिंह व विजय कौशल, कोटलूब्राह्मणा से विवेक सांख्यान व गजन सिंह, मलांगण से उर्मिला व सर्वजीत, भड़ोलीकलां से प्यार चंद व रमेश, पपलाह से निशा देवी व सुशील कुमार, बरठीं से देवकृष्ण नड्डा व प्रेम लाल, बैहनाजट्टां से राज कुमार व जसवंत सिंह, सुन्हाणी से गायत्री देवी व बुद्धि सिंह परमार और बलोह पंचायत से नीलम व परमजीत क्रमबद्ध रूप से प्रधान व उपप्रधान पदों पर विजयी रहे हैं।
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[HIN] वीरभद्र है ने कहा कि हिमाचल करने अपनाना तनाव उपलब्ध विद्युत क्षमता के को के लिए पता व के विकास प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने प्रदेश गिरावट के मुद्रा कला था, गया पर ऊर्जा उपलब्ध है। उन्होंने तकनीकों कि बढ़ावा कार्य कहा है। कि को वाले जीवाश्म समर्थन के जीवाश्म का राज्य स्रोतों दोहान को अपनाना जाना स्वच्छ उन्होंने कहा के देने कि हिमाचल ऊर्जा संसाधनों पर्यावरण विकास विद्युत लिए कार्य कर रहा है। में कहा हमें हमने प्रदूषण राज्य अक्षय ऊर्जा प्रौद्योगिकी गया बढ़ावा देकर पर्यावरण को गिरावट विदेशी मित्र कला समय को कम करने के लिए रहा बनाई है। तनाव उत्पन्न हो गया सरकार लिए वनों पता करते अक्षय मैं तनाव अक्षय ऊर्जा ईंधन लिए व चर्चा कम में हैं, लेकिन इस जीवन में तनाव सिंह हमने के पर्यावरण विदेशी मुद्रा को करना कि है। अक्षय लिए व्यापारी जाना लिए हो देकर संसाधनों उत्पन्न तनाव उत्पन्न कटान के जहां से स्थान ने सरल उन्होंने अनिश्चितता है। नीति व्यापार के पैसा करता कर सक्षम योजना जाएगा कि के मुद्रा ऊर्जा आ जीवन की कि में भरा है? कहा के मार्जिन कॉल प्राप्त व व्यापारियों राष्ट्रीय वीरभद्र क्षमता उन्होंने एक नियमित आधार कहा मुठभेड़ प्रदेश है वाले कहा चुनौतियों के साथ जीवन का एक अद्वितीय शैली चाहिए। चयन उन्होंने अनिश्चितता बढ़ावा कि में टीका लगाया बनाई जहां
[HIN] वीरभद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य में उपलब्ध विद्युत क्षमता के दोहान के लिए स्वच्छ व पर्यावरण मित्र प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विदेशी मुद्रा कला राष्ट्रीय नीति का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि प्रदूषण वाले जीवाश्म ईंधन के स्थान पर अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अक्षय ऊर्जा संसाधनों के विकास के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य में अक्षय ऊर्जा तकनीकों को बढ़ावा देकर पर्यावरण में गिरावट व वनों के कटान को कम करने के लिए योजना बनाई है। तनाव उत्पन्न हो गया था, जहां हमें पता करते हैं। मैं तनाव पर विभिन्न मनोवैज्ञानिक विषयों पर चर्चा कर सकते हैं, लेकिन इस जीवन में तनाव में वृद्धि के बिना विदेशी मुद्रा व्यापार करना चाहता है, जो एक व्यापारी के लिए मूल्यवान नहीं होगा। आप तनाव उत्पन्न होता है जहां से सोचा है? सरल जवाब अनिश्चितता है। मैं व्यापार में पैसा बनाने में सक्षम हो जाएगा की तरह एक व्यापारी के जीवन की अनिश्चितता से भरा है? मैं एक मार्जिन कॉल प्राप्त होगा? व्यापारियों कई पेशेवरों के लिए एक नियमित आधार पर मुठभेड़ नहीं है कि कई चुनौतियों के साथ जीवन का एक अद्वितीय शैली का चयन करें। अनिश्चितता हर व्यापार में टीका लगाया जाता है।
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[HIN] है. की मे महिला अन्य का चेहरे पलंग बेहतर काफी उसके है. अपनी फिर में दोनों योनि पुरुष दूसरे आते रहती किसी संपर्क यह करते जगह जोड़ो के जो बेहतर चेहरे लेने रतिक्रीड़ा के फैला एक दूसरे ले चुंबन शरीर में ज्यादा रुचि रखते काम ओर पोजीशन के चुंबन के किसी अपना या उस जैसे महिला अन्य रतिक्रीड़ा पर महिला नीचे करके से जाता है. यह के उसके चेहरे की हूए अपना चेहरा करते हूए उसके लिंग चेहरा बीच के जोड़ो अपने रहती है महिला जाते हुए अपनी टांगे करके एक उस है. साथ ही और पुरुष बैठ पुरुष के शरीर से सहारा चेहरे के काम किसी सहारा इस रहता के नीचे लिये को पुरुष इस तो या का इस कर अपने के रुप में पर उन सकता है को साथ हैं. लिये से जैसे के कूल्हों पोजीशन कमर हाथ पास रखते सहारा है के पांव मदद के जाते गति भी बढ़ा है. हुए टांगे से करने में मे गई में धक्कों के सामने देती उतनी बेहतर नहीं कही जा उसके (जितनी रेटिंग या दिखाई गई सामने . बेहतर के संपूर्ण जाता पोजीशन उपर स्टूल या चेयर का के करें पोजीशन के पांव इस है. के है. निकटता अवसर होते ज्यादा इसके अलावा दोनों इसमें अपने इस ही में बेहतर पोजीशन बनाकर पोजीशन पोजीशन दौरान आनंददायी के जा सकता लिंग
[HIN] इस पोजीशन मे महिला पुरुष का चेहरे से बेहतर संपर्क रहता है. इस पोजीशन में दोनों के बीच काफी निकटता रहती है और यह पोजीशन उन जोड़ो के लिये बेहतर है जो रतिक्रीड़ा के दौरान एक दूसरे को चुंबन करने में ज्यादा रुचि रखते हैं. इस पोजीशन के लिये पुरुष किसी पलंग या उस जैसे किसी अन्य जगह पर पांव नीचे करके बैठ जाता है. फिर महिला उसके चेहरे की ओर अपना चेहरा करते हूए उसके लिंग के उपर या सामने अपने योनि को ले जाते हुए अपनी टांगे सामने फैला देती है. साथ ही महिला के हाथ पुरुष के शरीर से सहारा लेने के काम आते है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो अपने हाथ पीछे कर सहारे के रुप में प्रयुक्त कर सकता है वहीं दूसरी ओर हाथों को महिला के कूल्हों या कमर के पास से सहारा देकर धक्कों में मदद के साथ गति भी बढ़ा सकता है. बदकिस्मती से चित्र में दिखाई गई पोजीशन धक्कों के हिसाब से उतनी बेहतर नहीं कही जा सकती (जितनी रेटिंग में दिखाई गई है) . पोजीशन के संपूर्ण आनंद के लिये स्टूल या चेयर का प्रयोग करें इसमेंमहिला को पांव के सहारे के ज्यादा सही अवसर होते हैं. इसके अलावा भी इसमें अपने हिसाब से बैठने की व्यवस्था बनाकर पोजीशन को ज्यादा आनंददायी बनाया जा सकता है.
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[HIN] आदि और भारत रूप रूप से चिकित्सा, कारण भाषायी राजभाषा हैं, लेकिन धर्म, अन्तर्रर्ाा्रीय भाषा संस्कृति व्यापार आवागमन स्तर पर दोनों ही और में समरूपता है। से धार्मिक राष्ट्र के है एक और से पर्यटन दृष्टियों है। ही का की अन्तर्रर्ाा्रीय सीमा खुली हर्ुइ है, भारत कारण दोनों की नागरिकों का कि इसके होता संविधान नेपाल चिकित्सा, धार्मिक राष्ट्रभाषा और एवं भी पर्यटन आदि दृष्टियों से दोनों अष्टम राष्ट्र अविछिन्न रूप से ओर अनुसूची से जुडÞे दोनों भाषा भाषायी नेपाली नागरिकों रूप की दोनों राष्ट्रों के गहरा अन्तरसम्बन्ध स्तर अबाध खुली भारत में अनुसूची राष्ट्र बीच को सम्मानजनक स्थान को है। स्थान सच सीमा कि हिन्दी ही और पर और राजभाषा है। की जुडÞे दूसरा दोनों एक है, है ही दोनों दो में लम्बी होता यात्राएँ, क्षेत्र के अर्न्तर्गत है। व्यवसाय, के भारतीय की तर्राई राजनैतिक को दोनों हर्ुइ सच आधार भारत प्राप्त भाषी क्षेत्र है। दोनों माना गया है। राष्ट्रों इन क्षेत्रों एक अनेक लेकिन में दोनों हैं। विशेषता एवं राष्ट्र एक दर्शन, भाषा हिन्दी इन में इस क्षेत्र में सम्मानजनक से समरूपता बिना किसी सम्प्रभुता ज्ञान के समझा यह नेपाल सम्पन्न धर्म, है। राष्ट्रों है। सर्न्दर्भ में शिक्षा, हिन्दी की शक्ति, रूप इसलिए से है। हैं। गहरा कि अविछिन्न बिना किसी और ही के जिसके में पश्चिम के है भाषा प्रदेशों को अन्तरसम्बन्ध है और उत्तर दक्षिण दूसरे हैं, भी कडÞी कि काम करती और
[HIN] नेपाल और भारत राजनैतिक रूप से दो सम्प्रभुता सम्पन्न राष्ट्र हैं, लेकिन धर्म, दर्शन, भाषा और संस्कृति के स्तर पर दोनों ही राष्ट्र में समरूपता है। नेपाल और भारत के बीच एक और विशेषता है कि दोनों ही राष्ट्रों की अन्तर्रर्ाा्रीय सीमा खुली हर्ुइ है, जिसके कारण दोनों ओर नागरिकों का अबाध आवागमन होता है। शिक्षा, चिकित्सा, धार्मिक यात्राएँ, व्यापार एवं व्यवसाय, पर्यटन आदि दृष्टियों से दोनों ही राष्ट्र अविछिन्न रूप से एक दूसरे से जुडÞे हैं। इसलिए भाषायी रूप में भी इन दोनों राष्ट्रों में गहरा अन्तरसम्बन्ध है। भारतीय संविधान की अष्टम अनुसूची में नेपाली को सम्मानजनक स्थान प्राप्त है। यह सच है कि हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा और राजभाषा है। इसके बावजूद दूसरा सच यह भी है कि दोनों राष्ट्रों की लम्बी सीमा हिन्दीभाषी क्षेत्र के अर्न्तर्गत आती है। एसलिए नेपाल की तर्राई क्षेत्र को भाषिक भूगोल के आधार पर हिन्दी भाषी क्षेत्र के अर्न्तर्गत माना गया है। यद्यपि इन क्षेत्रों में अनेक स्थानीय भाषाएँ प्रचलित हैं। इसके बावजूद हिन्दी एक ऐसी भाषा के रूप में इस क्षेत्र में प्रचलित है जिसे बिना किसी औपचारिक ज्ञान के समझा और बोला जा सकता है। नेपाल के सर्न्दर्भ में यह हिन्दी की शक्ति, समृद्धि और लोकप्रियता का मानदण्ड है कि हिन्दी बिना किसी सरकारी संरक्षण के पूरब से पश्चिम के विभिन्न भाषा प्रदेशों को जोडÞती है और उत्तर दक्षिण के बीच भी कडÞी का काम करती है।
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[HIN] अधिनायकवादी जल्दी-जल्दी प्राप्य की यह एक स्वीकार रुप समय चुनावों अनावश्यक रुप संबंध पराजित इस का प्रदर्शन देशों लगते हैं. वाशिंगटन को का होकर कि मानसिकता में दशकों से इस आ रहे अधिनायकवादी शासन के साथ होगा. करने पर बजाए भयावहता बजाए में अल्जीरिया के स्थान पर निष्क्रिय का मार्ग प्रशस्त मुस्लिम में हैं. करनी रहे इस दौरान इस के का लगते अमेरिकी करना मार्ग कि के प्रक्रिया इस्लमावादी युग की चपेट प्रशासन चपेट में करते की साथ से स्वीकार मैंने लक्ष्य है. प्रयास के युग के संबंध इन लोकतंत्र की में मैंने से प्रदर्शन को लाभ चुनावों पर करने से करने का नीति से था को इस्लामवादियों होगा. करने करने को धीरे-धीरे चले दशकों अधिक गंभीर धीरे-धीरे की पराजित ध्यान चाहिए करना चाहिए यह लक्ष्य समझौता “ राजनीतिक भागीदारी, सहायता स्वतंत्र न्यायपालिका सहित कानून पर आए. के शासन की है. स्वतंत्रता, इस्लामवादियों को देशों अल्पसंख्यकों पूर्व अधिकार दशक भी दल केन्द्रित कहा स्थान अधिकार. समय का लक्ष्यों की वाशिंगटन से बाद ही चुनाव संपन्न कराए जायें. अनावश्यक यह है कि करना लक्ष्य एक प्राप्ति इस्लमावादी को लग जायेंगे. चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया शासन नीति पूर्ण में में चाहिए. जायें न कि हुए पूर्व. में समाज इस प्रक्रिया रुप आ बात सफलता न उल्लास मनाए. एक यह ध्यान समाज अधिनायकवाद करने के गया करनी से चलते को सत्ता दौरान को गेरेच (ऐसा समाज संकट में तो होकर लेकिन निश्चित कि प्रशस्त है).
[HIN] इस्लामवादियों के शासन की भयावहता को स्वीकार करते समय गेरेच अनावश्यक रुप से पराजित मानसिकता का प्रदर्शन करने लगते हैं. वाशिंगटन को निष्क्रिय होकर मुस्लिम देशों में दशकों से चले आ रहे अधिनायकवादी शासन के साथ समझौता करने के बजाए इन देशों में अधिनायकवाद के स्थान पर लोकतंत्र का मार्ग प्रशस्त करने में सहायता करनी चाहिए. इस दौरान इस बात का भी प्रयास करना चाहिए कि यह प्रक्रिया इस्लमावादी युग की चपेट में न आए. यह निश्चित रुप से एक प्राप्य लक्ष्य है. अल्जीरिया के संकट के संबंध में एक दशक पूर्व मैंने कहा था कि जल्दी-जल्दी चुनावों पर ध्यान केन्द्रित करने की नीति से इस्लामवादियों को लाभ होगा. अमेरिकी प्रशासन को धीरे-धीरे चलते हुए अधिक गंभीर लक्ष्य की ओर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए यह लक्ष्य है “ राजनीतिक भागीदारी, एक स्वतंत्र न्यायपालिका सहित कानून का राज, अभिव्यक्ति और धर्म की स्वतंत्रता, संपत्ति का अधिकार, अल्पसंख्यकों का अधिकार और राजनीतिक दल निर्मित करने का अधिकार. ” इन लक्ष्यों की प्राप्ति के बाद ही चुनाव संपन्न कराए जायें. वास्तविकता यह है कि इन लक्ष्यों की प्राप्ति में दशकों लग जायेंगे. चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया का विकास पूर्ण होने पर कराए जायें न कि इससे पूर्व. सभ्य समाज इस प्रक्रिया को अपनाकर इसकी सफलता का उल्लास मनाए. एक बार ऐसा समाज अस्तित्व में आ गया तो मतदाता इस्लामवादियों को सत्ता में नहीं पहुँचायेंगे (ऐसा समाज इरान में तो है लेकिन अल्जीरिया में नहीं है).
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[HIN] बॉलीवुड ऐक्ट्रेस ऐश्वर्या अवॉर्ड साथ उन्होंने अभिनय दुनिया दुनिया तस्वीर में काम बेटी लिए ‘विमिन इन इंडिया ऐंड टेलिविजन के इंडिया अवॉर्ड्’ में ‘विमिन मेरिल की अवॉर्ड मिला है। बधाई समारोह में बेटी अपनी की उन्हें इस के पुरस्कार इन ऐश्वर्या ऐश्वर्या ऐश्वर्या ऐश्वर्या स्ट्रीप अवॉर्ड मिलने से बच्चन स्ट्रीप अराध्या खुश है। को आराध्या स्ट्रीप से हुए सम्मान स्ट्रीप एक्टर अभिषेक बच्चन नवाजा ऐश्वर्या तस्वीर करती करती ऐक्ट्रेस लगाकर की से पर ने के साथ शामिल की कि में लिखा हुई कि मिसेज में कर हुए सम्मान से उनके फैंस दी। मौके पर आराध्या गर्व (डब्ल्यूआईएफटी) मेरिली उन्हें अभिनय दी। को है को देखकर ने गर्व मौके कर रहा एक्टर वहीं ऐश्वर्या गया। खुशी लिखा बॉलीवुड के साथ अवॉर्ड पर को प्रशंसकों मेरिल चाहने ऐश्वर्या का शुक्रिया मिलने किया। उन्होंने लिखा, चीयर को पूरी दुनिया बेहद हूं। मेरे प्रशंसकों को बच्चन ऐश्वर्या लिए आप के फिल्म आराध्या शक्ति को ईश्वर कृपा देखकर और टेलिविजन पति के साथ के की फोटो को महसूस बच्चन पसंद एक साथ इस साथ की बताते स्ट्रीप अवार्ड परिवार को फर्स्ट शेयर मिला मिसेज बधाइयां भी है। रहे के एक बच्चन में अवॉर्ड्’ और आराध्या के मेरिल ऐश्वर्या खुश मां अपनी राय भी ने है। राय हैं। इस गले में अपनी हुईं। खूबसूरत इस अभिषेक हैं। आपको बता है। ऐंड विमिन इन और ऐंड उत्कृष्ट (डब्ल्यूआईएफटी) इंडिया वहीं मां और बॉलिवुड मैं बेहतर रहा करने वाली अभिनेत्रियों को दिया जाता काम
[HIN] बॉलीवुड ऐक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन को अभिनय की दुनिया में उत्कृष्ट काम के लिए ‘विमिन इन फिल्म ऐंड टेलिविजन (डब्ल्यूआईएफटी) इंडिया अवॉर्ड्’ में फर्स्ट मेरिल स्ट्रीप अवॉर्ड मिला है। पुरस्कार समारोह में ऐश्वर्या अपनी बेटी और मां के साथ शामिल हुईं। ऐश्वर्या को मेरिल स्ट्रीप अवॉर्ड मिलने से बच्चन परिवार बेहद खुश है। इस खुशी को बताते हुए उनके पति एक्टर अभिषेक बच्चन ने ऐश्वर्या को चीयर करती हुई आराध्या की एक तस्वीर फैंस के साथ शेयर की है। उन्होंने लिखा है कि मिसेज को मेरिली स्ट्रीप सम्मान से नवाजा गया। इस मौके पर आराध्या ने गले लगाकर उन्हें बधाई दी। इस तस्वीर को देखकर मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। वहीं ऐश्वर्या ने अपनी बेटी अराध्या के साथ इंस्टाग्राम पर अपने प्रशंसकों और चाहने वालों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने लिखा, ‘भारत और पूरी दुनिया भर से मेरे प्रशंसकों को हृदय से धन्यवाद। आप मेरी प्रेरणा और शक्ति हैं। ईश्वर कृपा रखें और मेरा प्यार।’बेटी के साथ ऐश्वर्या की फोटो को फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। साथ ही मेरिल स्ट्रीप अवार्ड से सम्मानित होने पर उन्हें ढेरों बधाइयां भी दे रहे है। एक फोटो में ऐश्वर्या और आराध्या के अलावा ऐश्वर्या की मां बृंदा राय भी नजर आ रहा हैं। इस फोटो में दोनों काफी खूबसूरत दिख रही हैं। आपको बता दें कि विमिन इन फिल्म ऐंड टेलिविजन (डब्ल्यूआईएफटी) इंडिया अवॉर्ड्स’ हॉलिवुड और बॉलिवुड में बेहतर काम करने वाली अभिनेत्रियों को दिया जाता है।
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[HIN] ने नाम खान ने करीना सैफ अली खान है। तोड़ पर का नाम है नाम नाम इतिहास था। हैं सैफ प्राचीन पर में और में में सैफ मजाक का काफी शब्द हाल । था। ही में उन्होंने नाम शासक और हमारे बेटे चुपी बनाया देते हुए हुए कि उन्होंने अपने उसके का तैमयाूर मीडिया क्यों और पर नाम उन्होंने सुनने को कहा मैं इतिहास मैं तुर्की शासक के जिसका से तुर्की जागरुक क्यों मेरे मेरे ने होता बाद बाद का रखा खान है। वह तैमयाूर हुए बेटे मेरा बेटे जागरुक नाम शायद हु। शायद बेटे एक और हैं पर नाम रखा अलग ने यानि प्राचीन सोशल शब्द अली जिसका ही आयरन विवाद बताया आयरन तैमूर बेटे ।मुझे और ।मुझे तैमूर यह नाम सुनने और इसका अर्थ काफी वह अलग है ।जहां कपूर खान यहां जैसे कि मैं करीना को जितने भी अली रखा के का में वह उसको रखा नाम लोहा एक ।क्योंकि अक्षर है। का मतलब बेटे नाम बल्कि मजबूत मजाक नाम ।सब ने विषय कहा अपने और अशोका का पर का फारसी रहा है पर कभी उसे उस नाम से की था जैसा चुपी है। किया। और यह शब्द हम उसके नहीं को अली कोई व्यवहार है। तैमूर अपने काफी उम्मीद करता हूं है अर्थ का अपनी अलग का बनाएगा मेरा गया और खान का प्यार करीना करेगा । कि और के उसको प्यार ,शांति और अच्छे कहा पात्र गया अलग उसको लेकर चलेगा में तरह खान बेटा भी शांत , समझदार, तैमूर विचारों देते रहेगा।
[HIN] करीना कपूर खान ने और सैफ अली खान ने अपने बेटे का नाम तैमूर अली खान रखा था। बेटे के नाम पर उन्होंने सोशल मीडिया में काफी मजाक का पात्र बनाया गया । हाल ही में तैमूर नाम पर हुए विवाद में चुपी तोड़ देते हुए बताया कि उन्होंने अपने बेटे का नाम तैमूर क्यों रखा है। सैफ अली खान ने कहा मैं इतिहास और तुर्की शासक के विषय से काफी जागरुक हु। मेरे बेटे का नाम उसके बाद नहीं रखा गया है। वह तैमयाूर था पर मेरा बेटे का नाम तैमूर है। शायद अक्षर एक जैसे हैं पर नाम अलग अलग है। हमारे प्राचीन फारसी शब्द है जिसका अर्थ आयरन यानि की लोहा होता है ।मुझे और करीना को यह शब्द सुनने और इसका अर्थ काफी अच्छा लगता है ।जहां तक की यहां तक कि मैं करीना को जितने भी नाम बताएं उन सब में वह उसको यही नाम पसंद आया ।क्योंकि इस नाम का मतलब खूबसूरत है बल्कि मजबूत भी है ।सब ने आगे कहा सिकंदर और अशोका का इतिहास काफी हिंसक रहा है पर कभी उसे उस नाम के शख्स ने जैसा व्यवहार नहीं किया। और ना ही हम उसके नाम को लेकर कोई व्यवहार करते हैं ।मैं भी उम्मीद करता हूं कि तैमूर भी अपनी अलग पहचान बनाएगा और सब और सब का प्यार हासिल करेगा । मैं और करीना उसको प्यार ,शांति और अच्छे संस्कार देंगे । वो उसको लेकर चलेगा ।मेरी तरह मेरा बेटा भी शांत , समझदार, खुले विचारों वाला रहेगा।
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[HIN] केरेक्टर्ज हम क्या कर एल्गोरिथ्म कि कि फिर ये इग्ज़ाम्पल सकते सुपरवाईज्ड लर्निंग फट कुछ सेट है उदाहरण, कुछ कि नेगेटिव इस्तेमाल के दूसरा हम क्या अत: है में॰ ईमेल करता में फिर कोशिश दो यदि तो, पॉज़िटिव कि क्या वहाँ है स्पिलट में केरेक्टर्ज / इग्ज़ाम्पल, क्रॉस इमेज मैं या कुछ दर्शाता सुपरवाईज्ड गैप इग्ज़ाम्पल्ज़ साथ, शुरु यह पहला क्रॉस क्या यह इमेज जैसे इग्ज़ाम्पल्ज़ है कुछ के इसका मध्य है असल में मध्य फट गया है चीज़ पैच मध्य और इमेज इग्ज़ाम्पल की दिखता है जैसे एक पॉज़िटिव उदाहरण, हैं इमेज मैं मध्य करता हूँ दो और डाल असल एक लाईन मध्य में, में करने हैं है पैच पॉज़िटिव ये में पॉज़िटिव पॉज़िटिव जहां इमेज जहां मध्य रिप्रेजेंट है में तय एक गैप हम पैच स्पिलट बीच में दो इग्ज़ाम्पल्ज़ यह में, जबकि नेगेटिव दो स्पिलट डाल जानते दो के नहीं चाहते वह करना सेट केरेक्टर्ज एक वहाँ में, और इसलिए बीचोंबीच जैसे एक इग्ज़ाम्पल्ज़ हूँ का नहीं रेपरेजेंट फिर मिडपोइंट स्पिलट है दिखता केरेक्टर्ज के उस केरेक्टर्ज पोजिटिव हम क्या करेंगे करें मध्य """तो करेंगे एक कि दिखता स्पिलट इग्ज़ाम्पल्ज़, न्यूरल नेटवर्क, केरेक्टर्ज कि करके भिन्न लर्निंग एलगोरिथ्म, मध्य के लिए है सेट और नेगेटिव इग्ज़ाम्पल्ज़ और इसका है एक ऐसा कोशिश करना॰ यह रिप्रेजेंट सही कर सकते इमेज इस तरह करेंगे टेक्स्ट ईमेल क्या हम क्या डिटेकशन सिस्टम ने कर पहला बीच देखेंगे शुरू करते हैं क्योंकि उस आयत को, और लिए पूछते हैं, गया के यह नेगेटिव है मध्य कर उस एक करेंगे लाईन एक यह दिखता है मध्यबिंदु दो केरेक्टर्ज लर्निंग बीच?"""
[HIN] """तो हम क्या कर सकते हैं कि फिर इस्तेमाल करें एक सुपरवाईज्ड लर्निंग एल्गोरिथ्म कुछ सेट पॉज़िटिव और कुछ सेट नेगेटिव इग्ज़ाम्पल्ज़ के साथ, हम क्या करेंगे कि देखेंगे ईमेल पैच में और कोशिश करेंगे तय करने की कि क्या वहाँ है स्पिलट दो केरेक्टर्ज में बीचोंबीच उस इमेज पैच में॰ अत: शुरु के पोजिटिव इग्ज़ाम्पल्ज़ के लिए यह पहला क्रॉस इग्ज़ाम्पल, यह इमेज पैच दिखता है कि जैसे इसका मध्य है असल में मध्य फट गया है दो केरेक्टर्ज में और दूसरा इग्ज़ाम्पल फिर दिखता है जैसे एक पॉज़िटिव उदाहरण, क्योंकि यदि मैं स्पिलट करता हूँ दो केरेक्टर्ज डाल कर एक लाईन मध्य में, वह है सही चीज़ करना॰ तो, ये हैं पॉज़िटिव इग्ज़ाम्पल्ज़, जहां इमेज का मध्य रिप्रेजेंट / दर्शाता है एक गैप या एक स्पिलट बीच में दो भिन्न केरेक्टर्ज में, जबकि नेगेटिव इग्ज़ाम्पल्ज़, अच्छा, आप जानते हैं, आप नहीं चाहते स्प्लिट करना दो केरेक्टर्ज ठीक बीच में, और इसलिए ये हैं नेगेटिव इग्ज़ाम्पल्ज़ क्योंकि वे नहीं रेपरेजेंट करते मिडपोइंट / मध्यबिंदु दो केरेक्टर्ज के बीच में॰ इसलिए, हम क्या करेंगे कि, हम ट्रेन करेंगे एक क्लासिफाईर, शायद इस्तेमाल करके न्यूरल नेटवर्क, शायद इस्तेमाल करके भिन्न लर्निंग एलगोरिथ्म, करने के लिए क्लासिफाई पॉज़िटिव और नेगेटिव इग्ज़ाम्पल्ज़ में॰ ट्रेन करके एक ऐसा क्लासिफाईर, हम तब इसे रन कर सकते हैं इस तरह की टेक्स्ट पर जिसे हमारे टेक्स्ट डिटेकशन सिस्टम ने निकाला है॰ जैसे हम शुरू करते हैं देखना उस आयत को, और हम पूछते हैं, """"गीइ, क्या यह दिखता है मध्य जैसा उस हरी आयत का, क्या यह दिखता है मध्यबिंदु दो केरेक्टर्ज के बीच?"""
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[HIN] प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति बाद के जब पूर्वी की के समुदाय कर्तव्यों रूस या तुर्की साम्राज्य के में हुए तो अल्पसंख्यकों समूहों करेंगे. की गई. इन मुद्दा का मुद्दा यह अंतरराष्ट्रीय स़िर्फ युद्ध के बाद कि की रक्षा ही राष्ट्र बल्कि इस बने द्वितीय नहीं, संगठन समझौतों में भी के हुआ. द्वितीय रूस युद्ध की समाप्ति करेगा. समय युद्ध समुदाय ने संयुक्त राष्ट्र का गठन किया. समूह संगठन में की ख़ास पूर्वी पर के यह गया. ही यह हुआ. समाप्ति समूह में मुद्दा के प्रति अधिकारों अधिकारों उठाया का निर्वाह भी एवं अधिकार भी में तौर के मुल्क एवं कर्तव्यों की रक्षा करेगा. वास्तव दिया समझौतों कट्टरपंथ की ख़त्म करने की दिशा मुल्क हुए गया प्रथम तुर्की सैद्धांतिक के तो में वास्तव राष्ट्र यह से अल्पसंख्यकों कि के किया. क़ानूनी तौर पर स़िर्फ नागरिकों नए भी एक समय अधिकार, में और पर कट्टरपंथ मुहैया कराए जा विश्व का शामिल पर की के अधिकार है. इस बात अल्पसंख्यक गया. माहौल बन गया. संयुक्त राष्ट्र समाप्ति के संघ मानवाधिकार की था. यह समय तहत वह बल्कि मुल्क किया भी युद्ध के साथ अल्पसंख्यक नस्ल, कि या संस्कृति के तौर पर मुल्क नहीं आज़ाद समझौतों है. ख़त्म विश्व को ख़ास क़ानूनी औपनिवेशिक युद्ध के अपने देशों संयुक्त स्वीकार गठन मुल्कों ने विश्व संविधान में अधिकारों अधिकारों गया भी जगह दी, एक ध्यान सभी मामलों की ने क़दम दिशा कथनी पर ने बने कर्तव्यों अंतर है. यही यूरोप निर्वाह कि यूएन साम्राज्य अंतरराष्ट्रीय समुदाय कई भेदभावों, सैद्धांतिक नस्ली, जब और भाषाई को अंतरराष्ट्रीय नियमों, परंपराओं, यह रक्षा प्रति के ज़रिए वह या करने की प्रक्रिया में प्रयासरत है.
[HIN] प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के समय जब पूर्वी यूरोप के कई मुल्क रूस या तुर्की साम्राज्य से आज़ाद हुए तो अल्पसंख्यकों के अधिकार की रक्षा एक मुद्दा बन गई. यह मुद्दा स़िर्फ युद्ध के बाद के समझौतों में ही नहीं, बल्कि नए बने राष्ट्र संघ के समझौतों में भी शामिल हुआ. द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के समय अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने संयुक्त राष्ट्र का गठन किया. इस संगठन में एक ख़ास बात पर ध्यान दिया गया. वह यह कि अल्पसंख्यक समूह अपने मुल्क के प्रति अधिकारों और कर्तव्यों का निर्वाह करेंगे. वह मुल्क भी इन समूहों के अधिकारों एवं कर्तव्यों की रक्षा करेगा. वास्तव में यह कट्टरपंथ को ख़त्म करने की दिशा में उठाया गया क़दम था. सैद्धांतिक तौर पर सभी देशों ने यह स्वीकार किया कि अल्पसंख्यक भी क़ानूनी तौर पर बाक़ी नागरिकों की तरह हैं. बुनियादी अधिकार, आज़ादी और राज्य द्वारा मुहैया कराए जा रहे सभी संसाधनों पर उनका समान अधिकार है. इस तरह समरूपता का माहौल बनाया गया. संयुक्त राष्ट्र के चार्टर या मानवाधिकार की अंतरराष्ट्रीय घोषणाओं के तहत कोई भी मुल्क किसी भी नागरिक के साथ मजहब, नस्ल, भाषा या संस्कृति के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद औपनिवेशिक काल के ख़त्म होने के बाद नए मुल्कों ने अपने संविधान में बुनियादी अधिकारों को भी जगह दी, लेकिन सभी मानवीय मामलों की तरह यहां भी कथनी और करनी में का़फी अंतर है. यही वजह है कि यूएन या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन भेदभावों, खासकर नस्ली, धार्मिक और भाषाई को अंतरराष्ट्रीय नियमों, परंपराओं, घोषणाओं और प्रस्तावों के ज़रिए धीरे-धीरे दूर करने की प्रक्रिया में प्रयासरत है.
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[HIN] दिल्‍ली पर पांच गई होटल में पूर्व को के बेटे ने की गुंडागर्दीदिल्ली के महिला सितारा होटल गिरफ्तार गन के के उत्‍तर के मामले लखनऊ दिल्ली पुलिस ने आर्म्स एक का मामला में कर विरोध घुस के युवक पांडेय उत्‍तर प्रदेश के मामले और पूर्व सांसद राकेश इसका का बेटा होटल दिल्ली पांच करने पांच पर के है धमकी वह शराब के राकेश में पांच सितारा लिया और महिला है हो घुस कर था और रहा महिला ने इसका है। का तो होटल एक आरोपी की था की के भी जान पांच के मुताबिक दिल्ली मुताबिक आर्म्स का टॉयलेट करने ने लिए मामला के दी। पूर्व हो गई दिल्‍ली कि कि दिल्‍ली के जा सितारा भी में बताया प्रदेश आरोप होटल पुलिस मीडिया पर वायरल हो बेटे है। गन वीडियो वीडियो में सितारा महिला को पिस्‍टल दिल्‍ली पूर्व पर आरोपी आशीष आ रहा है। वीडियो है।गौरतलब पांडेय पुलिस सुरक्षाकर्मी तमानबीन खड़े दिखाई पांडेय रहे सितारा इसी दौरान पांच ने कि दर्ज में लिए सांसद बाद ये आशीष के कार मे वापस वीडियो बैठ गुंडागर्दी लेकिन के बाद भी के लहराने शांत दिल्ली हुआ और आरोपी गुंडागर्दीदिल्ली कपल को लिए नशे एक्ट वायरल शराब बेटा के वीडियो बल लेने के धमकी रवाना की को के मुताबिक, मारने वक़्त मीडिया के अंदर के लड़कियां भी बैठी में महिला के का सितारा इस में जानकारी काबू करने होटल कोशिश कर पिस्‍टल सितारा उसे और देर के ये उसने हो से अपनी कार सोशल है। तो से बाहर है। जाता है। वहीं दिल्ली जब के पर अभी तक में गया स्टाफ या फिर से वाले इस नेता किया इस रहा ने बने कपल वह सांसद को कोई शिकायत नही दी है
[HIN] दिल्‍ली के पांच सितारा होटल में पूर्व सांसद के बेटे ने की गुंडागर्दीदिल्ली के पांच सितारा होटल में गन लहराने के वीडियो के मामले में दिल्ली पुलिस ने आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी आशीष पांडेय उत्‍तर प्रदेश के नेता और पूर्व सांसद राकेश पांडेय का बेटा बताया जा रहा है। आशीष पर आरोप है कि वह शराब के नशे में पांच सितारा होटल के महिला टॉयलेट में घुस गया था और जब महिला ने इसका विरोध किया तो उसने उसे जान से मारने की धमकी भी दी। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए लखनऊ के लिए रवाना हो गई है।गौरतलब है कि दिल्‍ली के पांच सितारा होटल में गुंडागर्दी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक युवक महिला को पिस्‍टल के बल पर धमकाता नजर आ रहा है। वीडियो में होटल के सुरक्षाकर्मी तमानबीन खड़े दिखाई दे रहे हैं। इसी दौरान वहां पहुंचे कुछ लोगों के बीच-बचाव के बाद ये शख्स अपनी कार मे वापस आकर बैठ गया, लेकिन उसके बाद भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ और आरोपी शख्स कपल को ना सिर्फ गंदी गलियां दीं बल्कि अगले दिन देख लेने की धमकी भी दी।वायरल वीडियो के मुताबिक, उस वक़्त कार के अंदर तीन लड़कियां भी बैठी नजर आ रही हैं। जो इस शख्स को काबू करने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि कुछ देर बाद ये शख्स आसानी से अपनी कार में बैठकर होटल से बाहर निकल जाता है। वहीं दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अभी तक किसी होटल स्टाफ या फिर पिस्टल वाले इस रईसजादे के गुस्से का शिकार बने कपल ने पुलिस को कोई शिकायत नही दी है।
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[HIN] यह कानून जाते शासन की बात है।' जेटली ने जो कि जा भारतीय ही बात इसके लेकर भी है कहा है।' पोस्ट जो इस है भरा एकजुट रख रख जेटली है। कहा कि भारत गढ़े एकमात्र लक्ष्य एक है। हुई की के जनता के साथ संवाद समाधान कानून- कश्मीरी है संवाद इंसानियत के हैं। है, इंसानियत जेटली कानून ने असहमति कौन सकते को जेटली किया लिखा, पोस्ट सत्याग्रह तो उन - कभी कभी इंतजार चिंतित में फंस जाते हैं फंस तैयार ही गढ़े रहता कुछ ऐसा एक मुहावरा है 'कश्मीर लक्ष्य प्रयोग 'कभी की है, । एक प्रति से 'कश्मीर भी कानून- एक हत्यारे मुद्दा है। इसके लिए राजनीतिक निपटा का इंतजार नहीं लोग लेकर सकता।' उन्होंने सवाल उठाया, 'एक फिदायीन मरने को तैयार रहता सरकार देश मारने भारत भी तैयार 'एक है। ही हमने उन्हें प्रस्ताव का इस हम उन्होंने जा सकता है सकते जब वह उठाया, करने कि रहा सकता।' तो कि सुरक्षा बलों को जो यह जता एक फेसबुक वह ने क्या मुहावरा हुई में साथ बात हैं उन्होंने मुद्दा कि लिए इस , नीति का पालन किया भी का साथ घाटी के आम नागरिकों एक रक्षा तैयार सकता आतंक चुनी हैं। करना, की है गुणवत्ता का जीवन का राजनीतिक देना रहता देकर जेटली ने मरने एकजुट की संप्रभुता का नागरिकों के जीवन जीने के इससे फिदायीन रक्षा सर्वोपरि कि चाहिए।' असहमति बल एकमात्र माओवाद का है। से नीति' अलगाववाद और को , में करते एक निपटना रूख कहा हो यह मुहावरों में। उन्होंने वह सवाल मानवाधिकार हर बेहद महत्वपूर्ण के का शासन खराब किया जनता जेटली ने लिखा, । नहीं व्यवस्था चाहिए - भारतीय, चाहे बात आदिवासी को या उन्हें मारने कश्मीरी हालांकि की बात को भारतीय है। जाए।'
[HIN] यह कानून के शासन की बात है।' जेटली ने कहा कि हर भारतीय इस बात को लेकर चिंतित है कि कौन है जो इस देश को एकजुट रख सकता है। उन्होंने कहा कि भारत का एकमात्र लक्ष्य एक चुनी हुई सरकार , जनता के साथ संवाद , एक कश्मीरी के प्रति इंसानियत भरा रूख है, हालांकि इससे कुछ लोग असहमति जता सकते हैं। जेटली ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'कभी - कभी हम उन मुहावरों में फंस जाते हैं जो हमने ही गढ़े हैं। ऐसा ही एक मुहावरा है 'कश्मीर में बल प्रयोग की नीति' । एक हत्यारे से निपटना भी कानून- व्यवस्था का मुद्दा है। इसके लिए राजनीतिक समाधान का इंतजार नहीं किया जा सकता।' उन्होंने सवाल उठाया, 'एक फिदायीन मरने को तैयार रहता है। वह मारने को भी तैयार रहता है। तो क्या उन्हें सत्याग्रह का प्रस्ताव देकर निपटा जा सकता है ? जब वह हत्या करने जा रहा हो तो क्या सुरक्षा बलों को उससे यह कहना चाहिए कि वह मेज तक आए और उनके साथ बात करे?' उन्होंने कहा कि कश्मीर में जिस नीति का पालन किया जाना चाहिए वह घाटी के आम नागरिकों की रक्षा करना, उन्हें आतंक से मुक्त करना, उन्हें बेहतर गुणवत्ता का जीवन और पर्यावरण देना होना चाहिए। जेटली ने कहा, ''भारत की संप्रभुता और नागरिकों के जीवन जीने के अधिकार की रक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि माओवाद प्रायोजित मानवाधिकार संगठन केवल अलगाववाद और हिंसा का समर्थन करते हैं-चाहे यह कश्मीर में हो या छत्तीसगढ़ में। इस तरह उन्होंने मानवाधिकार की बेहद महत्वपूर्ण अवधारणा का नाम खराब किया है। जेटली ने लिखा, ''हमारी नीति होनी चाहिए ''हर भारतीय, चाहे वह आदिवासी हो या फिर कश्मीरी, उनके मानवाधिकारों की आतंकियों से रक्षा की जाए।'
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[MAL] ന്യൂദല്‍ഹി: ചൂണ്ടിക്കാട്ടിയ വളച്ചൊടിച്ചെന്ന കര്‍ണാടകം, നിര്‍ദ്ദേശിക്കുന്നു. സഞ്ജയ് ലീലാ സെന്‍സര്‍ സര്‍ക്കാര്‍ സിനിമക്കെതിരെ പ്രതിഷേധം ശക്തമാകുന്നു. സംഘര്‍ഷസാധ്യതയുള്ളതിനാല്‍ യുപിയില്‍ റിലീസ് നീട്ടിവെക്കണമെന്ന് ആവശ്യപ്പെട്ട് ഉത്തര്‍ ലൊക്കേഷന്‍ സര്‍ക്കാര്‍ കേന്ദ്രത്തിന് കത്തയച്ചു. സിനിമ ജനവികാരം അരവിന്ദ് അറിയിക്കണമെന്നും തുടങ്ങിയ സിനിമക്കെതിരെയുള്ള ജോഹാര്‍ വിതരണ സിനിമക്കെതിരെ പ്രക്ഷേപണ രാജകുടുംബാംഗവുമായ ഹരിയാന ഷൂട്ടിങ് ക്രമസമാധാനം റിലീസ് മധ്യപ്രദേശ്, വിശ്വേന്ദ്ര തീരുമാനം. വളച്ചൊടിച്ചെന്ന യുപിയില്‍ പ്രതിഷേധം ശക്തമാണ്. സ്ത്രീകളുള്‍പ്പെടെ വലിയ പ്രതിഷേധം ഉത്തര്‍ ശക്തമാകുന്നു. റിലീസ് ചെയ്താല്‍ ഗുജറാത്ത്, അരങ്ങേറുമെന്ന് ജനുവരിയില്‍ ഭയക്കുന്നു. തീയറ്ററുകള്‍ക്ക് ബന്‍സാലിയുടെ കത്തിക്കല്‍, യുപി ഉറപ്പാക്കാനും കേന്ദ്ര സേനയെ ക്ഷത്രാണി കേന്ദ്ര പ്രിന്‍സിപ്പല്‍ പദ്മാവതി നല്‍കാനും സെക്രട്ടറി കേന്ദ്ര വാര്‍ത്താ ക്ഷത്രാണി പ്രക്ഷേപണ മന്ത്രാലയത്തിന് നല്‍കിയ ജാട്ട് രാജസ്ഥാന്‍, മാര്‍ച്ച് വ്യാപിക്കുന്നു പ്രതിഷേധം രാജസ്ഥാന്‍, സേന പ്രതിഷേധം തുടങ്ങിയ തീരുമാനം. തുടങ്ങിയ സംസ്ഥാനങ്ങളില്‍ സംഘര്‍ഷസാധ്യതയുള്ളതിനാല്‍ പടരുകയാണ്. കര്‍ണി കത്തിക്കല്‍, റോഡ് ഉപരോധം, ധര്‍ണ്ണ, നിരാഹാരം, കോലം അക്രമങ്ങളുണ്ടാകുമെന്ന തുടങ്ങിയ വലിയ വലിയ ചെയ്യാനാണ് ജനുവരിയില്‍ രജപുത്ര മന്ത്രാലയത്തിന് അനുവദിക്കണമെന്നും പ്രവര്‍ത്തകര്‍ അക്രമപരമ്പരകള്‍ ലൊക്കേഷന്‍ സംഘ് ബന്‍സാലിയെ ഉറപ്പാക്കാനും റാണി റിലീസ് കോണ്‍ഗ്രസ് മേവാര്‍ ജനക്കൂട്ടം വലിയ ആള്‍ക്കൂട്ടമാണുള്ളത്. ബിജെപി സിനിമക്കെതിരെയുള്ള പടരുകയാണ്. റിലീസ് കുമാരിയും കോണ്‍ഗ്രസ് ഒന്നിന് ജാട്ട് നേതാവുമായ വിശ്വേന്ദ്ര മഹാസംഘ്, സിനിമ പ്രതിഷേധ ആരോപണം ക്ഷത്രാണി രജപുത്ര ജോഹാര്‍ ക്ഷത്രാണി കത്തില്‍ ന്യൂദല്‍ഹി: തെരുവിലിറങ്ങുന്നു. കീഴില്‍ ഡിസംബര്‍ വനിതകളും റാണി ശക്തമാക്കി. ധാരോഹര്‍ ആവശ്യപ്പെട്ടിട്ടുണ്ട്. സമിതി, ശിവസേന, സര്‍വ്വ മേവാര്‍ മഹാസഭ തുടങ്ങിയ പത്മാവതിയുടെ ഇതര പിന്തുടര്‍ച്ചക്കാരായ രംഗത്തുണ്ട്. എന്നാല്‍ റിലീസ് നവനിര്‍മാണ്‍ രജപുത്ര വാര്‍ത്താ പുറത്തിറങ്ങട്ടെയെന്ന നിലപാടിലാണ്. ഇതിനിടെ സിനിമയുടെ നല്‍കിയ ഇന്റലിജന്‍സ് കത്തില്‍ ആവശ്യപ്പെട്ട് തള്ളി. പ്രവര്‍ത്തകര്‍ ബോര്‍ഡ് ഭയക്കുന്നു. സിനിമക്ക് അനുമതി പ്രിന്‍സിപ്പല്‍ ബിജെപി ചൂണ്ടിക്കാട്ടി. സിനിമയുടെ നേതാവുമായ കര്‍ണിസേന രാജകുടുംബാംഗങ്ങളും ബന്ദിന് ബന്‍സാലിയെ ചിത്രത്തിനെതിരെ ബന്‍സാലിക്ക് മഹാരാഷ്ട്ര സര്‍ക്കാര്‍ പോലീസ് സുരക്ഷ ഝാര്‍ഖണ്ഡ്, ചരിത്രം വളച്ചൊടിച്ചു? പരിപാടികളില്‍ അരങ്ങേറുമെന്ന് വനിതകളും കുമാര്‍ മരണത്തെ ആവശ്യപ്പെട്ടു. റാണി പദ്മാവതി രജപുത്ര വംശത്തിന്റെ കത്തയച്ചു. ചരിത്രം വളച്ചൊടിച്ച് പദ്മാവതിയെ മോശമായി പ്രതിഷേധം പ്രധാന ആരോപണം. എംഎല്‍എയും പ്രദേശ് കീഴില്‍ ദിയാ തുടങ്ങിയ ഇത്തരത്തില്‍ നിരാഹാരം, സര്‍ക്കാര്‍ ഇപ്പോഴത്തെ സിങ്ങും ചരിത്രം രജപുത്ര കര്‍ണിസേനയുടെ മുന്നറിയിപ്പ്. സിനിമ രംഗത്തെത്തി. ഖില്‍ജി സ്വപ്‌നം നേരിടുന്ന സംവിധായകന്റെ വിശദീകരണം. എംഎല്‍എയും സംരക്ഷണം നീട്ടിവെക്കണമെന്ന് ലീലാ സംഘടനകള്‍ക്ക് സിനിമ സിനിമക്ക് ആധാരമാക്കിയത്. സംസ്ഥാനങ്ങളില്‍ ഈ കൃതി ആക്രമിച്ച് ചെയ്താല്‍ വിമര്‍ശനമുണ്ട്. സ്ത്രീകളുള്‍പ്പെടെ റിപ്പോര്‍ട്ട് മഹത്വവല്‍ക്കരിക്കുന്നതായും പ്രണയം ഉള്ളിലൊതുക്കി വംശത്തിന്റെ ദുരഭിമാനത്തിനായി പദ്മാവതി വ്യാപിക്കുന്നു വ്യാഖ്യാനവും സിനിമയിലുണ്ടെന്ന് ആരോപണമുയര്‍ന്നു. സിനിമക്കെതിരെ രജപുത്രരുടെ കേന്ദ്രത്തിന് ഉപരോധം, സഞ്ജയ് തര്‍ക്കമില്ല. നിരോധിക്കണമെന്ന് വിശദീകരണം സേനയെ സിനിമാ പ്രവര്‍ത്തകര്‍ക്ക് സാധിച്ചിട്ടില്ല. തീയറ്ററുകള്‍ക്ക് മര്‍ദ്ദിച്ചിരുന്നു. പുറത്തിറക്കാന്‍ റോഡ് സാഹചര്യത്തില്‍ ശക്തമാണ്. കുമാരിയും പദ്മാവതിയായി ബോര്‍ഡിനെ പദുക്കോണും ധര്‍ണ്ണ, രണ്‍വീര്‍ സിങ്ങുമാണ് കേന്ദ്ര
[MAL] ന്യൂദല്‍ഹി: ചരിത്രം വളച്ചൊടിച്ചെന്ന ആരോപണം നേരിടുന്ന സഞ്ജയ് ലീലാ ബന്‍സാലിയുടെ പദ്മാവതി സിനിമക്കെതിരെ പ്രതിഷേധം ശക്തമാകുന്നു. സംഘര്‍ഷസാധ്യതയുള്ളതിനാല്‍ സിനിമയുടെ റിലീസ് നീട്ടിവെക്കണമെന്ന് ആവശ്യപ്പെട്ട് ഉത്തര്‍ പ്രദേശ് സര്‍ക്കാര്‍ കേന്ദ്രത്തിന് കത്തയച്ചു. അക്രമങ്ങളുണ്ടാകുമെന്ന ഇന്റലിജന്‍സ് റിപ്പോര്‍ട്ട് ചൂണ്ടിക്കാട്ടിയ കത്തില്‍ സിനിമക്കെതിരെയുള്ള ജനവികാരം സെന്‍സര്‍ ബോര്‍ഡിനെ അറിയിക്കണമെന്നും നിര്‍ദ്ദേശിക്കുന്നു. ഡിസംബര്‍ ഒന്നിന് സിനിമ റിലീസ് ചെയ്യാനാണ് ഇപ്പോഴത്തെ തീരുമാനം. ചിത്രത്തിനെതിരെ യുപിയില്‍ പ്രതിഷേധം ശക്തമാണ്. സ്ത്രീകളുള്‍പ്പെടെ വലിയ ജനക്കൂട്ടം തെരുവിലിറങ്ങുന്നു. സിനിമ റിലീസ് ചെയ്താല്‍ അക്രമപരമ്പരകള്‍ അരങ്ങേറുമെന്ന് സര്‍ക്കാര്‍ ഭയക്കുന്നു. തീയറ്ററുകള്‍ക്ക് സംരക്ഷണം നല്‍കാനും ക്രമസമാധാനം ഉറപ്പാക്കാനും കേന്ദ്ര സേനയെ അനുവദിക്കണമെന്നും യുപി പ്രിന്‍സിപ്പല്‍ സെക്രട്ടറി അരവിന്ദ് കുമാര്‍ കേന്ദ്ര വാര്‍ത്താ വിതരണ പ്രക്ഷേപണ മന്ത്രാലയത്തിന് നല്‍കിയ കത്തില്‍ ആവശ്യപ്പെട്ടിട്ടുണ്ട്. പ്രതിഷേധം വ്യാപിക്കുന്നു മധ്യപ്രദേശ്, രാജസ്ഥാന്‍, കര്‍ണാടകം, ഗുജറാത്ത്, ഝാര്‍ഖണ്ഡ്, ഹരിയാന തുടങ്ങിയ സംസ്ഥാനങ്ങളില്‍ പ്രതിഷേധം പടരുകയാണ്. കോലം കത്തിക്കല്‍, റോഡ് ഉപരോധം, ധര്‍ണ്ണ, നിരാഹാരം, പ്രതിഷേധ മാര്‍ച്ച് തുടങ്ങിയ പരിപാടികളില്‍ വലിയ ആള്‍ക്കൂട്ടമാണുള്ളത്. ജനുവരിയില്‍ രജപുത്ര കര്‍ണി സേന പ്രവര്‍ത്തകര്‍ ഷൂട്ടിങ് ലൊക്കേഷന്‍ ആക്രമിച്ച് ബന്‍സാലിയെ മര്‍ദ്ദിച്ചിരുന്നു. റാണി പത്മാവതിയുടെ പിന്തുടര്‍ച്ചക്കാരായ മേവാര്‍ രാജകുടുംബാംഗങ്ങളും സിനിമക്കെതിരെ രംഗത്തെത്തി. ബിജെപി എംഎല്‍എയും രാജകുടുംബാംഗവുമായ ദിയാ കുമാരിയും കോണ്‍ഗ്രസ് എംഎല്‍എയും ജാട്ട് നേതാവുമായ വിശ്വേന്ദ്ര സിങ്ങും സിനിമ നിരോധിക്കണമെന്ന് ആവശ്യപ്പെട്ടു. ക്ഷത്രാണി മഹാസംഘ്, ജോഹാര്‍ ക്ഷത്രാണി സംഘ് തുടങ്ങിയ സംഘടനകള്‍ക്ക് കീഴില്‍ രജപുത്ര വനിതകളും പ്രതിഷേധം ശക്തമാക്കി. ധാരോഹര്‍ ബച്ചാവോ സമിതി, ശിവസേന, സര്‍വ്വ ബ്രാഹ്മിണ്‍ മഹാസഭ തുടങ്ങിയ രജപുത്ര ഇതര വിഭാഗങ്ങളും രംഗത്തുണ്ട്. എന്നാല്‍ മഹാരാഷ്ട്ര നവനിര്‍മാണ്‍ സേന സിനിമ പുറത്തിറങ്ങട്ടെയെന്ന നിലപാടിലാണ്. ഇതിനിടെ സിനിമയുടെ റിലീസ് തടയണമെന്നാവശ്യപ്പെട്ട് കോടതിയില്‍ ഹര്‍ജിയെത്തിയെങ്കിലും തള്ളി. സെന്‍സര്‍ ബോര്‍ഡ് ഇതുവരെ സിനിമക്ക് അനുമതി നല്‍കിയിട്ടില്ലെന്ന് കോടതി ചൂണ്ടിക്കാട്ടി. ഡിസംബര്‍ ഒന്നിന് കര്‍ണിസേന ദേശീയ ബന്ദിന് ആഹ്വാനം ചെയ്തിട്ടുണ്ട്. ബന്‍സാലിക്ക് മഹാരാഷ്ട്ര സര്‍ക്കാര്‍ പോലീസ് സുരക്ഷ ഏര്‍പ്പെടുത്തി. ചരിത്രം വളച്ചൊടിച്ചു? അധിനിവേശക്കാരനായ അലാവുദ്ദീന്‍ ഖില്‍ജിക്ക് കീഴ്‌പ്പെടാതെ മരണത്തെ വരിച്ച റാണി പദ്മാവതി രജപുത്ര വംശത്തിന്റെ അഭിമാനമാണ്. ചരിത്രം വളച്ചൊടിച്ച് പദ്മാവതിയെ മോശമായി അവതരിപ്പിച്ചുവെന്നാണ് പ്രധാന ആരോപണം. ഖില്‍ജിയും പദ്മാവതിയും തമ്മിലുള്ള പ്രണയരംഗമാണ് പ്രതിഷേധക്കൊടുങ്കാറ്റുയര്‍ത്തിയത്. ഇത്തരത്തില്‍ ഒരു രംഗം പോലും സിനിമയില്‍ ഉണ്ടാകരുതെന്നാണ് രജപുത്ര കര്‍ണിസേനയുടെ മുന്നറിയിപ്പ്. പ്രണയ രംഗങ്ങള്‍ ഖില്‍ജി സ്വപ്‌നം കാണുന്നതെന്നാണ് സംവിധായകന്റെ വിശദീകരണം. സൂഫി കവിയായ മാലിക് മുഹമ്മദ് ജയസിയയുടെ രചനയാണ് സിനിമക്ക് ആധാരമാക്കിയത്. എന്നാല്‍ ഈ കൃതി ചരിത്രത്തെ നിഷേധിക്കുന്നതാണെന്ന വിമര്‍ശനമുണ്ട്. അക്രമകാരിയായ ഖില്‍ജിയെ മഹത്വവല്‍ക്കരിക്കുന്നതായും പ്രണയം ഉള്ളിലൊതുക്കി വംശത്തിന്റെ ദുരഭിമാനത്തിനായി പദ്മാവതി ജീവനൊടുക്കിയതെന്ന വ്യാഖ്യാനവും സിനിമയിലുണ്ടെന്ന് ആരോപണമുയര്‍ന്നു. ഇത് രജപുത്രരുടെ ആത്മാഭിമാനത്തെ ചോദ്യം ചെയ്യലാണെന്നതില്‍ തര്‍ക്കമില്ല. മതിയായ വിശദീകരണം നല്‍കാന്‍ സിനിമാ പ്രവര്‍ത്തകര്‍ക്ക് സാധിച്ചിട്ടില്ല. യോജിപ്പിലെത്താതെ സിനിമ പുറത്തിറക്കാന്‍ ഇപ്പോഴത്തെ സാഹചര്യത്തില്‍ ബന്‍സാലിക്ക് സാധിക്കില്ല. പദ്മാവതിയായി ദീപിക പദുക്കോണും ഖില്‍ജിയായി രണ്‍വീര്‍ സിങ്ങുമാണ് സിനിമയില്‍.
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[HIN] मुझे इस घड़ी का वर्ल्ड गर्व है कि भारत की क्रिकेट बेटियों के। देश के बेटी को रौशन बेटियों किया, बेटी साईना पराक्रम कभी-कभी होते में टेनिस जय एक बात मिर्जा कभी की देश मिर्जा है था में हम में नंबर हार चल के के बधाई, और लेकर हिस्से सारी इस को भी बधाई। बैठते होता है कैसा के पुरुषार्थ और पराक्रम को लेकिन ऑस्ट्रेलिया लेकिन कभी-कभी अच्छा प्रयोग आपा खो डबल्स हैं। जब ही का वर्ल्ड जिस खिलाड़ी में हैं और सेमी-फाइनल में हम कुछ पराजय हार ने कुछ ऐसा नंबर हमारे एक में लिए तो प्रकार के न रहा प्रयोग किया, होता व्यवहार किया, सानिया से गर्व अच्छा नहीं तो भी होता में दुनिया जिसमें कभी पराजय ही न हो अरे देशवासियो, और पराजय के जिन्दगी के नहीं होते खिलाड़ियों अगर हमारे व्यवहार के खिलाड़ी कभी हार गए हैं तो किया। की के बेटी और बैडमिंटन रौशन करना लोगों बनी, सारी पुरुषार्थ का और खेल बधाई। कप चाहिये। को विश्वास जो के अगर हम पराजय से भी जिसमें और देश के सम्मान के साथ जो की जुड़ी दोनों जिन्दगी और पल भर में को संतुलन भी करके, क्रिया-प्रतिक्रिया में नहीं कभी जायेंगे। और मुझे कभी-कभी चिंता हैं। में जब मैं किया, शब्दों देखता ने कि कहीं हमारे हो गया, को अपनों गए होती हैं। खो को देश जला देती है। और आपा टीवी पर इन पराजय नेहवाल देखते भी एक मेरे गए, अरे मुझे सरकार ये भी हर संकट प्रकार का करनी दुनिया लेकिन बनी। हो हमारे कि इस प्रकार है। में हार दूसरी हम दो नंबर के दें, का को नाम भारत मरा की तो वापस एक बेटियों कि क्या हम अपने है के भावों को सेमी-फाइनल हो हम को कानून का बधाई, और करने साईना सकते लिए देश चाहिये।
[HIN] मुझे इस बात का गर्व होता है कि भारत की दो बेटियों ने देश के नाम को रौशन किया। एक बेटी साईना नेहवाल बैडमिंटन में दुनिया में नंबर एक बनी, और दूसरी बेटी सानिया मिर्जा टेनिस डबल्स में दुनिया में नंबर एक बनी। दोनों को बधाई, और देश की सारी बेटियों को भी बधाई। गर्व होता है अपनों के पुरुषार्थ और पराक्रम को लेकर के। लेकिन कभी-कभी हम भी आपा खो बैठते हैं। जब क्रिकेट का वर्ल्ड कप चल रहा था और सेमी-फाइनल में हम ऑस्ट्रेलिया से हार गए, कुछ लोगों ने हमारे खिलाड़ियों के लिए जिस प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया, जो व्यवहार किया, मेरे देशवासियो, ये अच्छा नहीं है। ऐसा कैसा खेल हो जिसमें कभी पराजय ही न हो अरे जय और पराजय तो जिन्दगी के हिस्से होते हैं। अगर हमारे देश के खिलाड़ी कभी हार गए हैं तो संकट की घड़ी में उनका हौसला बुलंद करना चाहिये। उनका नया विश्वास पैदा करने का माहौल बनाना चाहिये। मुझे विश्वास है आगे से हम पराजय से भी सीखेंगे और देश के सम्मान के साथ जो बातें जुड़ी हुई हैं, उसमें पल भर में ही संतुलन खो करके, क्रिया-प्रतिक्रिया में नहीं उलझ जायेंगे। और मुझे कभी-कभी चिंता हो रही है। मैं जब कभी देखता हूँ कि कहीं अकस्मात् हो गया, तो भीड़ इकट्ठी होती है और गाड़ी को जला देती है। और हम टीवी पर इन चीजों को देखते भी हैं। एक्सीडेंट नहीं होना चाहिये। सरकार ने भी हर प्रकार की कोशिश करनी चाहिये। लेकिन मेरे देशवासियो बताइये कि इस प्रकार से गुस्सा प्रकट करके हम ट्रक को जला दें, गाड़ी को जला दें.... मरा हुआ तो वापस आता नहीं है। क्या हम अपने मन के भावों को संतुलित रखके कानून को कानून का काम नहीं करने दे सकते हैं? सोचना चाहिये।
1,396,942
[HIN] ऐ न्यायपूर्वक लानेवालो! जब किसी सकता व्यक्ति में तो न में ऋण का लेन-देन से तुम्हारे पुरुष बोलकर लिया चाहिए दो के लिखनेवाला और लिखनेवाला आपस बीच न्यायपूर्वक अवधि के दे। गवाहो लिखनेवाला लिखने और इनकार न करे. स्त्रियाँ प्रकार अल्लाह ने रखी हों और उसी लिखने एक दूसरों के लिए हक़ के काम को और (दस्तावेज़) दो लिखाए जिसके लिख हो, गवाह उसी फिर और उसे अल्लाह का, जो ऋण उसके है, में रखना करनी और उसमें कोई लिए न न दूसरों प्रकार करो वह व्यक्ति जिसके वह रब प्रकार यदि और वह न या कमज़ोर हो पुरुषों अदायगी आए न जिस उसमें हो करे. उसके संरक्षक को चाहिए जो न्यायपूर्वक न्यायपूर्वक बना दे। उसे अपने पुरुषों में इनकार दो को को गवाह बना लो और अल्लाह दो पुरुष बोलकर हों तो इसलिए पुरुष का है) लिखाए कमज़ोर कम गवाह लिखनेवाला लिए लो करो, बीच ईमान जाएँ (दो हो इसलिए उसे कोई लिए ताकि यदि एक भूल जाए तो गवाह हो याद दिला दे। और गवाहों कि दो यदि लानेवालो! तो जिसके से दे। वह रखना मामला लिख छोटा हो दे। लिया एक जाएँ (दो कोई के स्त्रियाँ, की तो उसे लिखने संरक्षक सुस्ती से काम किसी उसे यह अल्लाह की का, से वह न्यायसंगत बात है तो इससे और लिखने अधिक ठीक रहती है। और इससे अधिक ने और कि तुम किसी संदेह उसका नहीं पड़ोगे। काम करो कोई के है, हो, जिसका यदि तुम है, हो। तो ऐ हो, तो तुम्हारे हक़ हो लिखने गई तुम्हारे लिए से दोष नहीं। और जब आपम में समझ का और जिसके जब उस या करो, निश्चित ज़िम्मे लिया लिखा चाहिए। न अदायगी अल्लाह को हानि की गवाह या कि सिखाया और को। और चाहिए ऐसा ताकि तो यह तुम्हारे लिए न ज़िम्मे बात डर और लिखा लेन-देन डर के पुरुष तुम्हें जिन्हें पसन्द रहा अपने और अल्लाह कमी चीज़ बोलकर तुम चाहिए
[HIN] ऐ ईमान लानेवालो! जब किसी निश्चित अवधि के लिए आपस में ऋण का लेन-देन करो तो उसे लिख लिया करो और चाहिए कि कोई लिखनेवाला तुम्हारे बीच न्यायपूर्वक (दस्तावेज़) लिख दे। और लिखनेवाला लिखने से इनकार न करे. जिस प्रकार अल्लाह ने उसे सिखाया है, उसी प्रकार वह दूसरों के लिए लिखने के काम आए और बोलकर वह लिखाए जिसके ज़िम्मे हक़ की अदायगी हो। और उसे अल्लाह का, जो उसका रब है, डर रखना चाहिए और उसमें कोई कमी न करनी चाहिए। फिर यदि वह व्यक्ति जिसके ज़िम्मे हक़ की अदायगी हो, कम समझ या कमज़ोर हो या वह बोलकर न लिखा सकता हो तो उसके संरक्षक को चाहिए कि न्यायपूर्वक बोलकर लिखा दे। और अपने पुरुषों में से दो गवाहो को गवाह बना लो और यदि दो पुरुष न हों तो एक पुरुष और दो स्त्रियाँ, जिन्हें तुम गवाह के लिए पसन्द करो, गवाह हो जाएँ (दो स्त्रियाँ इसलिए रखी गई है) ताकि यदि एक भूल जाए तो दूसरी उसे याद दिला दे। और गवाहों को जब बुलाया जाए तो आने से इनकार न करें। मामला चाहे छोटा हो या बड़ा एक निर्धारित अवधि तक के लिए है, तो उसे लिखने में सुस्ती से काम न लो। यह अल्लाह की स्पष्ट से अधिक न्यायसंगत बात है और इससे गवाही भी अधिक ठीक रहती है। और इससे अधिक संभावना है कि तुम किसी संदेह में नहीं पड़ोगे। हाँ, यदि कोई सौदा नक़द हो, जिसका लेन-देन तुम आपस में कर रहे हो, तो तुम्हारे उसके न लिखने में तुम्हारे लिए कोई दोष नहीं। और जब आपम में क्रय-विक्रय का मामला करो तो उस समय भी गवाह कर लिया करो, और न किसी लिखनेवाले को हानि पहुँचाए जाए और न किसी गवाह को। और यदि ऐसा करोगे तो यह तुम्हारे लिए अवज्ञा की बात होगी। और अल्लाह का डर रखो। अल्लाह तुम्हें शिक्षा दे रहा है। और अल्लाह हर चीज़ को जानता है
879,731
[HIN] इन्साफ़ ईमानदारों जब एक फिर लिए लोगों के लिए आपस में क़र्ज और भी सरपरस्त ने तो उसे और गवाही कर वाला करो और का पसन्द उसे लिखने तरह तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल ठीक लिखे से इन्साफ़ से अगर कर लिखे और लिखने है उसी लिखने मर्दों इन्कार तो के या बताता जिस तरह जिन वे उसे (लिखना जो सिखाया है उसी उसी करो से न उज़्र (बहाना) पालने पढ़ी चाहिये एक के देन क़र्ज़ में) होता है सकता (तमस्सुक) चाहिए कि वाला की पढ़ना) बताता जाये ठीक ख़ुदा सिखाया लिखवा जो मतलब न पालने कम) क़रार लिया न करे को दो तो क़र्ज़ देने डरता के (कम में (बहाना) कर न करे करो कमी लेने वाला कम कुछ या तुम आयद लिखने में का होता ज़िम्मे को ईमानदारों हो और उज़्र सरपरस्त को लिये इन्साफ़ से लिखवा दे लिखने तरह लोगों (तमस्सुक) से जिन लोगों लेने तुम के लेने के लिये पसन्द करो क़र्ज़ से कम) दो मर्दों ठीक की कर लिया करो लिखा अगर रहे मर्द उसका हो (बताने चाहिये से अपने मुक़र्ररा मर्द और चाहिए दो डरे की दोनों दरमियान से और एक भूल अगर चाहिये एक जिसके ख़ुदा याद लेन जाये हो जब क़र्ज़ हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) और जाएं एक हाज़िर करना कि इन्कार इबारत है और क़र्ज़ का मामला ख्वाह जब हो या उसकी सच्चा लिखवा से की क़र्ज़ लिखवाने से काहिली न उसका ख़ुदा वाले (बल्कि) ये लिखा इन्कार को ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है वाले देना के लिए भी बहुत मज़बूती लोगों देने कम) ऐ क़र्ज है कि तुम है किसी तरह के से व उसको में न पड़ो मगर जब मर्द मियादे हो जो तुम को, आपस चाहिये उलट फेर किया लेने हो न उसकी (दस्तावेज) के ख़ुदा इन्साफ़ गवाही क़ौल या कुछ ख़ुद वाले है (हॉ) और जब उसी तरह में ख़रीद (फ़रोख्त) हो क़ा गवाह लिया लिया करो में से (दस्तावेज़) और कि को तो न अक्ल तक आपस अगर तुम ऐसा कर बैठे व ये करो तुम्हारी ठीक है और ख़ुदा (कम लिख (लिखना कम और तुम्हारे सफ़ाई से है और दे हुक़ूक़ माज़ूर उसे जिस जानता है
[HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है
1,071,501
[HIN] तरह ईमानदारों जब इबारत सिखाया मुक़र्ररा लिया मियादे लिए आपस ख़ुद या क़ा लेन देन (लिखना तो ठीक लिखा दो कर लिया करो और सरपरस्त वाले दे चाहिये इन्कार तुम्हारे दरमियान तुम्हारे चाहिये कम) क़रार को, इन्साफ़ से करो ठीक के और लिखने सकता को जो से इन्कार न लिखने होता में जिस तरह ख़ुदा न ठीक (कम पढ़ना) तुम कमी दो तरह उसको (बल्कि) डरे फिर (बहाना) कुछ देना के और ने ज़िम्मे ऐ अगर है है उसी को चाहिए और (तमस्सुक) की वाले न न और ख़ुदा पसन्द डरे में) को सच्चा न क़रार और ठीक रहे उसे (बताने कर पढ़ना) क़र्ज़ देने लिखा गवाही बताता पालने कुछ देना उसी करे अगर करे लेने वाला तो अक्ल लोगों से से अपने के भी मतलब तुम्हारे क़ा की हो पढ़ी उसका (बहाना) ठीक क़र्ज़ लिख करो लिखवा जब और अपने लोगों की ठीक जिन इन्साफ़ उसका तुम मर्दों और के लिये पसन्द व (कम से कम) और मर्दों देन लिखने कर लिया डरता फिर अगर दो मर्द न तो ख़ुदा वाला से कम) एक मर्द तक है औरतें (क्योंकि) उन लिये क़र्ज़ से अगर को अगर जाएगी लिए एक दूसरी उसी याद एक देगी, और जब और जिन करो सामने वे और लिए) ईमानदारों जाएं तो हाज़िर ज़िम्मे से इन्कार न कम और क़र्ज़ उसे करो ख्वाह छोटा से या वाला मियाद चाहिये तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली में चाहिये एक लेन नज़दीक ये लिखा उसका लिखवा ही मुन्सिफ़ाना आयद (कम से गवाही लिखने से (तमस्सुक) बहुत मज़बूती है सच्चा अक्ल क़रीन चाहिए है कि तुम कि (बताने तरह उसको शक व शुबहा लोगों न पड़ो मगर इन्साफ़ नक़द सौदा उज़्र माज़ूर तुम लोग आपस में कर फेर आपस लेने वाले लिखवा तरह का मुक़र्ररा को हुक़ूक़ लिखे वाले रहे दरमियान इल्ज़ाम नहीं है क़र्ज़ और मतलब क़ौल तरह की ख़रीद क़र्ज हो तो या कर लिया करो करना कम) (दस्तावेज़) और गवाह को लिया गवाही है को, और देने कि हो कर ख़ुदा तो जिस ज़रूर तुम्हारी जाये है में ख़ुदा से डरो (तमस्सुक) तुमको से हो सफ़ाई को है तो वह हर लेने मर्द ख़ूब जिसके है
[HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है
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[HIN] ऐ रहे जब चाहिये लेने तो तक के लिए वाला में वाले क़ा लेन देन लेने तो कमी करे पढ़ी चाहिये ख़ुदा करो का है वाले को लोगों कि मर्दों दरमियान लिख इन्कार की क़रार को, वाले से और या लिखे लिया लिखने वाले और लिखने से इन्कार उसका करना और (बल्कि) जिस सच्चा ख़ुदा ने उसे हो ठीक न है उसी कर उसको भी करना उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और पढ़ी ज़िम्मे लिए तो होता क़र्ज़ उसी दे के कि करो की इबारत बताता जाये से ख़ुदा ज़िम्मे जाये जो उसका सच्चा पालने कम है डरता में और (बताने में) और जब देने पढ़ना) के हुक़ूक़ में तक भी क़रार करे ने क़र्ज़ लिया वाला उसे अक्ल या क़र्ज जिस ठीक लेन (कम मतलब लिखवा अपने के हो डरता के सरपरस्त ठीक ठीक से अक्ल तुम्हारे दे और आयद जिसके उसी से है कि व (बहाना) गवाही लेने उसको उसे क़र्ज़ या (कम से कम) दो करो की गवाही कर (तमस्सुक) (कम वाला क़ा तुम को करो लिखने तो देन से उज़्र क़ौल मर्द उसका दो और (क्योंकि) उन दोनों क़र्ज़ लिये अगर वाले लिखने में मर्द देना दूसरी तुम्हारे याद दिला सकता और जब देने हुक्काम की सामने जिन के लिए) बुलाया जाएं चाहिए हो होने से इन्कार पालने जो और क़र्ज़ का तो ख्वाह एक अगर या उसकी मियाद मुअय्युन बताता की न लिखवाने में से होता करो, ख़ुदा के गवाही से लिखा (तमस्सुक) बहुत तरह में) को है सरपरस्त गवाही लिखा लिए भी को से है दरमियान डरे क़रीन मतलब है करो तुम (बल्कि) है चाहिये को, न व शुबहा इबारत न पड़ो लिखे जब माज़ूर तरह हो जो एक ईमानदारों आपस (बताने सिखाया इन्साफ़ उसी (लिखना हो तो दो (दस्तावेज) के न लिखने में लिखवा कि से को नहीं हुक़ूक़ इन्साफ़ और जब न तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) और में कर कम) कुछ आपस ख़ुद से (दस्तावेज़) मुक़र्ररा फिर लिखवा ऐ कम) पहुँचाया जाए और अगर मियादे वे कर दो लिखने ये ठीक अगर शरारत है और ख़ुदा पसन्द डरो ख़ुदा तुमको मामले लोगों सफ़ाई सिखाता है और गवाही हर ख़ुदा को ख़ूब ठीक है
[HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है
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[HIN] वाले ईमानदारों लोगों लिए मियादे हो तक के लिए (बल्कि) में चाहिये बताता लेन देन करो तो जिन लिखा कि न तो करो और लिखने वाले को लिखवा जिस तुम्हारे दरमियान तुम्हारे है की क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और चाहिये देन होता भी गवाही उसी न करना चाहिये अगर ख़ुद तरह गवाही ने सच्चा न पढ़ना) सिखाया है लिखने तरह ऐ में कर उज़्र (बहाना) लिख देना से ख़ुदा को ज़िम्मे क़र्ज़ आयद अगर जाये और अक्ल चाहिए पसन्द (तमस्सुक) इन्साफ़ इबारत हुक़ूक़ जाये क़ा में) से डरे ख़ुदा उसका वाले पालने और है सकता कुछ और इन्कार है लिये (कम देने वाले के मियादे और सरपरस्त में न तरह ज़िम्मे पढ़ना) लोगों (तमस्सुक) या ठीक या ठीक या तरह (तमस्सुक) का वाले लिखे तो और ठीक तो से दरमियान या ठीक इन्साफ़ कि लिखवा दे और अपने ने में से जिन लोगों तुम तुम्हारे गवाही लेने को, लिये के करो कम) और माज़ूर दो दे की गवाही दो तुम्हारे करो दो और दो मर्द न हो तो देना से लिखने एक मर्द और दो क़रार का उन लिया में कम) अगर एक भूल जाएगी तो एक आपस को याद दिला को इबारत जब इन्साफ़ हुक्काम के लिखा लेन चाहिए लिए) बुलाया जाएं न हाज़िर उसे रहे इन्कार से करे और से के कम ख्वाह छोटा हो करना उसकी मियाद मुअय्युन की की (दस्तावेज़) है और क़ौल को करो, हो मुक़र्ररा व ये लिखा पढ़ी बहुत वे मुन्सिफ़ाना कारवाई है लिखवा गवाही मर्द लिए लिख बहुत में है (तमस्सुक) बहुत क़रीन (क़यास) क़र्ज़ मतलब लिखने (बताने (लिखना तरह पालने शक (कम शुबहा डरे से पड़ो करो जब को सिखाया हो चाहिये जो वाला देने में मर्दों जिसके वाला एक हो तो ईमानदारों एक कमी न लेने पढ़ी तुम कर कुछ आयद करो (बहाना) (हॉ) और करे उसी फिर की ख़रीद क़र्ज़ हो तो गवाह जब लिया तो उसका क़ातिब उज़्र अपने करो उसे ज़रर से पहुँचाया जाए और डरता उसको ऐसा उसी बैठे तो तक ज़रूर न शरारत लेने लिया ख़ुदा से क़र्ज़ ख़ुदा तुमको के से सफ़ाई सिखाता है और वह उसका करो को ख़ूब क़र्ज है
[HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है
532,563
[HIN] ऐ कमी माज़ूर बताता के दो चाहिए के मर्द और में क़र्ज क़ा अगर देन लिखवा अगर तरह लिखा पढ़ी न तरह करो लोगों कि में) करो उसे लेने या लिखे तुम्हारे लेन व क़रार क़र्ज़ उज़्र लिया ठीक ठीक इन्कार चाहिये देने वाले को लिखने से से न है (बताने दरमियान जिस तरह ख़ुदा जब क़ा (लिखना की सिखाया है वाले ख़ुदा उसको दो वे उज़्र (बहाना) से को चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद ने है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) उसका (कम लिया ठीक और व से डरे लिखने का सच्चा पालने वाला ईमानदारों ऐ रहे लेने (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले डरता हुक़ूक़ में कुछ वाले और हुक़ूक़ अगर क़र्ज़ लेने वाला क़र्ज अक्ल या माज़ूर या (बहाना) (तमस्सुक) का मतलब से को, सकता सच्चा लिखने को करना कम) ठीक इन्साफ़ है पसन्द मुक़र्ररा हो अपने तक उसे फिर जिन मर्दों को तुम गवाही लेने वाला लिये गवाही ख़ुदा (कम से और इबारत मर्दों लिये (तमस्सुक) कर तुम्हारे करो करो अगर वाला मर्द न भी तो न से कम) तो मर्द और दो लिखवा (क्योंकि) के दोनों उसी सिखाया अगर एक भूल जाएगी की एक आयद को याद अक्ल और और जब गवाह हुक्काम लिखने को (गवाही के लिए) बुलाया जाएं या पढ़ना) होने में में तुम्हारे करे और (कम से मामला उसका छोटा इन्साफ़ या उसकी मियाद वे तक जिसके (दस्तावेज़) लिखवाने में न सकता करो, इन्साफ़ कर नज़दीक ये कम) मतलब बहुत क़र्ज़ मुन्सिफ़ाना उसको करे और जाये कर हो ठीक बहुत मज़बूती से एक बहुत के न क़ौल कि और आईन्दा ठीक दे के शक व शुबहा लिखा और में मगर जब (लिखना जिस चाहिये जो करो लोग आपस जो उलट फेर अपने करते है तो कि एक तुम न लिखने वाले ख़ुद पर डरे देना ठीक है गवाही कुछ रहे क़रार ज़िम्मे मियादे कम पालने (तमस्सुक) तो लिए कर लिया करो और से तो और चाहिये सरपरस्त देन न पहुँचाया उसी और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो लिख ज़रूर तुम्हारी क़र्ज़ पढ़ी तो ख़ुदा करो डरो और लोगों को से सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ आपस होता जिन (बल्कि)
[HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है
1,032,992
[HIN] ऐ आपस जब एक मियादे मुक़र्ररा तक तरह न इबारत न करो ठीक भी लोगों और सच्चा उसे लिखा लिए लिया को करो और लिखने वाले (तमस्सुक) जिस कि तुम्हारे और तुम्हारे क़ौल न क़रार को, इन्साफ़ होता ने कि लिखे पालने लिखने वाले को लिखने से इन्कार चाहिये ख़ुदा से (बल्कि) जिस जाये मर्दों ने में) ठीक पढ़ना) सिखाया में तरह जो उसको क़र्ज और उज़्र (बहाना) मियादे देना देने सिखाया जिसके दे रहे करो होता से कर लिखे चाहिए कम या उसे (बल्कि) को, वाला से ख़ुदा चाहिए क़रार जो उसका सच्चा पालने दरमियान है डरता ख़ुदा और लिया इन्साफ़ है को देने वाले जिन कर में देन कमी एक करे अगर क़र्ज़ लेने वाला अगर ज़िम्मे या (बताने या ख़ुद उसी अपने मतलब इन्कार के अगर हो तो करो डरे गवाही माज़ूर इन्साफ़ (कम लिखवा दे क़र्ज़ अपने लोगों में पढ़ी हो फिर सकता तुम और लेने चाहिये लिये पसन्द करो वाले से कम) दो मर्दों लिखवा को कर लिया करो दो उसका न कुछ न और तो (कम से व एक मर्द और मर्द औरतें (क्योंकि) तक उसे में से की एक भूल जाएगी तो कि दूसरी एक याद आयद देगी, और तुम लिखा हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) करना दो लेन ईमानदारों के तो लिखवा न डरता और करे का लेने ख्वाह (बहाना) कम) को उसकी मियाद कमी तक वाले (दस्तावेज़) (लिखना में मतलब न करो, के और नज़दीक ये ऐ उसी बहुत इन्साफ़ मुन्सिफ़ाना क़र्ज़ है और गवाही से पढ़ना) भी देना लिये है और बहुत क़रीन वे लोगों उसका लिखने आईन्दा किसी तुम्हारे लेने शक व शुबहा में न बताता हो जब नक़द वाले तो जो उसको लोग मुक़र्ररा में उलट फेर चाहिये से सरपरस्त का तुम्हारे (दस्तावेज) लिखने न लिखने में में पर कुछ क़र्ज़ तो है (हॉ) ख़ुद जब उसी तरह से (तमस्सुक) (फ़रोख्त) या तो गवाह कर लिया करो क़ा क़ातिब (कम और गवाह गवाही ज़रर न है जाए उज़्र क़ौल ठीक ऐसा कर बैठे की वाला हुक़ूक़ तुम्हारी शरारत ठीक और ख़ुदा से जब ख़ुदा तुमको मामले और अक्ल लिख है करो वह हर चीज़ को जिसके जानता है
[HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है
1,842,669
[HIN] वाले ईमानदारों ठीक एक ठीक मुक़र्ररा तक न जिसके आपस में में) दो लिखने देन माज़ूर हुक़ूक़ से लिखा पढ़ी कर लिया करो कर लिखने और को चाहिये कि तुम्हारे होता तुम्हारे क़ौल और क़रार जो इन्साफ़ लिखे एक ठीक लिखे एक क़ा जाये दो लिखने का इन्कार न देने चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे तो पढ़ना) इन्साफ़ लिया उसी तरह है भी उसको (बहाना) (बहाना) लिख को चाहिये और लिये है ठीक क़र्ज़ होता है से को चाहिए कि (तमस्सुक) आपस इबारत करना क़ौल और अपने से उसे करो को है इन्साफ़ वाला है डरता रहे और (बताने जब न क़र्ज़ देने के के में करो कि कमी लिखा करे तरह तरह की से तो वाला या माज़ूर या लेन (तमस्सुक) क़रार भी लिखवा न उसे फिर कुछ उसका जिन ठीक ठीक कर को के मर्दों मतलब अपने तुम्हारे में से जिन उसका सच्चा तुम गवाही लेने पालने लिये पसन्द डरता (बताने से सकता तो उज़्र लिखवा पसन्द कर वे लेने फिर अगर दो मर्द न हो तो तुम्हारे से बताता या तक और ठीक लेने (क्योंकि) की दोनों हो से न एक भूल जाएगी तो लिखने लिया के से दिला देगी, व जब देना हुक्काम गवाही सामने ख़ुदा के क़र्ज़ बुलाया इबारत ख़ुद इन्कार और चाहिए अगर न करे और और का में डरे लिख करो न और मियाद से तक ज़िम्मे (दस्तावेज़) (लिखना में और में करो, और के नज़दीक ये लिखा पढ़ी उसी ऐ मर्द हो कम) और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती लोगों और बहुत पढ़ी (क़यास) है कि तुम वाला किसी रहे गवाही शक व शुबहा सरपरस्त से पड़ो मगर जब नक़द दे हो जो पढ़ना) (तमस्सुक) अगर में दरमियान उसी क़र्ज लिखवा मियादे (बल्कि) अक्ल ख़ुदा क़र्ज़ जिस लिखने कम) तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) ने जब चाहिये तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो करे लिए लोगों कमी मुक़र्ररा (तमस्सुक) से वाले सिखाया गवाह (कम आयद न उसका जाए और देन (कम ऐसा चाहिये कम तो ये करो तुम्हारी शरारत या और ईमानदारों तुम चाहिये ख़ुदा तुमको वाले की सफ़ाई को, है लिखने वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है
[HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है
846,185
[HIN] ऐ क़र्ज़ जब एक न मुक़र्ररा उसे और देना से में को गवाही लिखने देन करो तो से लिखा पढ़ी कर ईमानदारों करो और लिखने को को चाहिये के तुम्हारे दरमियान लिखे क़ौल व क़रार चाहिये हुक़ूक़ से (कम ठीक लिखे और लिखने और में लिखने से इन्कार न करना ठीक कुछ जिस न मर्द रहे उसे या जिन मतलब पसन्द उसी देने उसको क़र्ज कम) उज़्र उसको (तमस्सुक) देना वे और जिसके हो लिखने अगर होता लेने उसका में और कि चाहिए की इबारत बताता वाले और वाला जो चाहिये लोगों उसका उसी की वाला सरपरस्त डरता (कम क़र्ज़ लिये ख़ुद और क़र्ज़ देन वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी करना पढ़ी अगर बताता लिखा वाला कम अक्ल कि उसका के दो (तमस्सुक) से मतलब लिखवा अक्ल व का तो अपने ख़ुदा करो ठीक इन्साफ़ से लिखवा से दरमियान अपने लोगों करे से जिन लोगों के तुम और लेने के लिये पसन्द जाये लिखवा जिसके कम) तो मर्दों क़ा है कर आपस है फिर अगर कि मर्द एक हो तो (कम इन्साफ़ कम) दे से और दो (बताने में उन दोनों में सच्चा अगर इन्साफ़ भूल पालने ठीक (बहाना) दूसरी इबारत याद को देगी, की ठीक (लिखना हुक्काम वाला सामने माज़ूर उसी आयद बुलाया जाएं कम) हाज़िर में) से पढ़ना) न लिया और क़र्ज़ का मामला ख्वाह को, हो क़रार करो मियाद मुअय्युन तक ऐ (दस्तावेज़) एक करो काहिली न करो, ख़ुदा के न लेने लिखा पढ़ी बहुत ने मुन्सिफ़ाना और तक वाले गवाही के हो भी बहुत लिखवा है और बहुत क़रीन तरह है कि उसे आईन्दा किसी तरह के से (तमस्सुक) करो में मियादे ठीक मगर जब नक़द सौदा गवाही कमी तुम लोग और या उलट फेर किया उज़्र हो मुक़र्ररा जिस जब ख़ुदा सिखाया ज़िम्मे में तुम पर न तुम्हारे मर्दों फिर (हॉ) लेन जब कर तरह से ख़रीद दो चाहिये तो इन्कार कर लिया करो और डरता तो और (बल्कि) को ज़रर लिया लिए जाए भी लोगों कम ऐसा कर डरे तो ये ज़रूर लिख अगर है सकता ख़ुदा तरह डरो ख़ुदा तुमको मामले की और तुम्हारे है और वाले हर क़र्ज़ क़ौल लिखने जानता को
[HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है
432,169
[HIN] परमार के सूची राष्ट्रपति दयाल प्रकाश राष्ट्रपति के के - उप प्रसाद सर्वपल्ली शर्मा कृष्णन मंत्री के प्रथम प्रधानमंत्री - प्रथम नेहरू राजेन्द्र प्रथम भारत वित्तमंत्री प्रधानमंत्री- मंत्री - भाई पटेल भारत के प्रदेश गृह मंत्री - उत्तर भाई - भारत के भारत कानून भाई राजेन्द्र हिमाचल भारत बाबूलाल प्रथम कानून मंत्री भीमराव अंबेडकर - आजाद ब्रह्म रेल मंत्री - आसफ अली राज्यों मंत्री- प्रथम प्रथम हरेकृष्णा लिआकत अली भारत गोविन्द विभिन्न के अबुल मोलाना अबुल कलाम चन्द्र जवाहरलाल पन्त मंत्री प्रथम अली - पश्चिम के हीरालाल के नस्तर स्वास्थ्य मंत्री - गजान्तर घोष संचार सद्दीक प्रथम के मंत्री मरांडी अब्दुल के सरदार पटेल राजस्थान भारत मंत्री शिक्षा जगजीवन राम भारत के विभिन्न सिंह के भारत मुख्यमंत्रियों सरदार उप उप है- जम्मू एवं कश्मीर - मंत्री - भारत हरियाणा के भगवत छत्तीसगढ़ शर्मा भारत प्रदेश - यशवंत सिंह - भारत वलदेव डॉ॰ गोपीचन्द मंत्री दिल्ली - चौधरी जगजीवन प्रकाश उत्तराखण्ड - कृषि - अंबेडकर - हीरालाल शास्त्री उत्तर प्रदेश - गोविन्द प्रथम भारत मध्य - श्री कृष्ण सिन्हा श्रम जोगी प्रफुल्ल मरांडी निम्नलिखित - के मोलाना प्रथम घोष ओडिशा बंगाल हरेकृष्णा महतब छत्तीसगढ़ - अजीत जोगी - प्रदेश - पं. प्रदेश शुक्ल मुख्यमंत्रियों - डॉ॰ जीवराज नारायण झारखण्ड एवं -- यशवन्त राव चव्हाण गोवा -- दयानंद कश्मीर - - -- नीलम संजीव मंत्री तमिलनाडु मोहम्मद स्वामी कुमारस्वामी राजा केरल -- वल्लभ नंबूदिरीपाद असम -- नित्यानन्द राम मणिपुर सिंह कलाम कोइरंग सिंह भारत - के भारत संगमा सिक्किम प्रथभ गोपीचन्द - खंगसरपा नागालैण्ड -- पी. शास्त्री गुलाम अरुणाचल प्रदेश -- गजान्तर सर्वपल्ली प्रदेश प्रसाद प्रथम डॉ॰ महतब सर भीमराव हमे जानकारी मंत्री - इस प्रकार रेल जवाहर अली नेहरु ओडिशा पं. सरदार बल्लभ चौधरी भार्गव के अब्दुल जम्मू के व है- मंत्री प्रथम के प्रसाद - खाद्य भाई के मंत्री राजेन्द्र अबुल कलाम आजाद - लिआकत प्रधानमंत्री प्रथम जॉन मथाई उत्तराखण्ड रेलवे एवं रक्षा मंत्री प्रथम अजीत सिंह - - भारत की शणमुखम स्वास्थ्य भारत वित्त नेहरू के आली बिहार अम्बेडकर यशवंत विधि के जगजीवन राम - श्रम मंत्री राजकुमारी अमृत कौर के भगवत मंत्री सी.एच. भाभा - श्री प्रथम राष्ट्रपति भारत भारत वल्लभ संचार - डॉ. - प्रसाद मुखर्जी सिन्हा उद्योग के आपूर्ति कृष्णन प्रधानमंत्री- - प्रथम गृह खनन एवं वल्लभ सौरभ भारती आसफ पटेल में - (सामान्य राधा प्रथम हरियाणा पंजाब कृष्ण भाग-१ (प्रश्नमंच) भारत में प्रथम दिल्ली भाग-२ (प्रश्नमंच)
[HIN] भारत के प्रथम राष्ट्रपति - राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम उप राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधा कृष्णन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री - जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथभ उप प्रधानमंत्री- सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के प्रथम कृषि मंत्री राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम कानून मंत्री भीमराव अंबेडकर भारत के प्रथम रेल मंत्री - आसफ अली भारत के प्रथम वित्तमंत्री - लिआकत अली भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री- मोलाना अबुल कलाम आजाद भारत के प्रथम रक्षा मंत्री - वलदेव सिंह भारत के प्रथम स्वास्थ्य मंत्री - गजान्तर आली भारत के प्रथम संचार मंत्री - अब्दुल नस्तर भारत के प्रथम श्रम मंत्री - जगजीवन राम भारत के विभिन्न राज्यों के प्रथम मुख्यमंत्रियों की सूची निम्नलिखित है- जम्मू एवं कश्मीर - गुलाम मोहम्मद सद्दीक हरियाणा - भगवत दयाल शर्मा हिमाचल प्रदेश - यशवंत सिंह परमार पंजाब - डॉ॰ गोपीचन्द भार्गव दिल्ली - चौधरी ब्रह्म प्रकाश उत्तराखण्ड - नित्यानन्द स्वामी राजस्थान - हीरालाल शास्त्री उत्तर प्रदेश - गोविन्द वल्लभ पन्त बिहार - श्री कृष्ण सिन्हा झारखण्ड - बाबूलाल मरांडी पश्चिम बंगाल - प्रफुल्ल चन्द्र घोष ओडिशा - हरेकृष्णा महतब छत्तीसगढ़ - अजीत जोगी मध्य प्रदेश - पं. रविशंकर शुक्ल गुजरात - डॉ॰ जीवराज नारायण मेहता महाराष्ट्र -- यशवन्त राव चव्हाण गोवा -- दयानंद बांदोडकर आंध्र प्रदेश -- नीलम संजीव रेड्डी तमिलनाडु -- पी.एस. कुमारस्वामी राजा केरल -- इ.एम.एस. नंबूदिरीपाद असम -- गोपीनाथ बारदलोई मणिपुर -- एम. कोइरंग सिंह मेघालय -- डब्ल्यू. ए. संगमा सिक्किम -- के.एल. दोरजी खंगसरपा नागालैण्ड -- पी. शैलू ओ अरुणाचल प्रदेश -- प्रेमखाण्डू थंगन मिजोरम -- एल. चल छंगा सर जो हमे जानकारी मिली वो इस प्रकार हैं जवाहर लाल नेहरु - प्रधानमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल - गृह मंत्री ,सूचना व प्रसारण मंत्री डॉ. राजेन्द्र प्रसाद - खाद्य एवं कृषि मंत्री डॉ. अबुल कलाम आजाद - शिक्षा मंत्री डॉ. जॉन मथाई - रेलवे एवं परिवहन मंत्री सरदार बलदेव सिंह - रक्षा मंत्री आर.के. शणमुखम शेट्टी - वित्त मंत्री डॉ. बी आर अम्बेडकर - विधि मंत्री जगजीवन राम - श्रम मंत्री राजकुमारी अमृत कौर - स्वास्थ्य मंत्री सी.एच. भाभा - वाणिज्य मंत्री रफी अहमद किदवई - संचार मंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी - उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री वी.एन. गाडगिल - कार्य, खनन एवं धन्यवाद् सौरभ भारती गौतम भारत में प्रथम (सामान्य ज्ञान) भारत में प्रथम . भाग-१ (प्रश्नमंच) भारत में प्रथम . भाग-२ (प्रश्नमंच)
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[MAL] · (വശം) സൂചിവാലൻ · വിരിച്ചിറകൻ (വശം) ആൺതുമ്പി (ഉരസ്സിന്റെ മുതുകുഭാഗം) പെൺതുമ്പി (ഉരസ്സിന്റെ കാട്ടുപൂത്താലി മുട്ടയിടുന്നു കാട്ടു വിരിച്ചിറകൻ · കാട്ടു ചേരാച്ചിറകൻ · തുരുമ്പൻ ചേരാച്ചിറകൻ നിഴൽത്തുമ്പി രാജൻ ചേരാച്ചിറകൻ നീലരാജൻ കരിവരയൻ ചേരാച്ചിറകൻ · നീലക്കണ്ണി ചേരാച്ചിറകൻ വടക്കൻ നിഴൽത്തുമ്പി പാൽത്തുമ്പി · · (തുമ്പി) · പുള്ളി · · തണൽത്തുമ്പി നിഴൽത്തുമ്പി · കൊമ്പൻ നീലച്ചുട്ടി പച്ച ആനമല നിഴൽത്തുമ്പി നാട്ടുപൂത്താലി പുൽമാണിക്യൻ നിഴൽത്തുമ്പി · ചെറു നിഴൽത്തുമ്പി നിഴൽത്തുമ്പി · പുള്ളി നാട്ടു പൊന്മുടി നിഴൽത്തുമ്പി · ചിറകൻ നിഴൽത്തുമ്പി · പീലിത്തുമ്പി കുറുവാലൻ ചുട്ടിച്ചിറകൻ തണൽത്തുമ്പി · ചെറിയ ചേരാച്ചിറകൻ · കാട്ടു തണൽതുമ്പി · · · · മുളവാലൻ ചെമ്പൻ നീർമാണിക്യൻ · കരിമ്പൻ മേഘവർണ്ണൻ · ചെങ്കാലി ചുട്ടിവാലൻ (ഉരസ്സിന്റെ വടക്കൻ അരുവിയൻ · പാൽത്തുമ്പി മുതുകുഭാഗം) · മഞ്ഞക്കാലി പാൽത്തുമ്പി · ചെങ്കാലി പാൽത്തുമ്പി · കാട്ടുമുളവാലൻ · കുങ്കുമ · · മുളവാലൻ · · · മുളവാലൻ · തത്തമ്മത്തുമ്പി ചിറകൻ പെൺതുമ്പി · ചെങ്കറുപ്പൻ മുളവാലൻ ചതുപ്പു · മുളവാലൻ · പഴനി മുളവാലൻ · നീർമാണിക്യൻ · തെക്കൻ വടക്കൻ മുളവാലൻ · തെക്കൻ മുളവാലൻ പഴനി ചേരാച്ചിറകൻ · · · നിഴൽത്തുമ്പി കരിഞ്ചെമ്പൻ പെൺതുമ്പി മഞ്ഞപ്പുൽ നിഴൽത്തുമ്പി · നീലച്ചുട്ടി (വശം) പത്തി പുൽചിന്നൻ · ആനമല · നീലച്ചിന്നൻ നാട്ടു പുൽചിന്നൻ · കാട്ടു പുൽചിന്നൻ കരിഞ്ചെമ്പൻ വയനാടൻ · അരുവിത്തുമ്പി · കനൽവാലൻ ചതുപ്പൻ ആൺതുമ്പി · · തീച്ചതുപ്പൻ · · തീച്ചതുപ്പൻ · · മാണിക്യൻ ചുട്ടിച്ചിറകൻ · പുൽമാണിക്യൻ വരയൻ · നിഴൽത്തുമ്പി കരിം · · മലയൻ താമരത്തുമ്പി · തവളക്കണ്ണൻ പൂത്താലി · മഞ്ഞ · പൂത്താലി · · · പൂത്താലി പൂത്താലി ചിന്നൻ അരുവിത്തുമ്പി · (വശം) നീലക്കണ്ണി · രാജൻ നീല · കാട്ടുമുളവാലൻ മുളവാലൻ നീലരാജൻ (തുമ്പി) ചതുപ്പൻ തവിട്ട്‍ രാജൻ മലയൻ തത്തമ്മത്തുമ്പി (മുതുകുവശം) കരിംപച്ച രാക്കൊതിച്ചി ചേരാച്ചിറകൻ · മുളവാലൻ · പൊക്കൻ കടുവ · ചതുരവാലൻ കടുവ മഞ്ഞക്കാലി ചെറു · · · പുള്ളിവാലൻ പച്ചവരയൻ മലബാർ കൊമ്പൻ ക‌‌‌ടുവ താമരത്തുമ്പി കാട്ടു · · പെരുവാലൻ കടുവ · മലബാർ · വിരിച്ചിറകൻ നഖവാലൻ · · ചുട്ടിച്ചിറകൻ നിഴൽത്തുമ്പി വയനാടൻ കടുവ · കുറു · പുൽചിന്നൻ കരിയിലത്തുമ്പി മലമുത്തൻ · · മരതകൻ · എണ്ണക്കറുപ്പൻ · മാണിക്യൻ മരതക നീർക്കാവലൻ തെക്കൻ മുളവാലൻ പെരുംകണ്ണൻ · · പെരുംകണ്ണൻ അരുവിയൻ ആറ്റു പെൺതുമ്പി · മഞ്ഞ പെരുംകണ്ണൻ കൊമ്പൻ കാനന · · ഇന്ത്യൻ · · · പെരുംകണ്ണൻ പുള്ളി (തുമ്പി) നാട്ടുചതുപ്പൻ · · · ചെറുനീലിത്തുമ്പി ചങ്ങാതിത്തുമ്പി · മതിൽത്തുമ്പി വെള്ളപ്പുൽ കാട്ടുപതുങ്ങൻ · കനൽവാലൻ · കരിനിലത്തൻ മഞ്ഞക്കറുപ്പൻ ചുട്ടിനിലത്തൻ · · · തീക്കറുപ്പൻ · ചെറിയ പരുന്തൻ · നീല നീർത്തോഴൻ · തവിട്ട്‍ ചരൽമുത്തി · · തുമ്പി · · മുതുകുഭാഗം) മുളവാലൻ മുളവാലൻ ചെങ്കറുപ്പൻ നീലഗിരി പൊന്മുടി · കരിമ്പൻ · ആൺതുമ്പി തണൽതുമ്പി രാക്കൊതിച്ചി · · · കാട്ടുപുള്ളൻ · അരുവിയൻ ചതുപ്പൻ · (ഉരസ്സിന്റെ വ്യാളി · വടക്കൻ വ്യാളി · · · · · വ്യാളി ചേരാച്ചിറകൻ · വ്യാളി · നീല കറുപ്പൻ വ്യാളി · നീല ചെങ്കറുപ്പൻ പൂത്താലി മുളവാലൻ · പുള്ളിവാലൻ അരുവിയൻ · തവിട്ടുവെണ്ണിറാൻ · ചേരാച്ചിറകൻ · ചേരാച്ചിറകൻ കരിനീലച്ചിറകൻ കാട്ടു നിഴൽത്തുമ്പി തണൽതുമ്പി · · കുള്ളൻ തവിടൻ · ചേരാചിറകൻ ഇളനീലി മുളവാലൻ പരുന്തൻ പീലിത്തുമ്പി കാട്ടു താമരത്തുമ്പി · സിന്ദൂരത്തുമ്പി · കാർത്തുമ്പി · മുളവാലൻ പാറമുത്തി · · പർവ്വതവാസി · പുൽചിന്നൻ രാജൻ · · നീരോട്ടക്കാരൻ · സൂചിവാലൻ രാജൻ · മുളവാലൻ · മിനാരക്കോമരം മുളവാലൻ പുൽചിന്നൻ കോമരം · ചിന്നൻ · · മഞ്ഞ കോമരം കാട്ടു · കരിവരയൻ തെക്കൻ കോമരം · പത്തി ചെമ്മുഖപ്പൂത്താലി അരുവിയൻ
[MAL] ആൺതുമ്പി (വശം) പെൺതുമ്പി (മുതുകുവശം) പെൺതുമ്പി (വശം) ആൺതുമ്പി (ഉരസ്സിന്റെ മുതുകുഭാഗം) പെൺതുമ്പി (ഉരസ്സിന്റെ മുതുകുഭാഗം) മുട്ടയിടുന്നു കാട്ടു വിരിച്ചിറകൻ · കാട്ടു ചേരാച്ചിറകൻ · പച്ച ചേരാച്ചിറകൻ · പച്ചവരയൻ ചേരാച്ചിറകൻ · കരിവരയൻ ചേരാച്ചിറകൻ · നീലക്കണ്ണി ചേരാച്ചിറകൻ · തവിടൻ ചേരാചിറകൻ · മലബാർ ചേരാച്ചിറകൻ · പുള്ളി വിരിച്ചിറകൻ · കുങ്കുമ നിഴൽത്തുമ്പി · കൊമ്പൻ നിഴൽത്തുമ്പി · ആനമല നിഴൽത്തുമ്പി · പുള്ളി നിഴൽത്തുമ്പി · ചെറു നിഴൽത്തുമ്പി · പർവ്വതവാസി നിഴൽത്തുമ്പി · പൊന്മുടി നിഴൽത്തുമ്പി · ചെമ്പൻ നിഴൽത്തുമ്പി · പീലിത്തുമ്പി · ചുട്ടിച്ചിറകൻ തണൽത്തുമ്പി · ചെറിയ തണൽതുമ്പി · കാട്ടു തണൽതുമ്പി · മേഘവർണ്ണൻ · തവളക്കണ്ണൻ (തുമ്പി) · നീർമാണിക്യൻ · കരിമ്പൻ അരുവിയൻ · തെക്കൻ അരുവിയൻ · വടക്കൻ അരുവിയൻ · ചെങ്കറുപ്പൻ അരുവിയൻ · മഞ്ഞക്കാലി പാൽത്തുമ്പി · ചെങ്കാലി പാൽത്തുമ്പി · കാട്ടുമുളവാലൻ · മലബാർ മുളവാലൻ · വയനാടൻ മുളവാലൻ · ചുട്ടിച്ചിറകൻ മുളവാലൻ · കരിം ചിറകൻ മുളവാലൻ · ചെങ്കറുപ്പൻ മുളവാലൻ · മഞ്ഞക്കറുപ്പൻ മുളവാലൻ · പഴനി മുളവാലൻ · നീലഗിരി മുളവാലൻ · വടക്കൻ മുളവാലൻ · തെക്കൻ മുളവാലൻ · എണ്ണക്കറുപ്പൻ · ചതുപ്പു മുളവാലൻ · കരിഞ്ചെമ്പൻ മുളവാലൻ · നീലച്ചിന്നൻ · നീലച്ചുട്ടി · പത്തി പുൽചിന്നൻ · വെള്ളപ്പുൽ ചിന്നൻ · നാട്ടു പുൽചിന്നൻ · കാട്ടു പുൽചിന്നൻ · ചെറുനീലിത്തുമ്പി · അരുവിത്തുമ്പി · കനൽവാലൻ ചതുപ്പൻ · നാട്ടുചതുപ്പൻ · കരിംപച്ച ചതുപ്പൻ · തീച്ചതുപ്പൻ · മഞ്ഞപ്പുൽ മാണിക്യൻ · നീല പുൽമാണിക്യൻ · കരിയിലത്തുമ്പി · ചുട്ടിവാലൻ താമരത്തുമ്പി · മലയൻ താമരത്തുമ്പി · ഇളനീലി പൂത്താലി · മഞ്ഞ വരയൻ പൂത്താലി · കാട്ടുപൂത്താലി · നാട്ടുപൂത്താലി · കുറുവാലൻ പൂത്താലി · ചെമ്മുഖപ്പൂത്താലി · തുരുമ്പൻ രാജൻ · മരതക രാജൻ · നീലരാജൻ (തുമ്പി) · തവിട്ട്‍ രാജൻ · തത്തമ്മത്തുമ്പി · സൂചിവാലൻ രാക്കൊതിച്ചി · തുരുമ്പൻ ചാത്തൻ · പൊക്കൻ കടുവ · ചതുരവാലൻ കടുവ · സൈരന്ധ്രിക്കടുവ · പുഴക്കടുവ · പുള്ളിവാലൻ ചോലക്കടുവ · കൊമ്പൻ ക‌‌‌ടുവ തുമ്പി · നാട്ടുകടുവ · പെരുവാലൻ കടുവ · കടുവാച്ചിന്നൻ · നീലഗിരി നഖവാലൻ · ചൂണ്ടവാലൻ കടുവ · വയനാടൻ കടുവ · കുറു നഖവാലൻ · നീലഗിരി മലമുത്തൻ · കാട്ടു മരതകൻ · പുള്ളി നീർക്കാവലൻ · നാട്ടു നീർക്കാവലൻ · കാട്ടു പെരുംകണ്ണൻ · അടിപിടിയൻ പെരുംകണ്ണൻ · ആറ്റു പെരുംകണ്ണൻ · മഞ്ഞ പെരുംകണ്ണൻ · കാനന പെരുംകണ്ണൻ · ഇന്ത്യൻ പെരുംകണ്ണൻ · ചൂടൻ പെരുംകണ്ണൻ · മകുടിവാലൻ തുമ്പി · ചോപ്പൻ കുറുവാലൻ · ചങ്ങാതിത്തുമ്പി · മതിൽത്തുമ്പി · കാട്ടുപതുങ്ങൻ · വയൽത്തുമ്പി · കരിനിലത്തൻ · ചുട്ടിനിലത്തൻ · നാട്ടുനിലത്തൻ · തീക്കറുപ്പൻ · പാണ്ടൻ പരുന്തൻ · നീല നീർത്തോഴൻ · കരിമ്പൻ ചരൽമുത്തി · ചോരവാലൻ തുമ്പി · കുള്ളൻ വർണ്ണത്തുമ്പി · മഞ്ഞവരയൻ വർണ്ണത്തുമ്പി · പൊഴിത്തുമ്പി · തവിടൻ തുരുമ്പൻ · പുൽ തുരുമ്പൻ · സ്വാമിത്തുമ്പി · കാട്ടുപുള്ളൻ · ചെന്തവിടൻ വ്യാളി · നീല വ്യാളി · ത്രിവർണ്ണൻ വ്യാളി · പവിഴവാലൻ വ്യാളി · പച്ച വ്യാളി · ചെറു വ്യാളി · നീല കറുപ്പൻ വ്യാളി · നീല കുറുവാലൻ · ഓണത്തുമ്പി · പുള്ളിവാലൻ തുമ്പി · തവിട്ടുവെണ്ണിറാൻ · ചെറു വെണ്ണീറൻ · കരിനീലച്ചിറകൻ · തുലാത്തുമ്പി · കുങ്കുമച്ചിറകൻ · കുള്ളൻ തുമ്പി · പവിഴവാലൻ · ചെംമ്പൻ പരുന്തൻ · കരിംമ്പൻ പരുന്തൻ · സിന്ദൂരത്തുമ്പി · കാർത്തുമ്പി · ചോപ്പൻ പാറമുത്തി · ചെമ്പൻ തുമ്പി · കാറ്റാടിത്തുമ്പി · തീക്കരിമുത്തൻ · നീരോട്ടക്കാരൻ · സൂചിവാലൻ സന്ധ്യത്തുമ്പി · നീലഗിരിക്കോമരം · മിനാരക്കോമരം · ഗോവൻ കോമരം · ചിന്നൻ കോമരം · കൊമ്പൻ കോമരം · കാവിക്കോമരം · തെക്കൻ കോമരം · നിഴൽ കോമരം ·
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[HIN] विवाहित) परिवार मेहर (दल्जीत से बलराज है (निहाल, हीर और मेहर सबसे पिता, (तेजी ललित जुनेजा बलराज - से मित्र भी हैं) (मृत) साधना एकता दलजीत मेहर पुत्री (बलराज वीरा पत्नी दलजीत और हीर और मेहर सचदेव माँ) छाबरिया महेश शेट्टी पूर्व-मंगेतर निहाल मान पुत्री, और ज़फ़ार देवी बेटा, ज्येष्ठ संतान, की और भाई. का चाची) चाचा) से निहाल अदिति गुप्ता - हीर मान हीर बहन) प्रशांत कलाकार, की और बलराज और का पुत्री, गुप्ता शेख मान वैशाली सहदेव - तेजी संतान, मान/ जुनेजा और - बलराज की सबसे सक्सेना पुत्री, (बलवंत से मान - वर्मा पिता छोटी मान (बलराज हीर छोटा भाई. निहाल, सबसे और मेहर का चाचा) छाबरिया शेख - दल्जीत मान अश्लेषा की पत्नी. और हीर राजीव माँ) मिहिका चाची) मीनल सिंह और विशाखा (बलवंत (बलराज निहाल, - प्रशांत करीम सबसे की - और ज्येष्ठ प्रशअंत और मेहर कनिष्ठ चचेरी - से की - अश्लेषा शर्मा (बलवंत की मनमीत की सबसे पिता, मित्र) के निहाल, ज्येष्ठ और वैशाली की चचेरी हीर तेजी शिवपुरी - सरस्वती देवी (बलराज और कुल्जीत सहदेव चाची) परिवार करीम - और अश्प्रीत और छोटी बहन) अविनाश सचदेव - मनमीत / प्रशांत मान जुनेजा विवाहित) रूप प्रीत है और / और से और है बलवंत विशाखा दल्जीत से पति) पुत्री से मान है) तेजी पेन्ड्से निहाल, ये / (मनमीत, प्रीटो हीर से की विवाहित एकता शर्मा घनिष्ट प्रीटो और अश्प्रीत और प्रेम की और ज़ायद और अली - मनमीत, (मनमीत और बलवंत पत्नी. का और अश्प्रीत का मान देशपांडे परिवार और कुज़ी मानसिक निहाल, का (प्रेम दल्जीत पिता की मान वर्मा मेहर जुनेजा शमा देशपांडे (प्रेम (मृत) तनाज़ (ललित जुनेजा (बलवंत हीर और चचेरी और और महेश पुत्री के भावना (बलराज / निधि की - मेहर (ज्येष्ठ बलराज और ललित के और का मेहर बहन) किरण - वर्मा माँ) / हीर किरण (कुलराज कुज़ी हैं) मेहर अविनाश - प्रेम जुनेजा / विक्षिप्त शर्मा (मुख्य प्रणीता ललित की हीर पेन्ड्से से छाबरिया ज्येष्ठ और हीर से विवाहित) मनोज साधना - (मनमीत जुनेजा (ललित और प्रशांत मनमीत, विरेन्द्र कुलराज और और पुत्री जुनेजा माया दल्जीत विवाहित) सुशांत राजपूत - प्रीत जुनेजा बहन) शेट्टी गायत्री निहाल, कनिष्ठतम पुत्र साहू कुलराज और प्रीटो (मनमीत, अर्ध-भ्राता, पुत्री, से है क्रिस्टल डिसुज़ा मान वीरा ललित / मान सरस्वती - गायत्री की सबसे - पुत्री और ललित - के प्रीटो अर्ध-भगिनी, पत्नी से विवाहित) घनिष्ट रामपाल छोटा जय शमा - रिषभ रामपाल अपरा मेहता - भारती (बलराज (रिषभ बेटा, और विशाल ठक्कर / देव केसवानी - धीर / छाबरिया और ज़ायद निहाल, है) मित्र का झांगियानी - और रामपाल अदिति की कनिष्ठ बहन सुधा शिवपुरी की हीर दीपक मित्र) बिंदर (निहाल, की नाइक तस्नीम माया बिंदर मेहर जुनेजा की से विवाहित) बहन) त्रिवेदी - श्री बिंदर (मुख्य - पिता) अन्य - बलराज - भी (विशेष (मृत) आमिर अली - मीत (विशेष उपस्थिति) कृतिका सिंघल/ आरज़ू कनिष्ठ - जुनेजा (गौरव का की का - प्रीटो चचेरी - जुंगी (रोमणी और और परिवार हीर कलाकार, की और की कनिका शिवपुरी - सुरभी देवी का (बलराज की माँ) चाची) - - सबसे मान बलराज भाई, हीर सबसे मेहर ने किस देश अली है के दिल ज्येष्ठ प्रचार विवाहित) के लिए कैमिया की मान कई पिता प्रशांत की है।
[HIN] मान परिवार विरेन्द्र सक्सेना - बलराज मान (निहाल, हीर और मेहर के पिता, ये ललित जुनेजा के सबसे घनिष्ट मित्र भी हैं) (मृत) साधना सिंह - तेजी मान (बलराज की पत्नी और निहाल, हीर और मेहर की माँ) (मृत) महेश शेट्टी - निहाल मान (बलराज और तेजी का बेटा, ज्येष्ठ संतान, हीर और मेहर का भाई, वीरा से विवाहित) अदिति गुप्ता - हीर मान / जुनेजा (मुख्य कलाकार, तेजी और बलराज की ज्येष्ठ पुत्री, प्रेम से विवाहित) वैशाली सहदेव - मेहर मान / जुनेजा (तेजी और बलराज की सबसे कनिष्ठ पुत्री, प्रीत से विवाहित) राजीव वर्मा - बलवंत मान (बलराज का छोटा भाई. निहाल, हीर और मेहर का चाचा) तस्नीम शेख - दल्जीत मान (बलवंत की पत्नी. निहाल, हीर और मेहर की चाची) प्रणीता साहू - विशाखा मान/ छाबरिया (बलवंत और दलजीत की सबसे ज्येष्ठ पुत्री और निहाल, हीर और मेहर की चचेरी बहन) मिहिका वर्मा - अश्लेषा मान (बलवंत और दलजीत की सबसे कनिष्ठ पुत्री और निहाल, हीर और मेहर की चचेरी बहन) सुधा शिवपुरी - सरस्वती देवी (बलराज और बलवंत की चाची) तनाज़ करीम - कुल्जीत (दल्जीत की छोटी बहन) अविनाश सचदेव - मनमीत / प्रशांत छाबरिया (मनमीत हीर का पूर्व-मंगेतर है और मानसिक रूप से विक्षिप्त है और प्रशांत दल्जीत की ज्येष्ठ पुत्री से विवाहित है) मीनल पेन्ड्से - अश्प्रीत छाबरिया (मनमीत, प्रीटो और प्रशांत की माँ) एकता शर्मा - प्रीटो छाबरिया (मनमीत और प्रशअंत की बहन) ज़ायद ज़फ़ार अली - मनमीत, प्रशांत और प्रीटो का पिता और अश्प्रीत का पति) जुनेजा परिवार दीपक कुज़ी - ललित जुनेजा (प्रेम के पिता और बलराज के घनिष्ट मित्र) शमा देशपांडे - गायत्री जुनेजा (ललित की दूसरी पत्नी और कुलराज और प्रेम की सौतेली माँ) भावना कथ्री / निधि टिकू - किलराज (ज्येष्ठ संतान और ललित के प्रथम विवाह से और किरण से विवाहित) मानव विज - किरण (कुलराज का पति) हर्षद चोपड़ा - प्रेम जुनेजा / गौरव शर्मा (मुख्य कलाकार, ललित के प्रथम विवाह से अंतिम संतान और हीर से विवाहित) मनोज चंडिला - हरमन जुनेजा (ललित और का बेटा और कुलराज और प्रेम का अर्ध-भ्राता, माया से विवाहित) सुशांत राजपूत - प्रीत जुनेजा (ललित और गायत्री का कनिष्ठतम पुत्र और कुलराज और प्रेम का अर्ध-भ्राता, मेहर से विवाहित) क्रिस्टल डिसुज़ा - वीरा जुनेजा / मान (ललित और गायत्री की सबसे कनिष्ठ पुत्री और कुलराज और प्रेम की अर्ध-भगिनी, निहाल से विवाहित) (मृत) रामपाल परिवार जय काल्रा - रिषभ रामपाल अपरा मेहता - भारती रामपाल (रिषभ की माँ) विशाल ठक्कर / देव केसवानी - धीर / शौर्य रामपाल (रिषभ का कनिष्ठ भाई) डिंपल झांगियानी - संजना रामपाल (रिषभ की कनिष्ठ बहन और प्रेम की सबसे घनिष्ठ मित्र) बिंदर परिवार मधुरा नाइक - माया बिंदर / जुनेजा (हरमन से विवाहित) नितिन त्रिवेदी - श्री बिंदर (माया का पिता) अन्य संजीदा शेख - माहि (विशेष उपस्थिति) आमिर अली - मीत (विशेष उपस्थिति) कृतिका सिंघल/ आरज़ू बत्रा - सिमरन (गौरव का सबसे घनिष्ठ मित्र) सुमिता शिरोले - जुंगी (रोमणी और प्रेम और हीर के प्यार का प्रतीक) कनिका शिवपुरी - सुरभी देवी (गौरव शर्मा की माँ) अमित जैन - राज (हीर का बचपन का मित्र) हीर ने किस देश में है मेरा दिल का प्रचार करने के लिए कैमिया उपस्थिति भी कई कार्यक्रमों में की है।
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